नया विचार न्यूज़ समस्तीपुर- सदर अस्पताल एवं पिरामल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को एक दिवसीय प्रेरणादायक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य अस्पताल कर्मचारियों में नेतृत्व कौशल, करुणा, उत्तरदायित्व, सहयोग और सम्मान की भावना को जागृत करना एवं उन्हें बेहतर कार्यसंस्कृति की ओर प्रेरित करना था।कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ सिविल सर्जन डॉ. संजय कुमार चौधरी, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार, डॉ. अशुतोष, डॉ. मेराज, डॉ. शात्विक एवं डॉ. प्रज्ञा, आदित्य नाथ झा डीपीसी आदि गणमान्य चिकित्सकों की उपस्थिति में हुआ।
पिरामल फाउंडेशन के कार्यक्रम निदेशक श्रीमती शाइस्ता फिरोज एवं श्री शांतनु दास ने बतौर प्रशिक्षक कार्यशाला का संचालन किया। उन्होंने रोचक गतिविधियों, अनुभव आधारित लर्निंग, केस स्टडीज और संवाद के माध्यम से कर्मचारियों के बीच सुरक्षा, विश्वास, जिम्मेदारी और आपसी सम्मान जैसे मूल्यों को व्यवहार में उतारने हेतु प्रेरित किया। इन गतिविधियों ने कर्मचारियों को आत्मचिंतन और भावनात्मक जुड़ाव के साथ सीखने का अवसर प्रदान किया।सिविल सर्जन डॉ. संजय कुमार चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसी कार्यशालाएँ केवल कर्मचारियों के कार्य निष्पादन में ही नहीं, बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाती हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व वर्ष में भी पिरामल फाउंडेशन द्वारा इसी प्रकार की कार्यशाला आयोजित की गई थी, जिसके प्रभावस्वरूप कर्मचारियों के व्यवहार और दृष्टिकोण में सराहनीय परिवर्तन देखने को मिला था।
डॉ. गिरीश कुमार ने कहा कि मानव संसाधन विकास किसी भी संस्थान की सफलता की कुंजी है। उन्होंने सभी स्टाफ से आग्रह किया कि वे इस प्रकार के प्रशिक्षण से प्राप्त सीख को केवल सैद्धांतिक न रखकर उसे अपने व्यवहार एवं सेवाभाव में परिलक्षित करें।
कार्यशाला के दौरान कर्मचारियों ने अपने अनुभव साझा किए, भावनात्मक और व्यवहारिक स्तर पर प्रशिक्षण के प्रभाव को स्वीकार किया, और यह भी कहा कि उन्हें पहली बार ऐसा मंच मिला जहाँ उन्होंने खुलकर संवाद किया और एक-दूसरे को समझने का अवसर प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम के पश्चात कर्मचारियों द्वारा यह विश्वास दिलाया गया कि वे अपने कार्यस्थल पर कार्यशाला में बताए गए उद्देश्यों और मूल्यों को अपनाएंगे तथा अस्पताल परिसर में सुरक्षा, विश्वास, जिम्मेदारी और सम्मान की भावना को सुदृढ़ करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे अपने सहयोगियों को भी प्रेरित करेंगे ताकि अस्पताल में एक सकारात्मक, सहयोगात्मक और सेवा-केंद्रित वातावरण विकसित हो सके।
इस अवसर पर पिरामल फाउंडेशन की ओर से उपस्थित जिला प्रतिनिधियों ने बताया कि संगठन भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशालाओं को विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित करता रहेगा, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं की आंतरिक शक्ति और नेतृत्व क्षमता का भी विकास हो सके।