भागलपुर
किसी भी थाना से नहीं लौटे फरियादी, फरियादियों के आवेदन पर कार्रवाई करें, दूसरे क्षेत्र का मामला होने पर तत्काल जीरो एफआइआर दर्ज करें और अगर सूचना गलत हो तो सूचक के विरुद्ध कार्रवाई करें. उक्त निर्देश कुछ दिन पूर्व ही बिहार डीजीपी विनय कुमार ने दिया था. यह निर्देश भागलपुर सहित राज्य के सभी पुलिस जिलों के लिए जारी किया गया था. पर भागलपुर पुलिस जिला में डीजीपी के निर्देशों की धड़ल्ले से अनदेखी की जा रही है. भागलपुर पुलिस जिला में एक माह पूर्व घटित दो अलग अलग घटनाओं में थाना स्तर से की जा रही अनदेखी का मामला सामने आया है. एक घटना 17 मार्च को तिलकामांझी इलाके में हुए सड़क हादसे का है तो दूसरा मामला नाथनगर में तलवार से हमला कर बेरहमी से घायल करने का है.
केस 1. 17 मार्च को हुए सड़क हादसे में घायल की प्राइवेट अस्पताल में हुई थी मौत
तिलकामांझी थाना क्षेत्र के जवारीपुर के समीप 17 मार्च 2025 को मुख्य सड़क को पार करते वक्त टोटो के धक्के से रानी तालाब इलाके के रहने वाले परशुराम मंडल गंभीर रूप से घायल हो गये थे. उस वक्त परिजन उन्हें लेकर पहले मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच अस्पताल गये थे. चिकित्सकों द्वारा बरती जा रही लापरवाही को देख परिजन उन्हें लेकर जीरोमाइल स्थित एक निजी अस्पताल गये. जहां से घायल को बेहतर इलाज के लिए सिलीगुड़ी स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था. इलाज के क्रम में 26 मार्च 2025 को उनकी मृत्यु हो गयी. अस्पताल प्रबंधन की ओर से मामले में आरटीए संबंधित दस्तावेज भी परिजनों को सौंपे थे. मामले में क्रिया कर्म पूरा करने के बाद विगत 10 अप्रैल से ही मृतक के बेटे प्रशांत अपने परिवार के लोगों के साथ कभी यातायात थाना तो कभी तिलकामांझी थाना का चक्कर लगा रहे हैं. जहां पदाधिकारी उन्हें इस थाना से उस थाना दौड़ा रहे हैं. मामले में परिजनों ने बताया कि काफी दिनों तक इलाज में रहने के बाद हुई मौत के बाद परिवार को सदमा लग गया था. कानूनी प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने की वजह से उन्होंने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. इसके बाद उन्हें बताया गया कि मामले में केस दर्ज कराया जाना था. वे लोग थानों का चक्कर लगा रहे हैं.
केस 2. ब्राउन शुगर पीने का विरोध करने पर तलवार से हमला कर रेता दिया था गला
मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 5 के रहने वाले फणिकांत झा पर विगत 17 मार्च 2025 को तलवार से हमला कर गला रेत दिया गया था, घटना में उन्हें शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोट आयी थी. उक्त घटना के बाद परिजनों ने उन्हें मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया था. सूचना देने पर भी मधुसूदनपुर पुलिस न तो घटनास्थल पहुंची और न ही घायल का बयान लेने पहुंची. काफी गुहार लगाने के बाद 22 मार्च को बरारी पुलिस ने मामले में फर्द बयान कर मधुसूदनपुर थाना को भेज दिया. जहां फर्द बयान के आधार पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी. 1 अप्रैल को केस दर्ज किये जाने के बाद से लेकर अब तक मधुसूदनपुर पुलिस मामले में पीड़ित पक्ष का न तो बयान लेने पहुंची और न ही दर्ज केस में आरोपितों के विरुद्ध कोई कार्रवाई कर रही है. अस्पताल में भर्ती घायल के परिजन लगातार थाना का चक्कर लगा रहे हैं. अस्पताल में भर्ती फणिकांत झा ने बताया कि एक युवक द्वारा उनके घर के पास ब्राउन शुगर पीने का विरोध करने पर उन्होंने उसके घर वालों से इसकी शिकायत की थी. ब्राउन शुगर के नशे में युवक ने उन्हें तलवार लेकर बेरहमी से काट दिया और घायल कर दिया.
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