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February 9, 2025

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भारतीय मूल के Rachin Ravindra पाकिस्तान में हुए लहूलुहान, मैदान पर खर्च हुए सात अरब रुपये और 480 एलईडी व्यर्थ, सोशल मीडिया पर बवाल

Rachin Ravindra: पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच त्रिकोणीय सीरीज की शुरुआत कल 8 फरवरी को लाहौर में शुरू हुआ. पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच पहला मुकाबले में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान को 78 रनों से हराया. लेकिन इसी मुकाबले के दौरान एक भयावह घटना घटी, जब न्यूजीलैंड के खिलाड़ी रचिन रवींद्र गंभीर रूप से चोटिल हो गए. पाकिस्तान की पारी के 38वें ओवर में बल्लेबाज खुशदिल शाह ने डीप स्क्वायर लेग की दिशा में शॉट स्पोर्ट्सा. वहां मौजूद रचिन रवींद्र ने कैच पकड़ने की कोशिश की, लेकिन फ्लड लाइट्स के कारण गेंद को सही तरीके से जज नहीं कर सके. गेंद उनके हाथ से फिसलकर सीधे चेहरे पर जा लगी, जिससे उनका माथा बुरी तरह चोटिल हो गया और खून बहने लगा.  इस मैच का आयोजन लाहौर के गद्दाफी क्रिकेट स्टेडियम में हुआ था, लेकिन सोशल मीडिया पर चर्चा है कि खराब फ्लड लाइट्स के कारण रचिन रवींद्र को यह चोट लगी. रोशनी में बाधा के कारण वह गेंद को सही तरीके से पकड़ नहीं सके, जिससे गेंद उनके चेहरे पर आकर लगी. यह दृश्य इतना भयानक था कि मैदान पर मौजूद हर किसी की सांसें थम गईं. खून से लथपथ रचिन को तुरंत मैदान से बाहर ले जाया गया और अब उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की जा रही है. आपको बता दें कि रचिन हिंदुस्तानीय मूल के हैं. उनके माता पिता बंगलुरु के निवासी रहे हैं. फिलहाल वे न्यूजीलैंड में शिफ्ट हो गए हैं. हाल ही में हिंदुस्तानीय दौरे पर रचिन रवींद्र हिंदुस्तान में टेस्ट सीरीज स्पोर्ट्सने के लिए आए थे, तो अपनी दादी से मिलने गए थे. रचिन न्यूजीलैंड की टीम के अहम खिलाड़ी हैं और वे चैंपियंस ट्रॉफी स्क्वॉड का भी हिस्सा हैं. टूर्नामेंट से पहले लगी चोट कीवी टीम के लिए समस्या का कारण बन सकती है. Forget #ChampionsTrophy2025, Pakistan needs Basic Repair System for their stadiums first🤬 Cricket or blindfold challenge? Players deserve safety, not survival training!🙄 Hope Rachin Ravindra is recovered soon🙏🏻#PAKvNZ pic.twitter.com/tUu5wqKbdv — Mastikhor 🤪 (@ventingout247) February 8, 2025 पाकिस्तान को 28 साल बाद किसी आईसीसी के टूर्नामेंट के आयोजन की मेजबानी करने का अवसर मिला है. इसकी तैयारी के लिए पाकिस्तान ने तीन स्टेडियम के पुनर्निमाण के लिए कुल 18 अरब रुपए खर्च किए. हालांकि इसकी रकम पहले 12.8 अरब पाकिस्तानी रुपए निर्धारित की गई थी, वह 6 अरब बढ़ गई. लाहौर के इस गद्दाफी स्टेडियम को बनाने में उसने 7.7 अरब रुपये खर्च किए हैं. मैदान के रिनोवेशन के लिए पवेलियन के निर्माण के लिए 1,100 मिलियन रुपए, खिलाड़ियों के लिए रूम बनाने के लिए 3,471 मिलियन रुपए. बाहर के बाड़े की स्टील संरचना के लिए 1,250 मिलियन रुपए, मैदान के बाहर खाई (ड्रेनेज सिस्टम) के लिए 189 मिलियन रुपए, दो नई एलईडी डिजिटल स्क्रीन लगाने के लिए 330 मिलियन रुपए खर्च किए हैं. इसके अलावा, स्टेडियम में 523 मिलियन रुपए की लागत से पुरानी फ्लड लाइट्स की जगह 480 एलईडी लाइटें लगाई जा रही हैं. 375 मिलियन रुपए सीटों की स्थापना के लिए और 93 मिलियन रुपए बाहरी सुधार कार्यों के लिए आवंटित किए गए हैं. लेकिन इतना सब खर्च करने के बाद भी मैच के दौरान सही लाइट न होने की वजह से रचिन रविंद्र को चोटिल होना पड़ा है. सोशल मीडिया पर रचिन रविंद्र की चोट के बाद उबाल आ गया है, कि एक यूजर ने लिखा, “आतंकवादियों की गोली से बच जाओगे तो 100 रुपये की LED बल्ब में मुँह तुड़वाओगे. ICC को भिखमंगे के सिवाय कोई और देश नही मिला था चैंपियन ट्रॉफी के लिए” आतंकवादियों की गोली से बच जाओगे तो 100 रुपये की LED बल्ब में मुँह तुड़वाओगे। ICC को भिखमंगे के सिवाय कोई और देश नही मिला था चैंपियन ट्रॉफी के लिए। Get well soon Rachin Ravindra 🤝#PAKvNZ pic.twitter.com/lnSzWdVYsF — Risky Yadav (@riskyyadav41) February 8, 2025 वहीं टकराव इतना जबरदस्त था कि रचिन कुछ देर के लिए होश खो बैठे और उन्हें साफ दिखाई देना बंद हो गया. दर्द से कराहते हुए वह मैदान पर गिर पड़े. तुरंत ही मेडिकल टीम मैदान पर पहुंची और उनकी प्राथमिक चिकित्सा की गई. इसके बाद उन्हें मैदान से बाहर ले जाया गया. न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के अनुसार, रचिन के माथे पर गंभीर चोट आई है और उनका उपचार जारी है. हालांकि, उनकी मौजूदा स्थिति को लेकर अब तक कोई विस्तृत अपडेट नहीं दिया गया है.  पाकिस्तान ने वनडे ट्राई सीरीज 2025 की शुरुआत हार के साथ की. पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने 6 विकेट के नुकसान पर 330 रन बनाए, जिसमें ग्लेन फिलिप्स ने 74 गेंदों में शानदार 106 रन जड़े. जवाब में पाकिस्तान की टीम 48वें ओवर में 252 रनों पर ऑलआउट हो गई. पाकिस्तान को न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मुकाबले में 78 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस तरह न्यूजीलैंड ने आसानी से मुकाबला अपने नाम कर लिया. फखर जमां ने शानदार वापसी करते हुए 69 गेंदों में 84 रन बनाए, जिसमें 7 चौके और 4 छक्के शामिल थे, लेकिन उनकी पारी टीम को जीत नहीं दिला सकी. क्रिकेट के लिए छोड़ दी अपनी शादी, दक्षिण अफ्रीका के इस खिलाड़ी ने गजब ही कर दिया ICC विश्वकप लीग में अनोखा ट्विस्ट, मैदान नहीं सड़कों पर फंसी टीमें, ट्रैफिक से क्रिकेट में चक्का जाम The post हिंदुस्तानीय मूल के Rachin Ravindra पाकिस्तान में हुए लहूलुहान, मैदान पर खर्च हुए सात अरब रुपये और 480 एलईडी व्यर्थ, सोशल मीडिया पर बवाल appeared first on Naya Vichar.

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कांग्रेस के हैट्रिक से गदगद बीजेपी, खत्म हुआ 27 सालों का इंतज़ार

Delhi Election 2025: दिल्ली के नतीजों से बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. कांग्रेस को फिर एक बार बिना सीटों के लिए संतुष्ट रहना पड़ा है.दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक प्रशासन चलाने के बाद सत्ता से जो बाहर हुई, अबतक वापसी नहीं हो पाई है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी में दो प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. कांग्रेस को करीब 6.4 प्रतिशत वोट हासिल हुई. जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में उसे 4.26 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस ने लगाई हार की हैट्रिक दिल्ली में कांग्रेस को बहुत कुछ हासिल नहीं हुआ है. पार्टी का प्रदर्शन पिछले बार के लगभग स्थिर रहा. दिल्ली 2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 4% के करीब वोट मिला था और इस बार 6% से ही संतुष्ट रहना पड़ा है. इस चुनाव में 12 सीटें ऐसी हैं जहां आम आदमी पार्टी को भाजपा से जितने मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा उससे अधिक मत कांग्रेस को मिले हैं. यह भी पढ़ें.. प्रवेश वर्मा के सीएम बनने के क्यों लग रहे कयास? क्या है इसके पीछे का कारण बीजेपी ने खत्म किया 27 सालों का नेतृत्वक सूखा दिल्ली में बीजेपी को आखिरी बार साल 1993 में कीट हासिल हुई थी. साल 1998 में आखिरी बार सुषमा स्वराज के हाथों में दिल्ली की कमान थी. बीजेपी लगातार उसके बाद दिल्ली में चुनाव हारते रही है. बीजेपी का सबसे बुरा दौर साल 2015 में आया जब पार्टी को महज 3 सीटें ही मिली. इस बार बीजेपी ने 27 सालों बाद चुनाव जीत कर बड़ा करिश्मा की है. सबकी निगाहें अब दिल्ली में बीजेपी किसे सीएम चेहरा बनाएगी इसपर टिकी हुई है. यह भी पढ़ें.. 2% के स्पोर्ट्स से कैसे केजरीवाल हुए फेल? बीजेपी ने जीती 48 सीटें यह भी पढ़ें.. Delhi Result : दिल्ली के बाद पंजाब में भी आप को हिला सकती है बीजेपी, मिलने लगे संकेत The post कांग्रेस के हैट्रिक से गदगद बीजेपी, खत्म हुआ 27 सालों का इंतज़ार appeared first on Naya Vichar.

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दिल्ली की हार में ‘कांग्रेस’ और ‘आप’ के विवाद पर क्या है राजद की राय? मनोज झा ने इशारे ही इशारे में कह दी बड़ी बात

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का परिणाम भाजपा के पक्ष में आया है. बीजेपी को 48 सीटों पर जीत मिली जबकि आम आदमी पार्टी इसबार 22 सीटों पर ही सिमट गयी. वहीं कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला. कांग्रेस के कई उम्मीदवारों की जमानत जब्त तक हो गयी. दिल्ली चुनाव परिणाम सामने आने पर यह चर्चा भी छिड़ी है कि कांग्रेस ने ‘आप’ से बदला लिया और कई सीटों पर अरविंद केजरीवाल समेत उनके उम्मीदवारों की हार की वजह बनी. राजद ने इसपर प्रतिक्रिया दी है. राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इंडी गठबंधन(I-N-D-I-A) पर बयान दिया है. राजद सांसद मनोज झा ने भाजपा को दी बधाई दिल्ली में भाजपा की प्रचंड जीत पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि जीत जनता के कारण होता है. 27 साल बहुत बड़ी अवधि होती है. किसी चुनाव में समान कारण वजह नहीं बनता. कई वजह होते हैं जिसके कारण परिणाम बदलता है. भाजपा को जीत की शुभकामना देते हुए मनोज झा ने कहा कि अब भाजपा के पास बहाना नहीं होगा. डबल इंजन की प्रशासन दिल्ली में होगी. अब एलजी साहेब भी थोड़े हल्के हो जाएंगे. उन्हें डबल भूमिका नहीं निभानी होगी. ALSO READ: दिल्ली की दो दर्जन सीटों पर बिहार-पूर्वांचल के वोटरों ने दिखाया दम, नयी प्रशासन चुनने में रहा बड़ा रोल क्या कांग्रेस से आप को हुआ नुकसान? मनोज झा ने कांग्रेस को आम आदमी पार्टी की हार की वजह मानने से लगभग इनकार करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन इसलिए बना था कि केंद्र में एक वैकल्पिक प्रशासन बनाएंगे. लेकिन तब भी सबको यह मालूम था कि राज्यों में हम एक-दूसरे के खिलाफ भी कई बार जा सकते हैं. केरल, पश्चिम-बंगाल उदाहरण है. #WATCH दिल्ली: RJD सांसद मनोज झा ने कहा, “27 साल बहुत लंबा समय होता है… 27 साल बाद भाजपा दिल्ली की सत्ता में लौटी है, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। अब उनके पास वह बहाना भी नहीं रहेगा कि डबल इंजन प्रशासन नहीं है… INDIA गठबंधन एक केंद्रीय विचार था, हमने इसे केंद्र में वैकल्पिक… pic.twitter.com/d8Y47f8QFc — ANI_HindiNews (@AHindinews) February 9, 2025 विपक्षी दलों के तालमेल पर बोले… मनोज झा ने कहा कि लोकसभा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का समझौता हुआ था लेकिन पंजाब और दिल्ली में नहीं हुआ. इस तरह की विसंगतियां होती हैं. यह कहना कि अगर दिल्ली की 13 सीटों पर कांग्रेस नहीं होती तो ये होता वो होता, ये सब बहस के लिए सही है लेकिन कांग्रेस भी फिर अन्य राज्यों के चुनाव का उदाहरण दे सकती है. विपक्षी दलों को क्या दी सलाह… मनोज झा ने कहा कि इस तरह तो कांग्रेस भी गोवा, गुजरात, हरियाणा का तर्क दे सकती है. सांसद ने कहा कि अगर दलों को बेहतर समन्यवय की उम्मीद लगती है तो इसका फैसला चुनाव नजदीक देखकर नहीं बल्कि पहले से ही करना होगा. काउंटिंग के दिन इसपर चर्चा करना गलत है. The post दिल्ली की हार में ‘कांग्रेस’ और ‘आप’ के विवाद पर क्या है राजद की राय? मनोज झा ने इशारे ही इशारे में कह दी बड़ी बात appeared first on Naya Vichar.

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Telanga Kharia Jayanti: तेलंगा खड़िया के वंशज बेरोजगारी की वजह से कर गये पलायन, विकास की योजनाएं भी ठप

गुमला, दुर्जय पासवान : नौ फरवरी को शहीद तेलंगा खड़िया की जयंती है. देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ने व जमींदारी प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने वाले वीर शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज गरीबी व बेरोजगारी में दूसरे राज्य पलायन कर गये हैं. अभी एक माह पहले शहीद के 20 वंशज काम करने के लिए गोवा, मुंबई और बिहार चले गये हैं. ये लोग होटल में वेटर, कपड़ा दुकान, पत्थर चीरने व ईंट भटठा में ईंट बनाने का काम कर रहे हैं. शहीद के गांव के अन्य दो दर्जन से अधिक युवक-युवती भी पलायन कर गये हैं. सिसई प्रखंड के नागफेनी में तेलंगा खड़िया के रहते हैं 16 परिवार गुमला से 25 किलोमीटर दूर सिसई प्रखंड के नागफेनी घाघरा गांव में शहीद तेलंगा खड़िया के 16 परिवार रहते हैं. इस गांव में रोजगार का कोई साधन नहीं है. विकास की योजनाएं ठप है. गरीबी में लोग जी रहे हैं. घर का कोई सदस्य बीमार होने पर इलाज कराने के लिए खेती योग्य जमीन गिरवी रखनी पड़ती है. इसलिए शहीद के वंशज पैसा कमाने के लिए दूसरे राज्य चले गये. अधिकांश युवक-युवती पढ़ने-लिखने वाले हैं. कॉलेज और स्कूल की पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करने गये हैं. शहीद के परपोता की जमीन गिरवी शहीद के परपोता स्व जोगिया खड़िया के पुत्र विकास खड़िया आइटीआई करने के बाद मजदूरी करने के लिए मुंबई चला गया. जानकारी के मुताबिक वह अपने माता पिता द्वारा गिरवी रखी गयी डेढ़ एकड़ जमीन को मुक्त कराने के लिए पैसा कमाने गया है. वंशजों ने बताया कि वर्ष 2023 में जोगिया खड़िया और उसकी पत्नी पुनी खड़ियाइन जब जीवित थे तो इन लोगों ने अपनी बीमारी के इलाज कराने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन गिरवी रखी थी. गुमला की हर छोटी बड़ी समाचारें यहां पढ़ें प्रशासन ने तेलंगा खड़िया के विकास खड़िया को नहीं दिया रोजगार जमीन गिरवी रखने के बाद इलाज हुआ. लेकिन, कुछ माह के अंतराल में दोनों पति पत्नी की मौत हो गयी. इसके बाद प्रशासन ने स्व जोगिया के बेटे विकास खड़िया को आइटीआई कराया. लेकिन, गिरवी जमीन मुक्त नहीं हो सका. आइटीआइ करने के बाद प्रशासन ने विकास खड़िया को रोजगार नहीं दिया. इसलिए वह पैसा कमाने मुंबई चला गया. क्या कहते हैं तेलंगा खड़िया के वंशज गांव में सरना, खड़िया और उरांव मसना घेराबंदी, सोलर जलमीनार, डीप बोरिंग, शहीद के वंशजों की पहचान के लिए पहचान पत्र बने. प्रतिमा स्थल जहां नौ फरवरी को मेला लगता है, वहां पर सुंदरीकरण और पेयजल की व्यवस्था हो. संतोष खड़िया, वंशज मैं शहीद तेलंगा खड़िया का वंशज हूं. मेरे बड़े भाई जोगिया खड़िया और भाभी पुनी खड़ियाइन की बीमार के कारण दो साल पहले निधन हो गया. जमीन गिरवी है. मेरा भतीजा, मेरे दो बेटे सहित गांव के 20 से 25 लोग पलायन कर गये. किनू खड़िया, परपोता Also Read: Jharkhand News: धनबाद के मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में लगी आग, मची अफरी तफरी The post Telanga Kharia Jayanti: तेलंगा खड़िया के वंशज बेरोजगारी की वजह से कर गये पलायन, विकास की योजनाएं भी ठप appeared first on Naya Vichar.

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Mahakumbh Mela 2025 : ट्रेन से जा रहे हैं महाकुंभ तो इस नये नियम के बारे में जान लें, नहीं तो फंस जाएंगे

Mahakumbh Mela 2025 : महाकुंभ 2025 में अमृत स्नान पर्वों के बाद भी संगम स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ भारी मात्रा में प्रयागराज पहुंच रही है. महाकुंभ की शुरूआत हुए 26 दिन हो चुके हैं, अब तक इसमें 42 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं. इसके बाद भी प्रतिदिन महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है. महाकुंभ में भीड़ की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रयागराज रेलवे ने वन डायरेक्शन प्लान को अगले आदेश तक लागू रखने की योजना बनाई है. सुगम और सुरक्षित रेल यात्रा के लिए प्रयागराज रेलवे ने तीर्थयात्रियों के स्टेशन परिसर में एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रूट बनाया है. सुरक्षित रेल यात्रा के लिए लागू रहेगा वन डायरेक्शन प्लान महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रयागराज रेल मंडल ने अगले आदेश तक वन डायरेक्शन प्लान लागू रखने का ऐलान किया है. रेल मंडल के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि प्रयागराज रेलवे ने तीर्थयात्रियों की सुगम और सुक्षित यात्रा को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया है. मुख्य स्नान पर्वों की तरह विशेष तौर पर प्रयागराज जंक्शन स्टेशन परिसर में यात्रियों का प्रवेश केवल सिटी साईड प्लेटफार्म नं. 1 से ही कराया जाएगा. जबकि निकास स्टेशन के सिविल लाइंस साइड, प्लेटफार्म नं. 6 और 10 की ओर से ही होगा. ये भी पढ़ें : महाकुंभ स्नान के लिए जाना चाहते हैं तो 17 से 28 फरवरी तक रांची से उड़ान भरेगी विमान, यहां देखें टाइम टेबल स्टेशन परिसर में प्रवेश के लिए खास प्लान पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि स्टेशन परिसर में तीर्थयात्रियों को प्लेटफार्म तक कलर कोडेड टिकट और आश्रय स्लथों के माध्यम से ही पहुंचाया जाएगा. कलर कोडेड आश्रय स्थल दिशावार यात्रियों के गंतव्य स्टेशनों के मुताबिक बनाये गये हैं. इनमें अस्थाई टिकट घर, शौचालय व यात्रियों के ठहरने की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि आरक्षित यात्रियों को स्टेशन में प्रवेश गेट संख्या 5 से दिया जाएगा, साथ ही प्रयागराज रेलवे ने तीर्थयात्रियों से सुगम और सुरक्षित रेल यात्रा के लिये ट्रेनों के निर्धारित समय से अतिरिक्त समय लेकर आने का अनुरोध किया है. इसके अलावा सिविल पुलिस के सहयोग से शहर में चलने वाले टैक्सी, आटो और ई-रिक्शा चालकों से अनुरोध किया है कि वे भी तीर्थयात्रियों को रेलवे स्टेशन वन डायरेक्शन प्लान के मुताबिक ही लाएं. ताकि शहर में जाम और स्टेशन परिसर में भगदड़ की स्थिति से बचा जा सके. The post Mahakumbh Mela 2025 : ट्रेन से जा रहे हैं महाकुंभ तो इस नये नियम के बारे में जान लें, नहीं तो फंस जाएंगे appeared first on Naya Vichar.

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Chocolate Day Messages: चॉकलेट डे को खास बनाएं इन मिठास से भरी शायरी के साथ

Chocolate Day Messages: फरवरी का महीना प्रेमी जोड़ों के लिए बहुत ही खास माना जाता है. इस महीने के दूसरे हफ्ते से यानी 7 फरवरी से वैलेंटाइन वीक की शुरुआत होती है. वैलेंटाइन डे का तीसरा दिन 9 फरवरी चॉकलेट डे के रूप में मनाया जाता है. चॉकलेट डे के दिन लोग अपने चाहने वालों को चॉकलेट देना पसंद करते हैं. चॉकलेट खाने में मीठी होती है और हमारे मूड को भी अच्छा बनाने में मदद करती है. अगर आप भी चॉकलेट डे के दिन कुछ खास करना चाहते हैं तो मीठी-मीठी शायरी को अपने पार्टनर को भेज सकते हैं. 1.आज चॉकलेट डे है चॉकलेट तो खिलाओ मीठी-मीठी कोई बात तो सुनाओ कब से तड़प रहे हैं हम आपके प्यार में आज तो हमें अपने गले से लगाओ. 2. जब भी तेरा ख्याल आता है, दिल में इक मिठास-सी छा जाती है चॉकलेट की तरह प्यारी लगती है तू, तेरी हर मुस्कान हमें बहा ले जाती है. वैलेंटाइन वीक से जुड़ी समाचारें यहां पढ़ें यह भी पढ़ें: Valentine’s Week Unique Gift Ideas : वैलेंटाइन डे पर पार्टनर को दें ऐसा तोहफा, देखते ही खिल जाएगा चेहरा 3. इस छोटी सी दुनिया में हम हो जाएं कहीं गुम जहां हो सिर्फ एक चॉकलेट और हम तुम. 4. आपके जीवन में भरे  खुशियां अपार ऐसे, खूब भरी होती है  मिठास चॉकलेट में जैसे. 5.स्वीट से दिन में अपने स्वीट से दोस्त को स्वीट सी चॉकलेट मेरी ओर से यह भी पढ़ें: Chocolate Day Recipe : घर बैठें कीजिए पार्टनर को इंप्रेस, बनाइए ये हार्ट शेप ड्राई फ्रूट चॉकलेट 6. मीठा इंतजार और इंतजार से भी मीठा यार, मीठा यार और यार से भी प्यार मीठा, मीठा प्यार और प्यार से भी मीठा अपनी यारी. 7.दिल हमारा चॉकलेट की तरह नाज़ुक, तुम उसमे ड्राई फ्रूट्स का तड़का, लाइफ होगी फ्रूट एंड क्यूट जेसी, अगर मिल जाये गर्लफ्रेंड तेरे जेसी, यह भी पढ़ें: Chocolate Day 2025 : 9 फरवरी को मनाया जाता है चॉकलेट डे, जानें इस दिन की कुछ मीठी बातें 8. मिठास भरी हुई हर ओर है, लगे है जैसे खूबसूरत शमा पुर-जोर में है, ढूँढा तो पाया, आपकी है ये मिठास, यह भी पढ़ें: Valentine’s Day 2025 Mehndi Designs: मेहंदी के जरिये अपने प्यार का करें इजहार,वेलेंटाइन डे पर ट्राई करें ये स्टाइल्स The post Chocolate Day Messages: चॉकलेट डे को खास बनाएं इन मिठास से भरी शायरी के साथ appeared first on Naya Vichar.

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Thandel Box Office Day 2: नागा चैतन्य की मूवी थंडेल हिट हुई या फ्लॉप? लवयापा- बैडएस रविकुमार का निकला दम

Thandel Box Office Collection Day 2: नागा चैतन्य और साई पल्लवी की तेलुगु फिल्म थंडेल ने 7 फरवरी को बड़े पर्दे पर दस्तक दी. रोमांटिक ड्रामा फिल्म चंदू मोंडेती की ओर से निर्देशित है. सच्ची कहानी पर आधारित थंडेल को तेलुगु के अलावा तमिल और हिंदी भाषा में भी रिलीज किया गया है. मूवी को बॉक्स ऑफिस पर लवयापा, बैडएस रवि कुमार के साथ-साथ सनम तेरी कसम, पद्मावत और इंटरस्टेलर जैसे मूवीज के री-रिलीज से भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा. चलिए आपको बताते हैं थंडेल ने दूसरे दिन कितनी कमाई की. दूसरे दिन फिल्म थंडेल ने कितनी कमाई की फिल्म थंडेल में नागा चैतन्य राजू का किरदार निभाते हैं, जो एक मछुआरा है. साई पल्लवी उसकी गर्लफ्रेंड सत्या के रोल में दिखी है. फिल्म की कहानी एक रियल लाइफ घटना पर बेस्ड है, जिसमें एक मछुआरा गलती से पाकिस्तान वार्टस में चला जाता है और उसे कैद कर लिया जाता है. Sacnilk की रिपोर्ट के मुताबिक, ओपनिंग डे पर फिल्म ने 11.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. दूसरे दिन मूवी ने 12.64 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया. थंडेल के सुबह की ऑक्यूपेंसी 39.33 %, दोपहर में 61.07 % और रात में 71.56% थी. वहीं,बैडएस रवि कुमार ने दो दिन में सिर्फ 4.75 करोड़ रुपये और लवयापा ने 2.65 करोड़ रुपये की कमाई की. थंडेल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे वन- 11.5 करोड़ रुपये थंडेल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे वन- 11.5 करोड़ रुपये थंडेल टोटल कलेक्शन- 12.64 करोड़ रुपये फिल्म थंडेल के लिए नागा चैतन्य ने की खूब तैयारी नागा चैतन्य ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए फिल्म थंडेल में अपने किरदार की तैयारी को लेकर कहा था, मछुआरे राजू का रोल निभाने के लिए उन्होंने दो साल तक तैयारी की. उन्होंने मछुआरे की शारीरिक भाषा को सही ढंग से अपनाने के लिए अपनी शारीरिक बनावट और बारीकियों पर काम किया. एक्टर ने बताया, मैं इस किरदार के साथ काफी समय तक रहा. हमने कई वर्कशॉप किया और हर डिटेल पर काम किया. हमने फिल्म के साथ कोई जल्दबाजी नहीं किया. मैंने इस फिल्म को दो साल दिए और इसके अलावा मैंने कोई और दूसरा काम नहीं लिया. यह भी पढ़ें- Badass Ravikumar Box Office 2: हिमेश रेशमिया की बैडएस रविकुमार ने लवयापा को दूसरे दिन धो डाला, जानें अबतक का कलेक्शन यह भी पढ़ें- Loveyapa First Review: करण जौहर ने फिल्म लवयापा का किया पहला रिव्यू, कहा- 2025 की पहली प्रेम कहानी… The post Thandel Box Office Day 2: नागा चैतन्य की मूवी थंडेल हिट हुई या फ्लॉप? लवयापा- बैडएस रविकुमार का निकला दम appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Politics: क्या इस सीट से चुनाव लड़ेंगे सीएम नीतीश के बेटे निशांत? होली के बाद थाम सकते हैं पार्टी का दामन

Bihar Politics: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर तमाम नेतृत्वक पार्टियां अपने-अपने हिस्से की तैयारी में जुट गई हैं. चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार भी हरकत में हैं. इन दिनों वह प्रगति यात्रा कर रहे है, जिसके तहत वह बिहार के अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं. इसी बीच सीएम नीतीश के बेटे निशांत की जदयू में शामिल होने की चर्चा नेतृत्वक गलियारों में तेज हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि होली के बाद निशांत अपने पिता की पार्टी जदयू में शामिल हो सकते हैं.  इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं निशांत रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम नीतीश की उम्र और कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए निशांत कुमार को भी इस बार के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा जा सकता है. संभावना है कि उन्हें उनके पिता नीतीश कुमार के विधानसभा क्षेत्र हरनौत से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. यदि निशांत कुमार हरनौत से चुनाव लड़ते हैं तो 1985 के बाद यह पहली बार होगा जब इस सीट पर नीतीश कुमार के परिवार का कोई उम्मीदवार चुनावी मैदान में होगा. वर्तमान में हरनौत से जदयू के हरि नारायण सिंह विधायक हैं. बता दें, सीएम नीतीश कुमार 1985 में पहली बार नालंदा के हरनौत से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. हालांकि, निशांत कुमार ने कई बार खुद कहा है कि वो नेतृत्व में नहीं आएंगे.  बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें पिता को वोट करने की अपील सीएम नीतीश के बेटे निशांत कुमार के जदयू में शामिल होने की चर्चा पिछले साल से ही हो रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, कुछ नेता का भी मानना है कि वे सक्रिय नेतृत्व में आएं. हालांकि, पार्टी के कई बड़े नेता इस बात को नकारते आए हैं. निशांत कुमार हमेशा से नेतृत्वक कार्यक्रमों से दूरी बनाते आए हैं. लेकिन, बीते 17 जनवरी को अचानक बख्तियारपुर में हुए स्वतंत्रता सेनानियों के श्रद्धांजलि सभा में निशांत शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने पिता के समर्थन में बिहार की जनता से वोट करने की अपील की थी. इसके बाद से ही बिहार की नेतृत्व में हलचल मच गई. कयास लगने शुरू हो गए. इस दौरान उन्होंने अपने पिता के काम की सराहना भी की थी. ALSO READ: Bihar Crime: लग्जरी कार से 9 लाख का गांजा जब्त, नेपाल से लाकर सप्लाई करने का था प्लान The post Bihar Politics: क्या इस सीट से चुनाव लड़ेंगे सीएम नीतीश के बेटे निशांत? होली के बाद थाम सकते हैं पार्टी का दामन appeared first on Naya Vichar.

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Avoid these 3 colors in spring and autumn: बसंत और पतझड़ में भूलकर भी न पहनें ये 3 रंग, वरना मक्खी-मच्छर कर देंगे परेशान

Avoid these 3 colors in spring and autumn: क्या आप जानते हैं कि बसंत और पतझड़ के मौसम में कुछ खास रंग पहनने से आप मच्छरों, मक्खियों और छोटे कीड़ों का निशाना बन सकते हैं? जी हां, ये मौसम बदलाव का संकेत लेकर आते हैं, लेकिन कुछ रंग ऐसे होते हैं जो इन कीड़ों को तेजी से आकर्षित करते हैं. अगर आप अनजाने में इन रंगों को पहनते हैं, तो मच्छर और मक्खियां आपको बार-बार परेशान कर सकती हैं. आइए जानते हैं कौन से तीन रंग इस मौसम में पहनने से बचना चाहिए और इसके पीछे क्या कारण हैं. 1. पीला (Yellow) रंग Avoid these 3 colors in spring and autumn पीला रंग सूरज की रोशनी की तरह चमकदार होता है, जो कई कीड़ों को आकर्षित करता है. मक्खियां और कुछ पराग खाने वाले कीड़े इस रंग की ओर तेजी से खिंचते हैं. बसंत और पतझड़ में यह रंग खासतौर पर खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इस मौसम में फूलों की अधिकता होती है और कीड़े स्वाभाविक रूप से इस रंग की ओर आकर्षित होते हैं. अगर आप इस परेशानी से बचना चाहते हैं तो हल्के पीले की बजाय गहरे रंगों को प्राथमिकता दें. Also Read: Tips and tricks for shiny nail: सर्दियों में ऐसे रखें अपने नाखूनों को वेल शेप्ड और खूबसूरत 2. नीला (Blue) रंग Avoid these 3 colors in spring and autumn गहरा नीला या हल्का आसमानी रंग भी कीड़ों को काफी आकर्षित करता है. खासतौर पर मच्छर इस रंग को दूर से ही भांप लेते हैं और आपकी ओर चले आते हैं. बसंत के समय जब हवा में नमी अधिक होती है, तो नीले कपड़े पहनना मच्छरों को न्योता देने जैसा होता है. इसलिए इस मौसम में हल्के या डार्क ब्लू शेड्स पहनने से बचें. Also Read: Travel Tip For Monsoon: इस मानसून छोटे कीटों से खुद को बचायें, अपनायें ये टिप्स 3. सफेद (White) रंग Avoid these 3 colors in spring and autumn हालांकि सफेद रंग शांत और क्लासी दिखता है, लेकिन यह मच्छरों के लिए काफी आकर्षक हो सकता है. पतझड़ के मौसम में विशेष रूप से सफेद कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि यह मच्छरों के लिए संकेत भेजता है कि वे आपके पास आ सकते हैं. सफेद कपड़ों की वजह से रात के समय मच्छर आसानी से आपके आसपास मंडराने लगते हैं. कैसे करें बचाव? अगर आप कीड़ों की परेशानी से बचना चाहते हैं, तो इन रंगों की बजाय गहरे हरे, भूरे या ग्रे रंग के कपड़े पहनें. ये रंग मच्छरों और मक्खियों को कम आकर्षित करते हैं. इसके अलावा, घर से बाहर जाते समय मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें. खासतौर पर सुबह और शाम के समय जब कीड़ों की सक्रियता अधिक होती है, तब इन बातों का ध्यान जरूर रखें. बसंत और पतझड़ का मौसम खुशनुमा होता है, लेकिन मच्छर और मक्खियों की समस्या से बचने के लिए कपड़ों के रंगों का सही चुनाव बेहद जरूरी है. पीला, सफेद और नीला रंग इस मौसम में कीड़ों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है, इसलिए इनसे बचना ही बेहतर है. अगर आप इन टिप्स को अपनाते हैं, तो अनचाही परेशानियों से दूर रह सकते हैं और अपने मौसम का आनंद ले सकते हैं. Also Read: Janhvi Kapoor Traditional Outfit of the year: जाह्नवी कपूर के ट्रेडिशनल आउटफिट सालभर छाए रहे, देखें उनकी शानदार लहंगा डिजाइन्स Also Read:Rashmika Saree Look For Wedding: श्रीवल्ली के ये साड़ी लुक्स करें ट्राय, दिखें बिल्कुल परफेक्ट The post Avoid these 3 colors in spring and autumn: बसंत और पतझड़ में भूलकर भी न पहनें ये 3 रंग, वरना मक्खी-मच्छर कर देंगे परेशान appeared first on Naya Vichar.

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Delhi Result : दिल्ली के बाद पंजाब में भी आप को हिला सकती है बीजेपी, मिलने लगे संकेत

Delhi Result : दिल्ली में 26 साल से अधिक समय बाद सत्ता में लौटी बीजेपी अब प्रशासन बनाएगी. इसमें बीजेपी का साथ पंजाबी मतदाताओं ने भी दिया है. बीजेपी 10 प्रतिशत से अधिक सिख मतदाताओं वाली चार सीट में से तीन सीट जीतने में कामयाब रही. 10 प्रतिशत से अधिक पंजाबी मतदाताओं वाली हरि नगर, जनकपुरी और राजौरी में बीजेपी उम्मीदवार जीते. आइए जानते हैं अन्य सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन कैसा रहा? चुनाव परिणाम की कुछ खास बातें बीजेपी ने हरियाणा की सीमा से लगे इलाकों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया. इन इलाकों के 11 में से नौ सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. ये नतीजे ऐसे समय में आए हैं जब ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा प्रशासन पर यमुना नदी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था. यहां बीजेपी की प्रशासन है. बीजेपी ने लक्ष्मी नगर, संगम विहार और करावल नगर जैसे उन इलाकों में भी शानदार प्रदर्शन किया, जहां 15 प्रतिशत से अधिक पूर्वांचली वोटर हैं. पार्टी ने ऐसी 35 में से 25 सीट पर जीत हासिल की. नजफगढ़, नरेला और बिजवासन सहित ऐसे 13 विधानसभा क्षेत्रों में से 12 में बीजेपी ने जीत दर्ज की, जहां 5 प्रतिशत हरियाणवी वोटर हैं. बीजेपी ने झुग्गीवासियों के प्रभुत्व वाली 7 में से चार सीट जीतीं. इसके अलावा, बीजेपी 12 आरक्षित सीटों में से मंगोलपुरी समेत चार सीट जीतने में सफल रही. बीजेपी ने 10 प्रतिशत से अधिक जाट मतदाताओं वाले इलाकों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. इस तरह की 13 में से 11 सीट पर जीत हासिल की है. बीजेपी ने 10 प्रतिशत से अधिक वाल्मीकि मतदाताओं वाली 9 में से 4 सीट जीतीं. बीजेपी की 10 प्रतिशत से अधिक जाटव वोटरों वाली 12 में से छह सीट पर जीत हासिल की. बीजेपी ने छह पूर्वांचली उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से चार जीत गए. वहीं, दिल्ली चुनाव में उसके 14 में से 12 हरियाणवी उम्मीदवार विजयी हुए. हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी कुल 22 सीट में से पार्टी ने 16 सीट जीतीं. ये भी पढ़ें : Delhi New CM : दिल्ली से पंजाब साधेगी बीजेपी! ये 5 नाम सीएम की रेस में सबसे आगे पूर्वांचलियों, सिखों, जाटों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों सहित विभिन्न क्षेत्रीय एवं सामाजिक-आर्थिक वर्गों के वोटरों के वर्चस्व वाले चुनावी क्षेत्रों में पैठ बनाने में बीजेपी सफल रही. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने 48 सीट पर जीत दर्ज की. वहीं आम आदमी पार्टी (आप) को 22 सीट मिली, जबकि कांग्रेस 2015 और 2020 के बाद एक बार फिर अपना खाता नहीं खोल पाई. The post Delhi Result : दिल्ली के बाद पंजाब में भी आप को हिला सकती है बीजेपी, मिलने लगे संकेत appeared first on Naya Vichar.

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