Vidur Niti: जीवन और मृत्यु मानव अस्तित्व के दो अनिवार्य सत्य हैं. इस संसार में हर व्यक्ति अपनी लंबी आयु और सुखमय जीवन की इच्छा रखता है, लेकिन कई बार मनुष्य अपने ही कर्मों और स्वभाव के कारण अपनी आयु को घटा देता है. महाहिंदुस्तान में विदुर नीति के माध्यम से विदुर जी ने धृतराष्ट्र को ऐसे ही गहरे जीवन के सत्य बताए, जिनसे मनुष्य की जल्दी ही मृत्यु को पा जाता है.
Vidur Niti on Death: किन कारणों से घटती है व्यक्ति की आयु? विदुर नीति से जानें
विदुर नीति में धृतराष्ट्र और महर्षि विदुर के बीच एक संवाद –
धृतराष्ट्र उवाच –
शतायुर्वा पुरुषः सर्ववेदेषु वै यदा।
नाश्रोत्यथ च तत्सर्वमायुः केनैह हेयते॥ (9)
अर्थ:
धृतराष्ट्र ने पूछा – जब सभी वेदों में मनुष्य की आयु सौ वर्ष कही गई है, तो वह किस कारणवश अपनी पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं कर पाता?
विदुर उवाच —
अतिमानोऽतिवादश्च तथायागो नृपाधम।
क्रोधश्रान्तमिविहिंसा च मित्रद्रोहश्च तानि षट्॥ (10)
एतान्येवासतिक्ष्णानि कर्त्तन्यायुःषु देहिनाम्।
एतानि मानवान् हन्ति न मृत्युभयदंश्च ते॥ (11)
अर्थ: विदुर जी बोले – राजन! आपका कल्याण हो. अत्यधिक अभिमान, अधिक बोलना, त्याग की कमी, क्रोध, अपने ही पेट पालने की चिंता (स्वार्थ) और मित्रों से द्रोह – ये छह कारण मनुष्य की आयु को काटते हैं. ये ही उसके जीवन का नाश करते हैं, मृत्यु नहीं.
विदुर नीति के अनुसार मृत्यु के 6 कारण

विदुर जी के अनुसार ये छह दोष मनुष्य की आयु को घटाते हैं और उसे शीघ्र मृत्यु की ओर ले जाते हैं –
- अत्यधिक अभिमान (Over Pride)
- अधिक बोलना (Excessive Talkativeness)
- त्याग की कमी (Lack of Sacrifice)
- क्रोध (Anger)
- स्वार्थ या केवल अपने पेट पालने की चिंता (Selfishness)
- मित्रों से द्रोह (Betrayal of Friends)
विदुर नीति का यह उपदेश हमें यह सिखाता है कि मृत्यु का संबंध सीधे शरीर से नहीं है, बल्कि गलत आचरण, स्वार्थ, और नकारात्मक भावनाएं भी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को नष्ट करती हैं.जब मनुष्य अभिमान, क्रोध और द्रोह से ग्रस्त होता है, तो उसका मन अशांत रहता है – और यही मानसिक अशांति धीरे-धीरे शारीरिक विनाश का कारण बनती है.
विदुर नीति के इस श्लोक से पता चलता हैं कि दीर्घायु होने का रहस्य बाहरी कारणों में नहीं, बल्कि हमारे स्वभाव और कर्मों में छिपा है. यदि हम अपने जीवन से अहंकार, क्रोध, और स्वार्थ को दूर रखें तो हम न केवल दीर्घायु हो सकते हैं, बल्कि एक संतुलित और सुखमय जीवन भी जी सकते हैं.
कौन-सी 6 आदतें आदमी को धीरे-धीरे मौत के करीब ले जाती हैं?
विदुर नीति के अनुसार, मनुष्य की कुछ गलत आदतें उसे धीरे-धीरे मृत्यु के करीब ले जाती हैं। इनमें अत्यधिक अभिमान, अधिक बोलना, त्याग की कमी, क्रोध, स्वार्थ और मित्रों से द्रोह शामिल हैं. ये छह दोष व्यक्ति के जीवन की शांति, मानसिक स्थिरता और आत्मिक संतुलन को नष्ट कर देते हैं.
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