नया विचार न्यूज़ सरायरंजन : प्रखंड के सीमावर्ती राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुल्तानपुर घटहो में शुक्रवार को शिक्षक सम्मान सह काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान पदोन्नत होकर स्थानांतरित होने वाले पांच शिक्षक–शिक्षिकाओं को विद्यालय परिवार की ओर से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले शिक्षक– शिक्षिकाओं में नवल किशोर, मनोज कुमार साह,मीरा कुमारी, राजनंदन प्रसाद विद्यार्थी एवं दुर्गेश यादव के नाम शामिल हैं। इस कार्यक्रम में कई शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया और शिक्षा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।काव्य गोष्ठी का आरंभ लब्ध प्रतिष्ठित कवि डॉ.सच्चिदानंद पाठक की रचना, “है राष्ट्र हमारी शान सुनो दुनिया वालों, हम वीरों की संतान सुनो दुनिया वालों…, ने लोगों में देशभक्ति का भाव जगाया। विद्यासागर ब्रह्मचारी ने अपनी रचना,”भाव ऐसे जिगर में जगाएंगे हम, होलिका नफरतों की जलाएंगे हम…, सुना कर लोगों में प्रेम सद्भावना का पाठ पढ़ाया। अरुण कुमार मालपुरी की रचना,”हिंदुस्तानीय नारी का श्रृंगार है सिंदूर, आदर्श परिवार का संस्कार है सिंदूर…,ने हिंदुस्तानीय नारी के सम्मान में अपनी आवाज बुलंद की। अचल पुत्रा की रचना, “करोगे याद तो हर बात याद आएगी,गुजरते वक्त की हर मौज ठहर जाएगी…, ने श्रोताओं को साथ-साथ गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया। कुमोद प्रसाद गिरि की रचना,”शिक्षक सिर्फ शिक्षक नहीं है एक मिशन है, सोच बदलने का उनका अपना ही विजन है…,शिक्षकों के महत्व को रेखांकित किया।वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि चंद मुसाफिर की रचना,”यह शिक्षक हैं इनको इनका अधिकार चाहिए,यह रक्षक हैं मानवता का इन्हें मानवता सा व्यवहार चाहिए…, ने शिक्षकों के प्रति प्रशासन की उदासीनता पर ध्यान आकृष्ट कराया। कार्यक्रम में शामिल सभी कवियों को अंग –वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षाविद् अचल पुत्रा ने किया। समारोह में कवयित्री रेखा पोद्दार, रूप नारायण झा, सियाराम महतो, नंदकिशोर झा, सतीश कुमार गिरि सहित दर्जनों गणमान्य मौजूद रहे।