नया विचार सरायरंजन: आधुनिक काल के महान नाटककार थे मोहन राकेश। उक्त बातें केएसआर कॉलेज सरायरंजन के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित मोहन राकेश के शताब्दी जयंती समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहीं। प्राचार्य डॉ .विपिन कुमार झा के निर्देशन एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. अवधेश कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने मोहन राकेश को एक श्रेष्ठ नाटक कार, कहानीकार और उपन्यासकार बताया। अध्यक्षता करते हुए प्रो .अवधेश कुमार झा ने स्पष्ट किया कि हिन्दी साहित्य में जयशंकर प्रसाद के बाद,मोहन राकेश एक उत्कृष्ट नाटककार के रूप में सुख्यात हुए। अंधेरे बंद कमरे आदि अनेक अच्छी कृतियां हैं, तथापि लहरों के राजहंस मोहन राकेश की अत्यंत उत्कृष्ट नाट्य कृति है, जिसमें उन्होंने कहा है कि,नारी का आकर्षण जहां पुरुष को पुरुष बनाता है,वहीं नारी का विकर्षण उसे महात्मा बुद्ध बना देता है। मोहन राकेश हिन्दी साहित्य में नई कहानी आंदोलन के भी सूत्रधार थे। प्रो .हरेकृष्ण चौधरी,प्रो. मनोज कुमार झा,प्रो .शेखर प्रसाद चौधरी,प्रो .चन्द्रशेखर झा, प्रो .पवन कुमार चौधरी आदि ने जयंती समारोह को सम्बोधित किया। मौके पर अधिकांश महाविद्यालय कर्मी मौजूद थे।