Video: झारखंड के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अनुराग गुप्ता ने नया विचार के साथ बातचीत में अमन साहू एनकाउंटर, अफीम की खेती के खिलाफ अभियान और साइबर क्राइम के बारे में विस्तार से चर्चा की.
साइबर क्राइम का सबसे कठिन मामला आपने कौन सा देखा ?
डीजीपी अनुराग गुप्ता – डिजिटल अरेस्ट, जिसपर अभी खुब चर्चा हो रही है. नया विचार ने इस विषय को प्रमुखता से उठाया है. सबसे कठिन इन्वेस्टिगेशन की बात करें, तो क्रिप्टो करेंसी की होती है. हमारे यहां एक मामला हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति ने एक बंदे को प्रलोभन देकर करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट करा दिया. जिस लोगों ने कराया था, उसके फुटप्रिंट, जैसे आपका मोबाइल फोन फुटप्रिंट होता है, आपका आईपी अड्रेस फुटप्रिंट है. आप जिस सर्वर पर काम कर रहे हैं, वो भी फुटप्रिंट है. अब सबसे बड़ी परेशान है, सभी फुटप्रिंटों को चिन्हित करना. फिर उसको लोगों के साथ जोड़ना. हमारे वाले केस में क्या था कि इस केस में जितने लोग शामिल थे सभी महाराष्ट्र से थे. उसका चीफ हांगकांग में था. वो सारे इन्वेस्टमेंट के पैसे क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से हांगकांग ले जाता था. फिर उसको कैश कर उसका यूज करता था. उस शख्स की पहचान हमको मिल गई. हमने उस बंदे को लुक आउट नोटिस जारी किया. मुझे दो से तीन महीने के बाद सुबह-सुबह डीएसपी का कॉल आया, जिसमें बताया कि बंदा मुंबई एयरपोर्ट पर अरेस्ट हो गया है. हमने फौरन दो पुलिसकर्मी को वहां भेजा और उसे पकड़कर झारखंड लेकर आए. फिर हमने हिंदुस्तानीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से मदद ली, फिर बेंगलुरु से क्रिप्टो करेंसी के एक्सपर्ट को बुलाया गया और फिर हमलोगों ने उस बंदे का कॉल डिटेल्स लिया. फिर हमलोगों ने करीब 15 लाख रुपये वापस करा लिए. हमलोगों ने एक प्रोसेस शुरू किया है, जिसमें कोर्ट के माध्यम से साइबर क्राइम के पीड़ित को उसका पैसा लौटाया भी जा सकता है.
गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर पर क्या बोले अनुराग गुप्ता
गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर पर पूछे गए सवाल पर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा, “बहुत लोगों ने कहा, ठीक हुआ गैंगस्टर मारा गया. हमें इसमें कोई खुशी नहीं है. क्योंकि पुलिस का काम किसी अपराधी को मारना नहीं है. हमारा काम उस अपराधी को कानून के सामने करना है और फिर कानून, कोर्ट का काम है उसको सजा देना. लेकिन जब कोई हमारे ऊपर बम से हमला करेगा, गोली चलाएगा, फायरिंग करेगा और भागने का प्रयास करेगा, तो हमें आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ती है. शस्त्र को रखना भी धर्म है, तो उसे उठाना भी धर्म है, परिस्थति के अनुसार. अमन साहु एक दुर्दान्त अपराधी था. उसके ऊपर 125 केस दर्ज हैं. सोशल मीडिया में कई गैंगस्टर हैं, जो अमन साहु एनकाउंटर पर शोक व्यक्त कर रहे हैं.”
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