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23 सैनिकों को एलियंस ने पत्थर में बदला? रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

UFO Turned Soldiers Stone: हाल ही में सीआईए (केंद्रीय खुफिया एजेंसी) द्वारा सार्वजनिक किए गए एक पुराने गोपनीय दस्तावेज ने पूरी दुनिया में चर्चा का माहौल बना दिया है. इस दस्तावेज में एक चौंकाने वाली घटना का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि शीत युद्ध के अंतिम वर्षों के दौरान (1989 या 1990 में) साइबेरिया में सोवियत सैनिकों और एक रहस्यमयी उड़न तश्तरी (यूएफओ) के बीच मुठभेड़ हुई थी. दावा है कि इस विचित्र घटना में 23 सैनिक एक रहस्यमय ऊर्जा की चपेट में आकर पत्थर जैसे खंभों में तब्दील हो गए थे. घटना का विवरण सीआईए…

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UFO Turned Soldiers Stone: हाल ही में सीआईए (केंद्रीय खुफिया एजेंसी) द्वारा सार्वजनिक किए गए एक पुराने गोपनीय दस्तावेज ने पूरी दुनिया में चर्चा का माहौल बना दिया है. इस दस्तावेज में एक चौंकाने वाली घटना का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि शीत युद्ध के अंतिम वर्षों के दौरान (1989 या 1990 में) साइबेरिया में सोवियत सैनिकों और एक रहस्यमयी उड़न तश्तरी (यूएफओ) के बीच मुठभेड़ हुई थी. दावा है कि इस विचित्र घटना में 23 सैनिक एक रहस्यमय ऊर्जा की चपेट में आकर पत्थर जैसे खंभों में तब्दील हो गए थे.

घटना का विवरण

सीआईए द्वारा सार्वजनिक किए गए इस दस्तावेज के अनुसार, यह घटना साइबेरिया के एक दूरदराज क्षेत्र में हुई थी, जहां सोवियत सैनिक एक सामान्य सैन्य अभ्यास कर रहे थे. उसी दौरान एक अज्ञात उड़न वस्तु, जो आकार में तश्तरी जैसी थी, बहुत कम ऊंचाई पर उड़ती हुई सैनिकों के ऊपर मंडराने लगी. खतरे को भांपते हुए एक सैनिक ने यूएफओ पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दाग दी. मिसाइल के लगते ही वह उड़न तश्तरी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और जमीन पर गिर पड़ी.

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दस्तावेज में दावा किया गया है कि यूएफओ के मलबे से पांच छोटे-से कद के जीव बाहर निकले, जिनका सिर बड़ा और आंखें काली थीं – बिलकुल पारंपरिक एलियंस जैसे. ये पांचों प्राणी एक साथ एक गोलाकार आकृति में इकट्ठा हो गए और उनके चारों ओर एक ऊर्जा क्षेत्र निर्मित हुआ. उसी क्षण एक तेज़ आवाज और सफेद चमक के साथ एक विस्फोट हुआ. इसकी चपेट में आने वाले 23 सैनिक तुरंत ही पत्थर के खंभों में बदल गए. दो सैनिक जो पास ही मौजूद एक छायादार क्षेत्र में थे, इस विस्फोट से बच गए.

केजीबी की रिपोर्ट

सीआईए की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना की जानकारी सोवियत संघ के गुप्तचर संगठन केजीबी की एक 250 पृष्ठों वाली गोपनीय रिपोर्ट से प्राप्त हुई थी, जो 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद पश्चिमी खुफिया एजेंसियों को मिली थी. इस रिपोर्ट में कथित चश्मदीदों के बयान, घटनास्थल की तस्वीरें, यूएफओ के अवशेषों की जानकारी और एलियंस के स्केच शामिल थे.

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रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद ‘पत्थर बने’ सैनिकों और यूएफओ के मलबे को मॉस्को के पास एक गुप्त वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र ले जाया गया. वैज्ञानिकों ने विश्लेषण में पाया कि इन सैनिकों के जीवित ऊतक एक अज्ञात ऊर्जा के संपर्क में आने के बाद चूना पत्थर जैसे पदार्थ में बदल गए थे. आणविक जांच में इन पत्थरों की संरचना आम चूना पत्थर से मिलती-जुलती पाई गई, लेकिन इसका स्रोत और प्रक्रिया पूरी तरह रहस्य बनी रही.

सीआईए का आकलन

सीआईए की रिपोर्ट में यह उल्लेख भी है कि अगर केजीबी की यह फाइल सही है, तो यह साबित करता है कि एलियंस के पास ऐसी तकनीकें और हथियार हैं जो मानव समझ से कहीं आगे हैं. रिपोर्ट में एक अनाम अधिकारी के हवाले से कहा गया है, “यदि यह सत्य है, तो यह मानव जाति के लिए एक बड़ा खतरा है.” यह बयान उस समय की वैश्विक मानसिकता को दर्शाता है, जब अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ही यूएफओ और अंतरिक्षीय गतिविधियों को लेकर सतर्क और चिंतित थे.

आलोचना और संदेह

हालांकि यह रिपोर्ट जनमानस में जिज्ञासा और रोमांच पैदा कर रही है, लेकिन विशेषज्ञ इस पर विश्वास करने को तैयार नहीं हैं. कई लोगों ने इसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं. पूर्व सीआईए एजेंट माइक बेकर का कहना है, “मुझे भरोसा है कि अंतरिक्ष में जीवन हो सकता है, लेकिन यह कहानी अविश्वसनीय लगती है. अगर इतनी बड़ी घटना हुई होती, तो इसके और प्रमाण होते.”

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विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सीआईए द्वारा जारी किया गया दस्तावेज एक सेकंडरी स्रोत पर आधारित है. असल में यह रिपोर्ट 1993 में कनाडा के वीकली वर्ल्ड न्यूज और यूक्रेन के अखबार होलोस उक्रायिनी में छपी कहानियों पर आधारित थी. वीकली वर्ल्ड न्यूज अपनी सनसनीखेज और अक्सर काल्पनिक कहानियों के लिए कुख्यात रहा है. इससे यह आशंका भी उठती है कि कहीं यह समाचार उस समय के प्रचार युद्ध या सामूहिक भ्रम का हिस्सा तो नहीं थी.

यूएफओ और मौजूदा वैश्विक संदर्भ

यह कहानी ऐसे समय में दोबारा सामने आई है जब पूरी दुनिया में यूएफओ और यूएपी (Unidentified Aerial Phenomena) को लेकर रुचि और बहस तेजी से बढ़ रही है. 2020 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने यूएपी टास्क फोर्स की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ऐसी अज्ञात वस्तुओं की जांच करना है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं. 2025 की शुरुआत में, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएफओ से संबंधित कई दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था, जिससे इस विषय को और बल मिला.

सच्चाई या कल्पना?

यह सवाल अब भी बना हुआ है – क्या यह घटना वास्तव में एलियंस से मुठभेड़ थी या फिर शीत युद्ध के समय का एक और भ्रम? इस घटना से जुड़े कई पहलुओं की आज भी पुष्टि नहीं हो पाई है – जैसे कि बचे हुए सैनिकों के प्रत्यक्ष बयान, पत्थर बने शरीरों के वैज्ञानिक प्रमाण, या स्वतंत्र स्रोतों से जांच. इसके बावजूद, यह कहानी एक बार फिर उस प्रश्न को जीवंत कर देती है जो सदियों से मानवता को परेशान करता आया है: क्या हम इस ब्रह्मांड में अकेले हैं? जब तक और प्रमाण सामने नहीं आते, यह कहानी एक रहस्यमय किंवदंती के रूप में ही रहेगी – जो रोमांच, साज़िश और डर का सम्मिश्रण है.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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