अंबा. बच्चों की पढ़ाई के लिए जहां एक ओर प्रशासन द्वारा गांव-गांव में विद्यालय की स्थापना की गयी है. हर गांव में प्राथमिक विद्यालय, तीन किलोमीटर की दूरी पर मिडिल स्कूल व पांच किलोमीटर की दूरी पर हर पंचायत में कम से कम एक हाइ स्कूल की स्थापना की प्रक्रिया की जा रही है. प्रशासनी गाइडलाइन के अनुसार तकरीबन सभी पंचायत में हाई स्कूल की स्थापना भी कर दी गयी है. विद्यालय की दूरी कम होने से बच्चों के शिक्षा में सुधार तो हुआ है, परंतु अब शिक्षा विभाग के अड़ियल रवैया से स्कूली बच्चों के समक्ष आठवीं कक्षा के बाद नहीं में नामांकन कराना टेढ़ी खीर हुआ है. यह कोई मनगढ़ंत बात नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग के नीति से कई गांव के शिशु बीमार है. कई बच्चों ने विभागीय अधिकारियों को आवेदन देते हुए अपनी समस्या का जिक्र कर समाधान करने की गुहार लगायी है. यदि उनकी समस्या का निजात नहीं निकाला गया तो वह आठवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर होंगे. आखिर शिशु करे भी तो क्या, जब उन्हें आसपास के हाई स्कूल में नामांकन से वंचित किया जा रहा हो. नवी कक्षा में नामांकन के लिए वह लगातार दौड़ लगा रहे हैं, पर बच्चों की सुनने वाला कोई नहीं है. यदि शिशु नामांकन कराते भी है तो आठ किलोमीटर एवं 10 किलोमीटर की दूरी तय कर वे पढ़ाई करने विद्यालय नहीं जा पायेंगे. हकीकत तो यह है कि मजबूरी बस शिशु यदि नामांकन कर भी लेते हैं तो स्कूल जाना उनके लिए मुमकिन नहीं होगा. इसमें सबसे अधिक परेशानी तो छात्राओं को होगी और बालिका शिक्षा प्रभावित होगा.
क्या है मामला
शिक्षा विभाग के गाइडलाइन के अनुसार, आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद नौवीं कक्षा में बच्चों का नामांकन अपने पंचायत के ही हाई स्कूल में कराने का निर्देश प्राप्त है. शिशु जिस पंचायत के मिडिल स्कूल से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण हुए हैं, उसी पंचायत के हाई स्कूल से उनका टैग किया गया है. इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा के निदेशक द्वारा 20 मार्च 2024 को पत्र संख्या 307 जारी किया गया है. सभी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक अधिकारियों द्वारा जारी निर्देश का पालन कर रहे हैं. अधिकारियों द्वारा जारी निर्देश के अनुसार किसी भी विद्यालय के हेडमास्टर दूसरे पंचायत के बच्चों का नामांकन नहीं ले सकते हैं. कई पंचायत में स्थापित हाई स्कूल की दूरी उसी पंचायत के दूसरे गांव से आठ से 10 किलोमीटर है और विद्यालय तक जाने के लिए सड़क का अभाव है. शिशु अपने पंचायत के विद्यालय में नामांकन करने के बजाय नजदीक के हाई स्कूल में नामांकन करना चाह रहे हैं. इसके लिए बच्चों के साथ-साथ अभिभावक द्वारा विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर दबाव भी बनाया जा रहा है. हकीकत तो यह है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक के लिए यह नियमावली मुसीबत बनी है.
जगदीशपुर पंचायत के कई गांवों से दूर है हाई स्कूल चिंतावन बिगहा
कुटुंबा प्रखंड के जगदीशपुर पंचायत अंतर्गत चिंतावन बिगहा में हाई स्कूल का निर्माण कराया गया है. उक्त हाई स्कूल से रसलपुर, आरती, लभरी, तिलवा परसावां आदि गांव की दरी तकरीबन सात से आठ किलोमीटर है. इतना ही नहीं उत्क्रमित उच्च विद्यालय चिंतावन बिगहा जाने के लिए कोई बेहतर मार्ग भी नहीं है. हाई स्कूल चिल्हकी अंबा, कन्या उच्च विद्यालय अंबा व उत्क्रमित उच्च विद्यालय दधपा की दूरी 4 से 5 किलोमीटर है, जहां पहुंचने के लिए सुगम मार्ग की भी व्यवस्था है. बच्चों ने बताया कि चिंतावन बिगहा जाने के लिए रास्ता भी नहीं है. गांव के पश्चिम बसडिहा नहर है. जिसमें पुल का निर्माण नहीं कराया गया है. पुल निर्माण नहीं होने से नहर पार कर विद्यालय जाना संभव नहीं है.
कोझी सेपांच किलोमीटर दूर है उच्च विद्यालय बैजा बिगहा
डुमरा पंचायत अंतर्गत कोझी गांव के शिशु पूर्व से नवी कक्षा में हाई स्कूल डुमरी में नामांकन लेते थे, जो गांव से महज 100 मी की दूरी पर है. अब नई गाइडलाइन के अनुसार उन्हें उत्क्रमित उच्च विद्यालय बैजा बिगहा में नामांकन लेने के लिए कहा जा रहा है. कोझी गांव से बैजा बीघा हाई स्कूल की दूरी पांच किलोमीटर से अधिक है.
ओरडिह से छह किलोमीटर दूर है हाई स्कूल तुरता
सुही पंचायत अंतर्गत तुरता गांव में उच्च विद्यालय का निर्माण कराया गया है, जहां से कई गांव की दूरी छह किलोमीटर से अधिक बताई जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ओरडिह गांव से हाई स्कूल कुटुंबा की दूरी से दो किलोमीटर है. इधर, चनकप गांव से इसी पंचायत के उच्च विद्यालय तुरता की दूरी पांच किलोमीटर से अधिक है. जबकि बगल में महज 400 मीटर की दूरी पर उच्च विद्यालय चिंतावन बिगहा है. अब चिंतावन बिगहा स्कूल में बच्चों का नामांकन नहीं होने से उन्हें परेशानी हो रही है.
क्या कहते हैं डीइओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी पंचायतों में हाई स्कूल की स्थापना कर शिक्षक एवं पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध कराये गये हैं. विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार पंचायत के स्कूल में ही बच्चों का नामांकन कराया जाना है. किसी पंचायत में भी हाई स्कूल का अभाव है तो वहां के बच्चों को दूसरे पंचायत के स्कूल में नामांकन लेने की अनुमति दी जायेगी. इसके साथ ही संबंधित पंचायत के हाई स्कूल की दूरी अधिक होने, रास्ते में बड़ा पहाड़ या नदी आने पर भी दूसरे पंचायत में नामांकन के लिए अनुमति दिया जा सकता है. इसके लिए बच्चों को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष आवेदन देना होगा.
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