नया विचार सरायरंजन : प्रखंड के लाटबसेपुरा स्थित बिरजेश्वर धाम ब्रह्मवाना में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के दौरान सोमवार को उज्जैन से आई कथा वाचिका श्याम मिश्रा ने श्रीराम के द्वारा शिव के धनुष को तोड़ने का मार्मिक प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि राजा जनक ने जनकपुरी में धनुष यज्ञ रखा। तमाम देशों के राजा –महाराजा इस धनुष यज्ञ में शामिल हुए। सभी राजा महाराजाओं ने बारी– बारी से धनुष को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए। वे लोग धनुष को हिला तक नहीं सके। कई तो धरती पर औंधे मुंह गिरे। इस पर राजा जनक ने दुखी होकर कहा कि लगता है धरती वीरों से विहीन हो गई है। इस पर महर्षि विश्वामित्र और प्रभु श्री राम संग धनुष यज्ञ में शामिल लक्ष्मण क्रोधित हो गए। वे ललकारते हुए धनुष उठाने बढ़े। उन्हें विश्वामित्र ने रोका और श्रीराम को धनुष उठाने को कहा। श्रीराम ने भगवान शिव के धनुष को प्रणाम किया और धनुष उठाया। प्रत्यंचा चढ़ाते ही धनुष टूट गई। इस दौरान आकाश से पुष्प वर्षा हुई। सीता माता ने प्रभु श्रीराम को वरमाला पहनाई। मौके पर यजमान नवीन कुमार चौधरी, हीरा मिश्र, सत्य नारायण मिश्र,हरिशंकर झा,गंगाधर झा, राम रतन झा, कृष्ण मोहन मिश्र,नाराज झा, कीर्तन झा,विभूति नाथ झा,रामकृपाल झा, कृष्ण कुमार झा, सुशील कुमार झा, मनोज चौधरी सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।