नया विचार न्यूज़ शिवाजीनगर/ समस्तीपुर – बिहार प्रशासन की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। वार्ड 7 में बीते 15 दिनों से हर घर नल का जल योजना पूरी तरह से ठप पड़ी है। जल जीवन हरियाली जैसे महत्वाकांक्षी अभियान के बावजूद इस वार्ड में पानी की एक बूंद भी नल से नहीं टपकी है। लगभग 1000 से अधिक की आबादी वाले इस वार्ड में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। जहां गर्मी आते ही पहले से ही सूखने लगने वाले चापाकल लेकिन इसके बावजूद भी विभागीय अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं।शिवाजीनगर प्रखंड अंतर्गत डुमरा मोहन पंचायत के ढिकाडीह गांव वार्ड-7 में बीते 15 दिनों से नल-जल योजना की आपूर्ति पूरी तरह ठप पड़ी है। भीषण गर्मी के बीच जल संकट ने ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ा दी है। इसको लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि अगर जल्द जल आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो वे मजबूरन सड़क जाम करेंगे। बबीता देवी, उर्मिला देवी, उपेंद्र मंडल, राम आशीष मुखिया, प्रमिला देवी, मंजू देवी, सीता देवी, अखिलेश मुखिया, ललन मंडल, जितेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार समेत दो दर्जन से अधिक लोगों ने हस्ताक्षरयुक्त आवेदन शिवाजीनगर बीडीओ आलोक कुमार सिंह को सौंपा है। आवेदन में उन्होंने पानी की आपूर्ति शीघ्र चालू कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि योजना से जुड़े संवेदक ने मोटर खराब होने का हवाला देते हुए उसे टंकी से निकालकर ले गया था और दो दिनों में मरम्मत कर जलापूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब 15 दिन बीत चुके हैं, न तो मोटर लौटी और न ही पानी। परेशान ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक फोन भी रिसीव नहीं कर रहा, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है।
ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर जल्द पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो वे सड़क जाम कर प्रदर्शन करेंगे। इस बाबत बीपीआरओ, पीएचईडी विभाग व स्थानीय थाना को भी प्रतिलिपि भेज दी गई है। डुमरा मोहन पंचायत की मुखिया सुनैना देवी एवं मुखिया पुत्र सह समाजसेवी संतोष कुमार सिंह ने भी मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि वार्ड-7 में विगत 15 दिनों से नल-जल बंद है। विभागीय अधिकारियों को कई बार जानकारी देने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों की एकमात्र मांग है कि मोटर की मरम्मत कर जल्द से जल्द जलापूर्ति बहाल की जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके।