Tips For Healthy Life: स्वस्थ रहना कौन नहीं चाहता है? लेकिन स्वस्थ रहने के लिए जिन नियमों और अनुशासन वाली दिनचर्या की ज़रूरत होती है उसका पालन कोई नहीं करना चाहता है, वैसे भी आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग जल्दीबाजी के कारण हर चीज में शॉर्टकट ढूंढने लगे हैं. खाना खाने से लेकर सोने तक में अनियमितता का बोलबाला हो चुका है. इस अनहेल्दी लाइफ़स्टाईल से दिन-प्रतिदिन की समस्याओं में इजाफा हुआ है. इस अजीबोगरीब जीवन शैली के कारण आए दिन नई-नई बीमारियों का आगमन हो रहा है.आज स्वस्थ रहना सबसे कठिन चुनौती बन चुकी है. इस चुनौती से निपटने के लिए कुछ ऐसे आदतों को अपनाना होगा, जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर रख सकें. आइए आज के इस लेख में जानते हैं खुद को हेल्दी रखने केलिए कुछ जरूरी आदतों के बारे में.
ब्रह्म मुहूर्त में उठना
ब्रह्म मुहूर्त से मतलब सुबह चार बजे से छह बजे के बीच उठना. आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बहुत फायदे बताए गए हैं. आयुर्वेद कहता है कि सुबह जल्दी उठने से कफ दोष ,पित्त दोष और वात दोष संतुलित रहता है. आयुर्वेद के अनुसार इन तीनों दोषों के संतुलित होने से शरीर के सभी समस्याओं का समाधान संभव है. इतना ही नहीं सुबह जल्दी उठने से सुबह की शुद्ध हवा और सूरज की पहली किरण पूरे दिन इंसान को तरोताजा रखती है और ऊर्जा से भर देती हैं.
एक्सरसाइज करें
अगर आप चाहते हैं की आप सौ साल की उम्र तक स्वस्थ रहें तो एक्सरसाइज की आदत डाल लें. एक्सरसाइज करने से कब्ज, एसिडिटी और पाचन संबंधी दिक्कत नही होती है. एक्सरसाइज पूरे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन अच्छा रखता है और हमारे मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत रखता है. नियमित एक्सरसाइज इंसान के हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करता है और शरीर में चर्बी नहीं जमा होने देता है. इसलिए नियमित एक्सरसाइज कई सारी शारीरिक समस्याओं का निदान आसानी से कर देता है.
सुबह जल्दी नाश्ता करें
अक्सर लोग देर से सोकर उठते हैं और देर से नाश्ता करते हैं. हमारा आयुर्वेद बताता है की सुबह सात से नौ के बीच का समय नाश्ता करने का सबसे सही समय होता है, क्योंकि इस बीच पेट की जठराग्नि तीव्र होती है, जिस कारण भरपेट किया नाश्ता भी पूरी तरह से पच जाता है और नाश्ते का हर एक अंश शरीर को लगता है. जल्दी नाश्ता करने से पेट संबंधी दिक्कतें जैसे कब्ज, अपच ,एसिडिटी और गैस की समस्याएं नहीं होने पाती हैं. पेट की समस्या नही होना यानी कि कई बीमारियों से छुटकारा.
एक बजे के बाद भोजन करें
दोपहर का भोजन एक बजे के बाद करने की कोशिश करें. दोपहर बारह से दो के बीच में पाचन अग्नि तीव्र होती है जिस कारण गंभीर से गंभीर भोजन भी आसानी से पच जाता है और पेट संबंधी दिक्कतें नहीं होने पाती है. ये वह समय होता है जब इंसान को दिनचर्या के कार्यों को निपटाने के लिए ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऐसे में दोपहर के इस समय भोजन करने से लाभ होता है.
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दोपहर में सोने से बचना चाहिए
आयुर्वेद में दोपहर में सोने का जिक्र नहीं किया गया है. आयुर्वेद के अनुसार दोपहर में सोने से कफ दोष और पित्त दोष का असंतुलन हो सकता है जिसका नाकारात्मक प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है. दोपहर में सोने से पेट की समस्याएं जैसे कब्ज, एसिडिटी और अपच होने का डर रहता है, वही इस आदत से मोटापा और डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं.
रात का भोजन सूर्यास्त के ठीक बाद
सूरज ढलने के साथ ही पाचन अग्नि अपनी तीव्रता खोने लगती है जिस कारण रात का खाना सूरज ढलने के तुरंत बाद कर लेनी चाहिए. रात का भोजन हल्का होना चाहिए ताकि भोजन आसानी से पच सके. अगर आप सूर्यास्त के ठीक बाद भोजन करने की आदत डालते हैं तो इससे आपको अनेक लाभ होंगे जैसे पाचन संबंधी दिक्कतें नहीं होंगी, वजन कंट्रोल रहेगा, नींद अच्छी आती है और हार्ट हेल्दी बना रहता है.
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खुलकर हंसे
रोजाना खुलकर हंसने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है और तनाव से निपटने में काफी मदद मिलता है. हंसने की आदत तनाव, एंजायटी और डिप्रेशन को कम तो करता ही है साथ ही इससे पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है, इम्यून सिस्टम पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, याददाश्त अच्छी रहती है और कैलोरी भी बर्न होता है. इसलिए खुलकर हंसने की आदत डालें.
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