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आस्था, समस्तीपुर

उदापट्टी में भक्तिभाव से अष्टयाम महायज्ञ संपन्न 

नया विचार न्यूज़ सरायरंजन : प्रखंड के उदापट्टी पछियारी टोला स्थित ब्रह्मस्थान में शनिवार को भक्तिभाव के साथ अष्टयाम महायज्ञ संपन्न हो गया। “जयति शिवा शिव जानकी राम, राधे श्याम जय जय हनुमान” के मंत्र जाप से उदापट्टी सहित आसपास का क्षेत्र दो दिनों तक गुंजायमान होता रहा। स्थानीय एक दर्जन कीर्तन मंडलियों ने बारी-बारी से भाग लेकर यहां के वातावरण को भक्तिमय बनाया । वहीं महायज्ञ सफल बनाने में हर आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने सहयोग दिया। विश्व शांति एवं विश्व कल्याण के निमित्त आयोजित इस अष्टयाम महायज्ञ में दो दिनों तक श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा।अष्टयाम महायज्ञ के आयोजन में आचार्य सत्यनारायण मिश्र,अनिरुद्ध मिश्र,नागेंद्र झा, सुनील झा,राधाकांत झा, तम्मू झा,कीर्तन झा, गणेश झा,विभूतिनाथ झा, मणिकांत चौधरी, जीवछ झा,रितेश झा, निरंजन चौधरी, मुनुकलाल चौधरी,प्रभु चौधरी, मुकेश झा,महेंद्र झा, रमाशंकर झा, गौरी शंकर झा आदि सक्रिय रूप से जुटे रहे।

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गुदड़ी चौक स्थित शक्तिधाम परिसर में माँ राणीसती दादी का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया

नया विचार न्यूज़ रोसड़ा /समस्तीपुर-  शुक्रवार को गुदड़ी चौक स्थित शक्तिधाम परिसर में माँ राणीसती दादी का वार्षिकोत्सव बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन मारवाड़ी सम्मेलन, स्त्री सम्मेलन एवं मारवाड़ी युवा मंच के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर शहरभर से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचे और माँ राणीसती दादी के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कोलकाता से आए सुप्रसिद्ध भजन गायक पंकज जोशी की प्रस्तुति रही। उन्होंने माँ राणीसती दादी के जीवन वृत का सस्वर मंगलपाठ प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। मंगलपाठ में उपस्थित मातृशक्ति ने भी सामूहिक स्वर मिलाकर वातावरण को और अधिक आस्था से ओत-प्रोत कर दिया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माँ राणीसती दादी का इतिहास महाहिंदुस्तान काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि जब अभिमन्यु को चक्रव्यूह में धोखे से मार दिया गया, तब उनकी गर्भवती पत्नी अंतरा सती होने पर अड़ गईं। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया कि गर्भवती होने के कारण वे सती नहीं हो सकतीं, लेकिन उनके आग्रह पर उन्होंने वरदान दिया कि द्वापर युग के अंत से पहले वे नारायणी के रूप में पुनर्जन्म लेंगी। नारायणी ने शक्ति स्वरूप धारण कर शत्रुओं का संहार किया और सती होकर अपने सेवक राणा को आदेश दिया कि वे उनकी भस्म घोड़ी पर रखकर ले जाएँ। जहाँ घोड़ी रुके, वहीं मंदिर निर्माण हो। तभी से कलियुग में भक्तजन उन्हें माँ राणीसती दादी के रूप में पूजते हैं और उनकी कृपा से मनोवांछित फल पाते है।वार्षिकोत्सव को भव्य बनाने में मंदिर समिति एवं आयोजक संगठनों की सक्रिय भूमिका रही। मंदिर समिति से दुर्गा प्रसाद गुप्ता, कृष्ण के लखोटिया, बिनोद कुमार शर्मा, सम्मेलन से राजेश कुमार खेमका, नीतेश सर्राफ, राजेन्द्र शर्मा, जबकि युवा मंच से मोहित अग्रवाल, केशव लखोटिया, दीपक गोयल, हर्ष चौधरी, शम्भू कानोडिया, राहुल अग्रवाल, श्रवण मुंशी, सुशील अग्रवाल, पंकज जाजोदिया ने सहयोग किया।स्त्री सम्मेलन की ओर से शिल्पी मुंशी, रेखा शर्मा, स्नेहा लखोटिया, प्रीति गुप्ता ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।शक्तिधाम परिसर में भक्ति और उल्लास का ऐसा अद्भुत संगम दिखाई दिया मानो पूरा वातावरण माँ राणीसती दादी की कृपा और आशीर्वाद से आलोकित हो उठा हो। श्रद्धालुओं ने दादी माँ के जयकारों के साथ अपनी आस्था प्रकट की और मंगलपाठ के समापन पर महाप्रसाद का भी लाभ उठाया।

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सरैया चौक पर नवाह महायज्ञ का हुआ समापन 

नया विचार न्यूज़ सरायरंजन : प्रखंड क्षेत्र के सरैया चौक स्थित हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित नया महायज्ञ गुरुवार को पूर्ण भक्ति भाव के साथ संपन्न हो गया।महायज्ञ के समापन के बाद भव्य जुलूस निकाला गया। इस जुलूस को सरैया चौक से निकाल कर सरायरंजन डीह, सरायरंजन बाजार, कल्याणपुर आदि गांवों का भ्रमण कराते हुए सरैया पुल स्थित जमुआरी नदी में विधि विधान के साथ कलश को विसर्जन किया गया। इससे पूर्व श्रद्धालुओं द्वारा हनुमान जी की पूजा, हवन आदि किया गया। जुलूस में सूर्य नारायण शर्मा,श्याम बाबू शर्मा, कुमार विश्वनाथ, लाल बाबू महतो, पूर्व प्रमुख रामप्रवेश राय,वार्ड पार्षद संजय कुमार, प्रिंस कुमार सहित श्रद्धालु शामिल हुए।

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उदयपुर में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर छठी महोत्सव समारोह, भगवान श्री कृष्ण को लगाए गए 56 प्रकार के भोग 

नया विचार न्यूज़ सरायरंजन। उदयपुर में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के उपरांत गुरुवार को छठी महोत्सव समारोह का आयोजन किया गया है। युवा समाजसेवी अमन कुमार के आवासीय परिसर में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के उपरांत छठी महोत्सव का हर्षोल्लास पूर्वक आयोजन किया गया है।इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा करने के साथ ही उन्हें 56 प्रकार के भोग लगाए गए हैं। भगवान श्री कृष्ण के छठे महोत्सव के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। सारा वातावरण, हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की, तथा भगवान श्री राधे कृष्ण के मधुर संगीत धुनो से संपूर्ण वातावरण भक्ति मय हो रहा है। अमन कुमार झा, रिंकी झा, निक्की झा, मुकुंद कुमार झा सहित अन्य कार्यकर्ता गण कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरी सक्रियता से जुटे हुए हैं।

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रायपुर में हुआ मटका फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन 

 नया विचार न्यूज़ सरायरंजन :प्रखण्ड क्षेत्र के रायपुर बुजुर्ग पंचायत स्थित भवानी मन्दिर के प्रांगण में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मटका फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में रायपुर ,किशनपुर सहित गंगसारा पंचायत के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। लगातार तीसरी बार गंगसारा की टीम ने विजय हासिल की। विजेता टीम को 1100 की नकद राशि और ट्रॉफी देकर आयोजन कर्ताओं की तरफ से सम्मानित किया गया। आयोजक मंडल में अमरजीत पुरी,शिवम कुमार,पवन कुमार सहनी,विकाश यादव,विकेश सहनी,सिद्धार्थ यादव,रणधीर कुमार आदि लोग मौजूद रहे। विजेता टीम में कप्तान संतोष कुमार सहनी सहित गुलशन कुमार पासवान,विकाश कुमार गुप्ता,मनजीत यादव,विकास कुमार,सौरव कुमार, शशि,अमन,रोहित,हिमांशु,सन्नी,दिलखुश कुमार ओम कुमार,रवि आदि प्रतिभागी शामिल हुए। मौके पर पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह युवा समाजसेवी एवं चांदसी क्लिनिक के निदेशक अभिषेक कुमार ने पहुंचकर प्रतिभागियों का हौसला अफजाई किया।इधर, प्रखंड के दामोदरपुर महुली में भी मटकाफोड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें गंगसारा की टीम विजयी रही। बता दें कि ग्रामीण अविनाश कुमार पासवान और गोपाल मिश्रा के संयुक्त तत्वावधान में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मटका फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में अख्तियारपुर,किशनपुर,रायपुर तथा गंगसारा पंचायत केे प्रतिभागियों ने अपना करतब दिखाया। आयोजक मंडल में अभिनंदन कुमार,संजय रजक,निखिल कर्ण, चन्दन साह,राहुल रजक आदि लोगों ने सफल आयोजन किया। विजेता टीम को 3100 रुपए नकद राशि दिया गया। मौके पर पहुंचे क्षेत्र के पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह युवा समाजसेवी संजीव कुमार इन्कलाबी ने कार्यक्रम में पहुंचकर प्रतिभागियों को सम्मानित किए।

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अखिल विश्व गायत्री परिवार की ज्योति कलश यात्रा का रोसड़ा में भव्य स्वागत

नया विचार न्यूज़ रोसड़ा/समस्तीपुर – अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा राष्ट्रव्यापी रूप से संचालित ज्योति कलश यात्रा सोमवार को रोसड़ा पहुंची। यह यात्रा माता भगवती शर्मा की जन्म शताब्दी वर्ष और परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा प्रज्वलित अखण्ड दीप के पुण्य अवसर पर निकाली जा रही है। यह रथयात्रा हसनपुर से चलकर बरैपुरा, सिहमा होते हुए थतिया स्थित भास्कर मिशन विद्यालय पहुंची, जहाँ विद्यालय के संस्थापक रामाश्रय भास्कर के नेतृत्व में छात्रों ने पूजा-अर्चना कर रथ का भव्य स्वागत किया। इसके उपरांत यात्रा सहियार डीह होते हुए ठीक तीन बजे रोसड़ा स्थित गायत्री शक्ति पीठ पहुंची। वहां पर उपस्थित श्रद्धालुजनों ने भक्ति भाव से स्वागत किया। रथयात्रा में समस्तीपुर जिले के संयोजक अमरनाथ झा ‘अमर’, सह संयोजक राकेश कुमार, उपजोन सह संयोजक सुनील कुमार श्रीवास्तव, आदित्यनाथ झा, अरविंद प्रसाद, आनंद बजाज, दीपक ठाकुर, शिव कुमार पौदार प्रमुख रूप से सम्मिलित थे।

आस्था, समस्तीपुर

अष्टयाम महायज्ञ से भक्तिमय हुआ उदापट्टी गांव

नया विचार न्यूज सरायरंजन : मुसरीघरारी नगर पंचायत के उदापट्टी गांव के पछियारी टोला स्थित काली स्थान में शुक्रवार को दो दिवसीय अष्टयाम महायज्ञ का शुभारंभ किया गया। अष्टयाम महायज्ञ को लेकर पंडित सीताराम मिश्र एवं श्रीराम मिश्र के द्वारा विधि विधान के साथ पूजा अर्चना के साथ शुरू हुई। किसके पश्चात काली दुर्गे राधे श्याम,गौरी शंकर सीताराम के महामंत्र के साथ पूरा गांव गुंजायमान हो उठा। महामंत्र के जाप से गांव में भक्तिमय माहौल बना हुआ है। अष्टयाम महायज्ञ के यजमान कीर्तन झा,योगमाया देवी, मनोज झा एवं प्रेमलता देवी के द्वारा संकल्प कर हवन किया जा रहा है। अष्टयाम महायज्ञ को सफल बनाने में राधा कांत झा, गणेश झा, विभूति झा, विनोद चौधरी, दीपक झा, अजय झा, विजय झा आदि सक्रिय सहयोग कर रहे हैं।

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तिसवारा में बाबा ब्रह्म व बाबा डिहवार की हुई पिंडी स्थापित 

  नया विचार सरायरंजन । प्रखंड क्षेत्र के तिसवारा गांव स्थित ब्रह्म बाबा एवं डीहवार स्थान में बाबा डिहवार एवं बाबा ब्रह्म की पिंडी स्थापित किया गया। पिंडी स्थापित के बाद अष्टयाम महायज्ञ का शुभारंभ किया गया।इस अष्टयाम महायज्ञ में हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे के महामंत्र से गुंजायमान हो रहा है । अष्टयाम महायज्ञ शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं ने कलशयात्रा निकाली। इस कलशयात्रा 51 कुंवारी कन्याओं के अलावे दर्जनों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।इस अष्टयाम महायज्ञ को पंडीत डाक बाबू एवं इंद्रकांत झा ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू कराया गया।इस अष्टयाम महायज्ञ में अनिल कुमार मिश्र, सुनील कुमार मिश्र, घनश्याम ठाकुर, पंडित मिश्र, बम-बम कुमार ठाकुर , मुन्ना मिश्र, सरोज पाठक आदि दर्जनों श्रद्धालु ग्रामिण मौजूद थे

आस्था, समस्तीपुर

रावण के राज्य में रहकर भी विभीषण नहीं बिगड़ा : देवी ऋचा मिश्रा,  सलेमपुर में रामकथा का आयोजन 

 नया विचार सरायरंजन:लंका देश में रावण जैसे राज्य में रहकर रावण का सहोदर भाई विभीषण नहीं बिगड़ा।यह बातें शनिवार की शाम बरबट्टा सलेमपुर गांव में रामकथा कहते कथावाचिका देवी ऋचा मिश्रा ने सातवें दिन कहीं। देवी मिश्रा ने कहा कि रावण के भाई विभीषण ने लंका में रहते हुए राम के भक्त थे। हर ग़लत काम पर विभिषण ने रावण का विरोध करता था । इसलिए रावण ने लात मारकर विभिषण को अपने राज्य से निकाल दिया था। इसके बाद विभीषण राम के शरण में आकर रहा । कथा वाचिका ने कहा कि महाहिंदुस्तान युद्ध के समय हनुमान जी श्रीकृष्ण और अर्जुन के रथ के उपर ध्वज में विराजमान थे। हनुमान जी के ही पुण्य प्रताप से अर्जुन और युधिस्ठिर ने महाहिंदुस्तान का युद्ध जीता था। रावण ने जब सीता का अपहरण किया था।तब भी विभीषण ने विरोध किया था। उन्होंने रावण से कहा था कि आप साक्षात भगवती को ले आए है। इसका परिणाम बहुत ही बुरा होगा। इन्होंने कहा कि भगवान शंकर को सातवां श्रृंगार भष्म है, आठवां श्रृंगार है रूद्राक्ष, नौवां श्रृंगार है सर्प का माला,दशवां श्रृंगार है नंदी बैल ,11 वां श्रृंगार है डमरू, 12 वां श्रृंगार है बाघ का चर्म है।जो लोग बारहों श्रृंगार को लेकर पूजा करते हैं, उन्हें सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम भी भगवान शिव के भक्त हैं,जिस कारण भगवान शिव ने श्री राम को रावण पर विजयी दिलाने का आशीर्वाद दिया था । जिससे रावण पर विजयी प्राप्त किया था। रामकथा को सफल बनाने में संपूर्ण ग्रामवासी सक्रिय सहयोग दे रहे हैं।

आस्था, बिहार

13 मार्च को होलिका दहन एवं 15 मार्च को मनाई जाएगी होली

नया विचार –  13.3.2025 को होलिका दहन और 15.3.2025 को मनाई जाएगी होली,, इस वर्ष 13 मार्च को होलिका दहन 10:45 मिनट रात्रि के बाद होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है। पंडित अनन्त कुमार ठाकुर आचार्य सह शोधार्थी समर्थक विद्वान विश्वविद्यालय पंचांग बिहार ने बताया कि शास्त्र के अनुसार भद्रा में दो काम करना निषेध माना गया है- एक रक्षाबंधन दूसरा होलिका दहन।  रक्षाबंधन मनाने पर राज का नाश होता है जबकि होलिका दहन करने से गांव में अग्नि दहन होता है। इसलिए 10:45 मिनट के बाद भद्रा समाप्ति के बाद होलिका दहन करना धर्म शास्त्रों के अनुसार उचित है। 14 मार्च को पुर्णिमा तिथि रहेगी अतः स्नान दान और अपने इष्ट देवी देवताओं को सिंदूर विशेष भाग अर्पित किया जाएगा। 15 मार्च को प्रातः काल के प्रतिपदा में होलिका का भस्म धारण कर उत्साह उमंग और सौहार्द पूर्ण होली स्पोर्ट्सी जाएगी। होली को लेकर लोगों में संशय कि स्थिति बनी हुई है लेकिन होलिका दहन को लेकर मिथिला एवं बनारस दोनों पंचांग का एक ही मत है। फाल्गुन शुक्ल की पुर्णिमा दो दिन होने से होलिका दहन के एक दिन बाद होली पर्व मनाई जाएगी। फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च को तथा स्नान दान की पुर्णिमा 14 मार्च को होगी फाल्गुन की पुर्णिमा गुरुवार को प्रातः 10:11 बजे से शुरू हो रहा है और भद्रा भी उसी समय से आरंभ हो रही है । 14 मार्च को पुर्णिमा तिथि दोपहर 11 बजकर 22 मिनट तक ही हैं।  ज्योतिष शास्त्र धर्म शास्त्र में स्पष्ट होलिका दहन को लेकर तीन नियम बतलाऐ गये हैं- पहला पुर्णिमा तिथि,दुसरा भद्रा मुक्त काल व तीसरा रात्रि का समय होनी चाहिए।  रंगोत्सव का पर्व होली उदय व्यापिनी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में मनाई जाती है। प्रेम सौहार्द व रंगों का पर्व होली चैत्र कृष्ण प्रतिपदा 15 शनिवार को होली स्पोर्ट्सी जाएगी । इसमें कोई संदेह नही है।    

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