Cyber Crime: साइबर अपराधियों का नेटवर्क लगातार एक्टिव है और नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने में जुटा हुआ है. ताजा मामले की बात करें तो पटना समेत बिहार के कई इलाकों में टेलीग्राम और अन्य ऑनलाइन माध्यमों के जरिए करीब 10.86 लाख रुपये की ठगी की गई है.
वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर 2.21 लाख की ठगी
रामकृष्णा नगर की तमन्ना हिंदुस्तानी को एक अज्ञात नंबर से वर्क फ्रॉम होम का ऑफर मिला. मैसेज के साथ भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही वह टेलीग्राम के एक ग्रुप से जुड़ गईं. शुरुआती दिनों में उन्हें छोटे-मोटे काम देकर पैसे दिए गए, जिससे भरोसा कायम हो सके. इसके बाद शातिरों ने अधिक मुनाफा दिलाने के नाम पर 2.21 लाख रुपये ठग लिए.
ऑनलाइन बोली में 2.59 लाख गंवाए
बिहटा के मो. अहमद अली को टेलीग्राम पर एक ग्रुप में जोड़ा गया, जहां उन्हें ऑनलाइन बोली लगाने और निवेश करने का लालच दिया गया. बोली समाप्त होने के बाद मुनाफे के साथ राशि लौटाने का वादा किया गया, लेकिन बदले में साइबर अपराधियों ने 2.59 लाख रुपये उड़ा लिए.
इंस्टाग्राम रील लाइक करने के नाम पर 2.16 लाख की ठगी
मसौढ़ी के पियूष कुमार को टेलीग्राम पर ऑफर मिला कि इंस्टाग्राम रील लाइक करने पर पैसे मिलेंगे. शुरू में कुछ पैसे दिए गए, लेकिन फिर निवेश करने पर बड़ा लाभ मिलने का झांसा देकर 2.16 लाख रुपये की ठगी कर ली गई.
निवेश का लालच देकर 3.90 लाख हड़पे
अगमकुआं के सुधांशु को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर निवेश के नाम पर मुनाफा कमाने का झांसा दिया गया. उन्हें लगातार निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, और इस तरह 3.90 लाख रुपये की ठगी कर ली गई. वहीं बोरिंग कैनाल रोड निवासी मुकेश ने 15 दिन पहले नए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था. इसी बहाने शातिरों ने उन्हें कॉल कर एक ऐप इंस्टॉल कराया और उनके खाते से 3.48 लाख रुपये निकाल लिए.
सब इंस्पेक्टर के खाते से 1.15 लाख की निकासी
डायल 112 में कार्यरत सब इंस्पेक्टर कृष्णा पासवान ने चेक के जरिए 50,000 रुपये निकाले. लेकिन, उसके बाद उन्हें खाते में गड़बड़ी की आशंका हुई. जब उन्होंने बैंक जाकर बैलेंस चेक किया, तो पता चला कि पहले ही 1.15 लाख रुपये अवैध रूप से निकाले जा चुके हैं.
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IAS अधिकारी के नाम पर फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट
खान एवं भू-तत्व विभाग के निर्देशक और IAS अधिकारी विनोद दूहन के नाम पर जालसाजों ने फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बना लिया. उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर विभाग के अधिकारियों को ठगी के मैसेज भेजे जा रहे हैं. वहीं आयकर विभाग, बिहार-झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कार्यालय में फर्जी स्पोर्ट्स कोटे की भर्ती के नाम पर भी ठगी का मामला सामने आया है. आवेदकों को इंटरव्यू के लिए आयकर दफ्तर बुलाया गया, जिससे किसी को शक न हो. लेकिन जब कुछ आवेदकों की मुलाकात विभाग के असली अधिकारियों से हुई, तब जाकर यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ. इस मामले में आयकर विभाग ने कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे अपराधी
इन घटनाओं से साफ है कि साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं. वर्क फ्रॉम होम, निवेश, ऑनलाइन बोली, इंस्टाग्राम रील लाइक, प्रशासनी नौकरी, बिजली कनेक्शन और बैंकिंग लेन-देन के नाम पर ठगी हो रही है. साइबर अपराध से बचने के लिए अनजान लिंक, कॉल और ऐप डाउनलोड करने से लोगों को बचना चाहिए. किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर पैसे ट्रांसफर न करें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत पुलिस को सूचना दें.
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