नया विचार सरायरंजन : भगवान की विभिन्न कथाओं में श्रीमद् भागवत मोक्षदायिनी है। इसके श्रवण से राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलयुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं । यह बात ख्यातिप्राप्त श्रीमद् भागवत कथावाचक आचार्य पुरुषोत्तम दास ने सोमवार को कही। वे प्रखंड के श्रवण टॉकीज सरायरंजन के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांच में दिन श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के सुनने से प्राणी को मुक्ति मिलती है। सत्संग और कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है,वरना वह इस संसार में आकर मोह माया के चक्कर में पड़ जाता है। इसलिए मनुष्य को समय निकालकर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलयुग में भागवत कथा साक्षात श्री हरि का रूप है। पावन हृदय से इसका स्मरण मात्र करने पर करोड़ों पुण्य का फल प्राप्त हो जाता है। इस कथा को सुनने के लिए देवी– देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ मानव प्राणी को ही इस कथा के श्रवण का लाभ प्राप्त होता है। मौके पर रामचंद्र साहू, शिवनारायण साहू , राजेश्वर साह, प्रमोद कुमार साहू, विमल कुमार साहू , श्रवण कुमार साह, प्रद्योत कुमार हरि,विजय कुमार साहू दिनेश कुमार साहू, सोनू कुमार, मोनू कुमार,टुन्नू कुमार सहित सैकड़ो श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो :प्रवचन करते आचार्य पुरुषोत्तम दास