Waqf Bill: प्रशासन संशोधित वक्फ विधेयक को संसद में पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है. यह जानकारी संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने दी है. उन्होंने कुछ नेतृत्वक दलों और संगठनों पर समाज में अशांति फैलाने का आरोप लगाया है. इसके प्रावधानों को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप भी रीजीजू ने लगाया है. मंगलवार को संसद की बैठक फिर से शुरू होने वाली है. बिल पर हंगामा देखने को मिल सकता है.
वक्फ विधेयक को लेकर विपक्ष क्यों नहीं दे रहा साथ?
यदि सत्तापक्ष की बात करें तो उनका कहना है, वक्फ संशोधन बिल के माध्यम से इसकी संपत्तियों से संबंधित विवादों के निपटारे में आसानी होगी. वक्फ की संपत्ति का अच्छी तरह से इस्तेमाल हो सकेगा. मुस्लिम समाज की स्त्रीओं को भी मदद पहुंचेगी. बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली जेपीसी 14 संशोधनों के साथ अपनी रिपोर्ट संसद में पेश कर चुकी है. विपक्ष की ओर से प्रस्तावित किए गए 44 संशोधनों को जेपीसी खारिज कर चुकी है.
वक्फ बिल पर आपत्तियां क्या है?
1. वक्फ के किसी संपत्ति विवाद पर अब फैसले के लिए खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है. पहले वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला ही अंतिम माना जाता था.
2. अब दान किए बिना किसी संपत्ति पर वक्फ अपना अधिकार नहीं जता सकता. इससे पहले ठीक उलट था. दावे के साथ ही कोई भी संपत्ति वक्फ का अधिकार हो जाती थी.
3. वक्फ बोर्ड में स्त्री के अलावा अन्य धर्म से दो सदस्य होने चाहिए. पहले बोर्ड में ऐसा प्रावधान नहीं था.
4. कलेक्टर को वक्फ की संपत्ति के सर्वेक्षण का अधिकार मिलेगा. उसे संपत्ति का निर्धारण करने का अधिकार भी होगा.
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किरेन रीजीजू ने कहा कि विधेयक को पेश करने का समय संसद की बैठक के बाद विचार-विमर्श के पश्चात तय किया जाएगा, लेकिन वह चाहते हैं कि इसे जल्द से जल्द पारित किया जाए. संसद का चालू बजट सत्र चार अप्रैल को समाप्त होना है. इस विधेयक को कानून बनाने के लिए लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों में पारित कराना होगा.
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