नया विचार मोरवा।आर्य संस्कृति के उन्नायक थे स्वामी दयानंद सरस्वती। उक्त बातें कहीं चकलाल शाही में आयोजित दयानंद सरस्वती के जयंती समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने। स्वामी विशुद्धानंद सरस्वती साहेब जी की अध्यक्षता में आयोजित दयानंद जयंती समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि आर्य संस्कृति की पुनर्स्थापना के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की। स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने सत्यार्थ प्रकाश नाम के महत्व पूर्ण ग्रंथ के द्वारा वेदों की पुनर्स्थापना का महान प्रयास किया। शिवांश विद्यालय के संस्थापक स्वामी गणेशानंद आर्य,यादवानंद आर्य,वेद प्रकाश आर्य, मृत्युंजयानंद आर्य, मृगेंद्रानंद आर्य, धर्मेंद्र आर्य आदि ने जयंती समारोह को सम्बोधित किया। मौके पर आर्य समाज के कई दर्जन कार्यकर्ता एवं ग्रामीण मौजूद थे।