LPG Cylinder: देश के करोड़ों एलपीजी रसोई गैस का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं और गृहणियों के लिए एक अच्छी समाचार है. आने वाले अप्रैल महीने से ही एलपीजी सिलेंडरों की किल्लत दूर होगी और इसके दाम घटने के भी आसार हैं. इसका कारण यह है कि हिंदुस्तान की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने मैंगलोर में देश की सबसे बड़ी एलपीजी कैवर्न का निर्माण पूरा कर लिया है. यह 80,000 मीट्रिक टन एलपीजी स्टोर करने की क्षमता रखती है और अप्रैल 2025 तक चालू हो जाएगी. इस परियोजना के पूरा होने से दक्षिण और मध्य हिंदुस्तान में रसोई गैस (एलपीजी) की आपूर्ति को सुरक्षित और सुचारू बनाने में मदद मिलेगी.
मैंगलोर में सबसे बड़ी एलपीजी कैवर्न का निर्माण
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के निदेशक अमित गर्ग ने मीडियाकर्मियों को बताया कि मैंगलोर में एचपीसीएल की एलपीजी आयात सुविधा में सबसे बड़ी एलपीजी कैवर्न का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एलपीजी कैवर्न को 80,000 मीट्रिक टन एलपीजी स्टोर करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना है. अमित गर्ग ने कहा कि ग्रेनाइटिक गनीस में रॉक गुफा हाइड्रोलिक कंटेनमेंट के सिद्धांत पर काम करती है.
एलपीजी कैवर्न क्यों है खास?
- भंडारण क्षमता: 80,000 मीट्रिक टन एलपीजी
- स्थान: मैंगलोर एलपीजी आयात फैसिलिटी (एमएलआईएफ)
- गहराई: समुद्र तल से 141 मीटर नीचे
- परिवहन सुविधा: सड़क, रेल और क्रॉस-कंट्री पाइपलाइनों के माध्यम से आपूर्ति
- फायदा: एलपीजी की स्थिर और निर्बाध आपूर्ति
एलपीजी उपभोक्ताओं को फायदा
- एचपीसीएल का एलपीजी कैवर्न तैयार हो जाने के गैस सिलेंडर की किल्लत नहीं होगी.
- यह कैवर्न एलपीजी का भंडारण बढ़ाकर सप्लाई में स्थिरता बनाएगी.
- त्योहारों या आपातकालीन स्थिति में भी गैस की कमी नहीं होगी.
- ग्रामीण इलाकों में सस्ते और आसान तरीके से एलपीजी कनेक्शन मिलेंगे.
- उज्ज्वला योजना के तहत अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर कम होगा.
- घरेलू रसोई गैसर उपभोक्ताओं को अधिक स्थिर और सस्ती गैस मिलेगी.
- बड़े भंडारण के कारण किसी भी आपातकालीन स्थिति में गैस की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.
- प्रशासन की एलपीजी आपूर्ति योजनाओं को मजबूती मिलेगी.
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कैसे काम करेगी मैंगलोर एलपीजी कैवर्न?
नया मैंगलोर पोर्ट से एलपीजी का आयात किया जाएगा. इसे एलपीजी कैवर्न में भूमिगत भंडारण किया जाएगा. एलपीजी गैस को मैंगलोर, मैसूर, बेंगलुरु और हैदराबाद तक टैंकरों और पाइपलाइनों के जरिए भेजा जाएगा.
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हिंदुस्तान की ऊर्जा सुरक्षा में बड़ी छलांग
एचपीसीएल की यह ऐतिहासिक परियोजना देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और बढ़ती एलपीजी मांग को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इंजीनियरिंग के इस बेहतरीन कारनामे से LPG उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षित, सुगम और किफायती गैस आपूर्ति मिलेगी.
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