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महाकुंभ के समापन के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु, यहां से जानें

Mahakumbh 2025 Naga Sadhu: प्रयागराज में गंगा, युमना और सरस्वती नदी के संगम तट पर आयोजित होने वाला महाकुंभ, जो कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, में अब तक नौ करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. यह महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. महाकुंभ में नागा साधु विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र होते हैं, जिन्हें सनातन धर्म में धर्म का रक्षक माना जाता है. नागा साधुओं को 12 वर्षों की कठोर तपस्या करनी होती है और वे भगवान शिव के वैरागी स्वरूप की पूजा करते हैं. इस महाकुंभ में देशभर से नागा साधु उपस्थित हैं, जो अपनी अनोखी उपस्थिति और श्रद्धा के कारण लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं. नागा साधु, जो बिना वस्त्र के होते हैं और उनके शरीर पर भस्म तथा लंबी जटाएं होती हैं, भीड़ में सबसे अलग दिखाई देते हैं. नागा साधु बनने में कितना तपस्या करनी पड़ती है ? और किस प्रकार पूर्ण होता है नागा साधु बनने के लिए 12 वर्षों की कठोर तपस्या आवश्यक होती है. नागा साधुओं का जीवन अत्यंत जटिल और कठिन होता है. यह मान्यता है कि किसी व्यक्ति को नागा साधु बनने में 12 वर्ष का समय लगता है. नागा साधु बनने के पश्चात, वे शहरी जीवन की भीड़-भाड़ को छोड़कर पहाड़ों और जंगलों में निवास करते हैं, जहां उनका ठिकाना ऐसा होता है जहाँ कोई अन्य व्यक्ति नहीं आता. अखाड़ों में नागा साधुओं को अनुशासन और संगठित जीवन जीने की शिक्षा दी जाती है. मौनी अमावस्या पर करें भगवान विष्णु के नामों का जप करें नागा साधु बनने की प्रक्रिया में 6 वर्ष का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इस अवधि के दौरान, साधु महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त करते हैं और केवल लंगोट पहनते हैं. कुंभ मेले में वे प्रण लेते हैं और लंगोट का त्याग करते हैं, साथ ही अपने जीवन को निर्वस्त्र रहने का संकल्प करते हैं. एक विशेष बात यह है कि वे बिस्तर पर नहीं सोते हैं. इस प्रक्रिया की शुरुआत में साधु को ब्रह्मचर्य की शिक्षा दी जाती है. जब वह इसमें सफल होते हैं, तब उन्हें महापुरुष की दीक्षा प्राप्त होती है, जिसके बाद यज्ञोपवीत संस्कार किया जाता है. इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, साधु अपने और अपने परिवार का पिंडदान करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनका कोई परिवार या माता-पिता नहीं रहते, जिसे बिजवान कहा जाता है. नागा साधुओं को एक दिन में केवल सात घरों से भिक्षा मांगने की अनुमति होती है. यदि इन घरों से भिक्षा नहीं मिलती है, तो उन्हें भूखा रहना पड़ता है. नागा संन्यासी दिन में केवल एक बार भोजन ग्रहण करते हैं. ये साधु हमेशा नग्न रहते हैं और युद्ध कला में निपुण होते हैं, तथा विभिन्न अखाड़ों में निवास करते हैं. नागा साधू अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं और अपने दिगंबर स्वरूप के कारण प्रसिद्ध होते हैं. नागा साधुओं के शृंगार की विशेषताएं नागा साधु का मानना है कि धरती उनका बिछौना और आकाश उनका ओढ़ना है. कुंभ मेले के दौरान वे दिगंबर स्वरूप में आते हैं, जिससे उनका अद्वितीय प्रभाव उत्पन्न होता है. वे मुख्यतः 17 प्रकार के शृंगार करते हैं, जिनमें लंगोट, भभूत, चंदन, अंगूठी, लोहे या चांदी के कड़े, पंचकेश, कमर में माला, माथे पर रोली, कुंडल, चिमटा, डमरू, कमंडल, गुथी हुई जटाएं, तिलक, काजल, हाथों में कड़ा, और बाहों में रुद्राक्ष की माला शामिल हैं, साथ ही उनके शरीर पर भस्म भी होती है. कुंभ के बाद नागा साधु कहां चले जाते हैं? कुंभ के दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित नागा साधु अचानक गायब हो जाते हैं या बहुत कम दिखाई देते हैं. महाकुंभ के समय, नागा साधु विभिन्न अखाड़ों में निवास करते हैं, लेकिन कुंभ समाप्त होने के बाद वे अपने-अपने अखाड़ों में लौट जाते हैं, जहां वे गहन ध्यान और साधना में लीन रहते हैं. इस दौरान, वे धार्मिक शिक्षा भी प्रदान करते हैं और तपस्वी जीवन जीते हैं. The post महाकुंभ के समापन के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु, यहां से जानें appeared first on Naya Vichar.

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महाकुंभ में बिछड़ों को परिजनों से मिलाने के लिए बनाया जाए पैनल, भगदड़ के बाद RJD ने की मांग

Mahakumbh Stampede: महाकुंभ 2025 में भगदड़ से हुई दुर्घटना पर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने दुख जताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर प्रशासन से घायलों की सूची जारी करने और समुचित इलाज की व्यवस्था करने की मांग की है. साथ ही मेला क्षेत्र में बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए अलग से पैनल बनाने की भी मांग की. हादसे पर जताया दुख शक्ति सिंह यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘महाकुंभ में अव्यवस्था के कारण हुए हादसे में सनातन श्रद्धालुओं के हताहत होने की समाचार बेहद दुखद है. मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. सतयुग से चली आ रही इस परंपरा को पवित्र बनाने की जिम्मेदारी राज्य प्रशासन और केंद्र प्रशासन दोनों की है, यह व्यवस्था तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं.’ महाकुंभ में अव्यवस्था के वजह से जन्म लिए हादसे में सनातन श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है।मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं! सतयुग से चले आ रहे इस परम्परा को पवित्र बनाने का जिम्मा राज्य प्रशासन और केन्द्र प्रशासन, दोनों का है, ये व्यवस्था और भी अहम तब हो जाता… pic.twitter.com/YgF5b5xeUb — Shakti Singh Yadav (@sshaktisinghydv) January 29, 2025 घायलों की सूची जारी करने की मांग शक्ति सिंह यादव ने प्रशासन से अपील करते हुए आगे लिखा, ‘मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि घायलों की सूची जारी करें, उन्हें सुरक्षित वाहनों से उनके परिजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था करें और उनके पूरे इलाज की जिम्मेदारी प्रशासन तुरंत उठाए. बिना किसी नेतृत्वक द्वेष के इस मामले की गंभीरता को समझना चाहिए और व्यवस्था को अभी से सुधारना चाहिए, ताकि विचलित करने वाली तस्वीरें सामने न आएं.’ Also Read : Bihar News: दर्दनाक! एक ही चिता पर जले पति-पत्नी और दो शिशु, दृश्य देख फटा लोगों का कलेजा बिछड़ों को परिजनों से मिलने के लिए बने अलग पैनल शक्ति सिंह यादव ने आगे लिखा, ‘बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए अलग से पैनल बनाया जाना चाहिए. गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस की मदद से नजदीकी बेहतरीन अस्पतालों में पहुंचाया जाना चाहिए और तत्काल चिकित्सा व्यवस्था की जानी चाहिए. ट्रेन और हवाई टिकट का किराया कम किया जाना चाहिए ताकि लोग अपने प्रियजनों से जल्दी मिल सकें और उन्हें अपने परिजनों से मिलने में आसानी हो. मैं महादेव से इस दुर्घटना में घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.’ Also Read : Bihar Bhumi: बिहार प्रशासन ने जमीन की ई-मापी के लिए जारी की अहम सूचना, नहीं किया ये काम तो रद्द होगा आवेदन The post Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में बिछड़ों को परिजनों से मिलाने के लिए बनाया जाए पैनल, भगदड़ के बाद RJD ने की मांग appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Teacher: सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने बदला नियम, हर क्लास में अब इतने शिक्षक जरूरी

Bihar Teacher: शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से पांच (प्राथमिक स्कूल) और कक्षा छह से आठ (मध्य विद्यालय) तक के प्रशासनी स्कूलों के लिए शिक्षकों की मानक संख्या तय कर दी है. इसके अनुसार प्राथमिक प्रशासनी स्कूलों में पांच और मध्य विद्यालयों में कम से कम नौ शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से होनी चाहिए. नियुक्ति और पदस्थापन के लिए शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा है कि तय किये गये इन मानकों के हिसाब से राज्य के प्राथमिक और मध्य स्कूलों के लिए स्वीकृत बल और रिक्तियों की संख्या 31 जनवरी तक इ-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करें. हर प्राथमिक स्कूल में होगा एक प्रधान शिक्षक प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार कक्षा एक से पांच तक के ऐसे प्राथमिक स्कूल जहां 120 तक नामांकन हैं, वहां चार शिक्षक और जहां 121 से 150 तक शिशु नामांकित हैं, वहां पांच शिक्षक तैनात होंगे. 150 से अधिक नामांकन वाले स्कूलों में हर 40 विद्यार्थी पर एक शिक्षक नियुक्त होंगे, हर प्राथमिक स्कूल में एक प्रधान शिक्षक होगा, जो उक्त शिक्षक के अतिरिक्त होगा. मध्य विद्यालय में हर 35 विद्यार्थी पर एक शिक्षक होगा ऐसे मध्य विद्यालय जहां कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है, वहां कक्षा एक से पांच तक में विद्यार्थियों के नामांकन के अनुसार प्राथमिक स्कूलों की तरह ही शिक्षक रखे जायेंगे. हालांकि कक्षा छह से आठ तक के लिए 105 तक नामांकित बच्चों पर चार शिक्षक नियुक्त होंगे. इसमें विज्ञान व गणित, सामाजिक अध्ययन, हिंदी और अंग्रेजी के एक-एक शिक्षक तैनात होंगे, जहां 105 से अधिक नामांकन हैं, वहां हर 35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक नियुक्त होगा. हर मध्य विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक का पद स्वीकृत है, जो शिक्षकों की संख्या के अतिरिक्त होगा. Also Read: महाकुंभ में भगदड़ के बाद भी ट्रेनों में कम नहीं हो रही तीर्थयात्रियों की भीड़, AC कोच का जनरल सा हाल शिक्षा विभाग के अहम फैसले वैसे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल जहां एक से आठ तक की कक्षाएं है, वहां भी शिक्षकों की संख्या का निर्धारण तय मानक के अनुसार होगा. विषयवार शिक्षकों की संख्या का निर्धारण जिलास्तर पर होगा. नामांकन अधिक होन पर विज्ञान और गणित के एक से अधिक शिक्षक रखे जा सकते है. उर्दू व संस्कृत के लिए भी प्रावधान हो सकता है. हर शिक्षक के लिए कम से कम एक वर्ग कक्ष होना चाहिए, शिक्षकों का वास्तविक मूल्यांकन स्कूल के कमरों की उपलब्धता के आधार पर होगा. मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित नौ शिक्षकों का प्रावधान जिन मध्य विद्यालयों में मूल कोटि के शारीरिक शिक्षक है, वहां स्वीकृत और कार्यरत बल में शारीरिक शिक्षक अंकित होंगे. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें The post Bihar Teacher: प्रशासनी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने बदला नियम, हर क्लास में अब इतने शिक्षक जरूरी appeared first on Naya Vichar.

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Bank Holidays: फरवरी 2025 में बैंक कब और कहां रहेंगे बंद? देखें छुट्टियों की सूची

Bank Holidays In February: फरवरी 2025 में बैंक अवकाश का पूरा विवरण जानने से आप अपनी बैंकिंग गतिविधियों की योजना पहले से बना सकते हैं. इस महीने में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और क्षेत्रीय छुट्टियां हैं, जो हिंदुस्तान के विभिन्न राज्यों में बैंकों के बंद होने का कारण बनती हैं. फरवरी 2025 में बैंकों के बंद रहने की तिथियां फरवरी 2025 में, विभिन्न राज्य-विशिष्ट त्योहारों और सार्वजनिक छुट्टियों के कारण बैंकों में कई बंदी दिवस होंगे. यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके राज्य में किस दिन बैंक बंद रहेंगे, ताकि आप अपनी वित्तीय गतिविधियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय छूटियां 2 फरवरी, 2025 (रविवार): पूरे देश में साप्ताहिक रविवार की छुट्टी होगी 3 फरवरी, 2025 (सरस्वती पूजा): त्रिपुरा में सरस्वती पूजा के कारण बैंक बंद रहेंगे 8 फरवरी, 2025 (दूसरा शनिवार): देशभर के सभी बैंक दूसरे शनिवार की छुट्टी मनाएंगे 9 फरवरी, 2025 (रविवार): साप्ताहिक रविवार अवकाश, सभी बैंकों में बंदी 11 फरवरी, 2025 (थाई पूसम): तमिलनाडु में थाई पूसम के कारण बैंक बंद रहेंगे 12 फरवरी, 2025 (गुरु रविदास जयंती): हिमाचल प्रदेश में गुरु रविदास की जयंती पर बैंक बंद रहेंगे 15 फरवरी, 2025 (लुई-नगाई-नी): मणिपुर में लुई-नगाई-नी के पर्व पर बैंक बंद रहेंगे 16 फरवरी, 2025 (रविवार): साप्ताहिक रविवार अवकाश, सभी बैंकों में बंदी 19 फरवरी, 2025 (छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती): महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की जयंती के कारण बैंक बंद रहेंगे 20 फरवरी, 2025 (राज्य का दर्जा दिवस): मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में राज्य का दर्जा दिवस मनाया जाएगा, जिससे बैंकों में अवकाश होगा 22 फरवरी, 2025 (चौथा शनिवार): चौथा शनिवार होने के कारण पूरे देश में बैंक बंद रहेंगे 23 फरवरी, 2025 (रविवार): साप्ताहिक रविवार अवकाश, सभी बैंकों में बंदी 26 फरवरी, 2025 (महा शिवरात्रि): कुछ राज्यों में महा शिवरात्रि पर बैंक बंद रहेंगे 28 फरवरी, 2025 (लोसार): गंगटोक में लोसार के लिए बैंक बंद रहेंगे Also Read: Budget 2025: फिक्की सदस्यों की मांग, कर संरचना में सुधार से बढ़ेगी आर्थिक मांग The post Bank Holidays: फरवरी 2025 में बैंक कब और कहां रहेंगे बंद? देखें छुट्टियों की सूची appeared first on Naya Vichar.

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Chanakya Niti: घर में आएगी लक्ष्मी और धन की कभी नहीं होगी कमी, बस अपनायें चाणक्य की यह नीतियां

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें एक महान अर्थशास्त्री और कुशल कूटनीतिज्ञ के तौर पर जाना जाता है, अपनी नीतियों और जीवन के गहरे दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं. यह माना जाता है कि जो व्यक्ति चाणक्य नीति को समझकर उसकी गहराई में जाता है वह जीवन की किसी भी परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हो जाता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में कुछ ऐसी विशेष नीतियां बताई हैं जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक समृद्धि ला सकता है. इन नीतियों को अपनाने से घर में नए पैसे के स्रोत बनते हैं और धन आपके पास स्वतः आने लगता है. कर्म की अहमियत : चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसकी स्थिति चाहे वह अमीर हो या गरीब उसके कर्मों पर निर्भर करती है. जो व्यक्ति मेहनत और सही कर्मों में विश्वास रखते हैं वे कभी भी पैसों की कमी नहीं महसूस करते.इसलिए अपने कर्मों को सुधारें और उन्नति के मार्ग पर चलने की कोशिश करें. दान-पुण्य की आदत : चाणक्य के अनुसार दान और पुण्य करने वाले व्यक्ति के पास कभी भी धन की कमी नहीं होती. वे अपने अच्छे कार्यों से न केवल समाज का भला करते हैं बल्कि उनके जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है. जो लोग परोपकार करते हैं वे हमेशा आशीर्वाद से धन्य रहते हैं. अन्न की बर्बादी से बचें : चाणक्य की नीति के अनुसार जिस घर में अन्न की बर्बादी होती है वहां कभी भी समृद्धि का वास नहीं होता. अन्न को व्यर्थ करने से लक्ष्मी नाराज होती हैं. यदि आप धन की कमी से बचना चाहते हैं तो हमेशा अन्न की बर्बादी से बचें और उसका सही तरीके से उपयोग करें. हमारी संस्कृति में अन्न को देवता के समान माना जाता है इसलिए इसका सम्मान करें. मेहमानों का आदर-सत्कार : चाणक्य नीतिशास्त्र में मेहमानों के सम्मान को बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है. चाणक्य के अनुसार जो घर अपने मेहमानों का आदर करता है वहां कभी भी धन की कमी नहीं होती.मेहमानों का सत्कार भगवान के रूप में करना चाहिए और जब भी कोई आपके घर आए उनका स्वागत सम्मानपूर्वक करें. इससे न केवल मां लक्ष्मी खुश होती हैं बल्कि घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है. Also Read : Chanakya Niti for Successful Life : चाणक्य की सफलता पाने के 3 रहस्यमयी मंत्र, जो बदल सकते हैं आपकी जिंदगी Also Read : Chanakya Niti: अगर आप भी बनना चाहते है अमीर तो इन जगहों से रहें दूर,मिलेगी तरक्की Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है. The post Chanakya Niti: घर में आएगी लक्ष्मी और धन की कभी नहीं होगी कमी, बस अपनायें चाणक्य की यह नीतियां appeared first on Naya Vichar.

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Muzaffarpur News: मां-बाप ने नवजात को सड़क किनारे फेंका, सिपाही ने सीने से लगाया, गोद भी लेंगे

Muzaffarpur News: जिले के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां किसी ने एक नवजात शिशु को माड़ीपुर सड़क किनारे छोड़ दिया था. बच्चा लावारिश स्थिति में सड़क किनारे पड़ा मिला. शिशु की आवाज सुनकर मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई. इसी दौरान वहां से ब्रह्मपुरा थाना के सिपाही राम पुकार कुमार, जो सदर बी अंचल के साहब की गाड़ी के चालक हैं, वे वहां से गुजर रहे थे उन्होंने शिशु को उठाया और अपने सीने से लगा लिया. उन्होंने अपने खर्च पर शिशु को अस्पताल में भर्ती कराया. जानकारी के अनुसार, शिशु का इलाज कराने के बाद अब सिपाही राम पुकार कुमार उसे गोद भी लेना चाहते हैं.  क्या है हिंदुस्तान में शिशु को गोद लेने की प्रक्रिया? हिंदुस्तान में शिशु गोद लेने की प्रक्रिया केंद्रीय गोद लेने संसाधन प्राधिकरण (CARA) द्वारा नियंत्रित की जाती है, जो स्त्री और बाल विकास मंत्रालय के तहत काम करता है. गोद लेने की प्रक्रिया इस प्रकार होती है: 1. योग्यता मानदंड:    – हिंदुस्तानीय नागरिकों के लिए: गोद लेने वाले माता-पिता की आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए और शिशु और माता-पिता के बीच आयु का अंतर कम से कम 21 वर्ष होना चाहिए. दंपत्तियों को कम से कम 2 साल तक वैवाहिक जीवन बिता हुआ होना चाहिए, लेकिन कुछ विशेष श्रेणी के बच्चों (जैसे विकलांग बच्चों) के लिए इसमें छूट हो सकती है.    – विदेशी नागरिकों के लिए: उन्हें हिंदुस्तान में एक साल तक रहना आवश्यक है या फिर यदि वे विदेश में रहते हैं और हिंदुस्तानीय शिशु को गोद लेना चाहते हैं, तो वे आवेदन कर सकते हैं. 2. पंजीकरण:    – संभावित गोद लेने वाले माता-पिता को CARA या एक मान्यता प्राप्त गोद लेने एजेंसी के साथ पंजीकरण करना होता है. इसके लिए एक आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें व्यक्तिगत, वित्तीय और पारिवारिक जानकारी दी जाती है. 3. होम स्टडी:    – पंजीकरण के बाद, एजेंसी गोद लेने वाले माता-पिता का होम स्टडी करती है. इसमें साक्षात्कार, घर की जांच और बैकग्राउंड चेक शामिल होता है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि माता-पिता भावनात्मक, शारीरिक और वित्तीय रूप से शिशु को गोद लेने के लिए सक्षम हैं. 4. शिशु का संदर्भ:    – एक बार मंजूरी मिलने के बाद, माता-पिता को उनके द्वारा निर्धारित किए गए मानदंडों (जैसे आयु, लिंग, स्वास्थ्य स्थिति) के अनुसार शिशु का संदर्भ दिया जाता है. वे शिशु के विवरण की समीक्षा करते हैं, और यदि वे सहमत होते हैं, तो वे अगले कदम की ओर बढ़ते हैं. 5. कानूनी प्रक्रिया:    – संदर्भ स्वीकार करने के बाद, गोद लेने वाले माता-पिता को अदालत में गोद लेने का आदेश प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होता है. यह एजेंसी के माध्यम से या सीधे जिला अदालत में किया जा सकता है. 6. पोस्ट-गोद लेने अनुवीक्षण:    – गोद लेने के बाद, एजेंसी द्वारा कुछ समय (आमतौर पर 2 साल तक) तक फॉलो-अप किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिशु की भलाई और उसकी देखभाल सही तरीके से हो रही है. 7. गोद लेने का अंतिमकरण:    – जब अदालत संतुष्ट हो जाती है कि बच्चा और माता-पिता के बीच स्थिति ठीक है, तो वह एक अंतिम गोद लेने का आदेश जारी करती है, जिससे बच्चा कानूनी रूप से गोद लेने वाले माता-पिता का बच्चा बन जाता है. यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि गोद लेना एक सुरक्षित और कानूनी तरीके से किया जाए, जिसमें शिशु की भलाई को सर्वोपरि रखा जाए. The post Muzaffarpur News: मां-बाप ने नवजात को सड़क किनारे फेंका, सिपाही ने सीने से लगाया, गोद भी लेंगे appeared first on Naya Vichar.

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Bihar News: दर्दनाक! एक ही चिता पर जले पति-पत्नी और दो बच्चे, दृश्य देख फटा लोगों का कलेजा

Bihar News: महाकुंभ में स्नान कर वापस लौट रहे पंश्चिम चंपारण के दंपति और उसके दो बच्चों की सड़क हादसे में सोमवार की सुबह मौत हो गई. हादसा यूपी के आगरा के पास फतेहाबाद में हुआ है. हादसे के बाद मंगलवार को  मृत पति पत्नी व उनके दो बच्चों का शव उनके पैतृक गांव चिरैया थानाक्षेत्र के पिडारी गांव पहुंचा. शव के पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया. मृतकों का अंतिम दर्शन करने के लिए आसपास के गांवों के लोग वहां जमा हो गये. यहां एक ही चिता पर चारों के शव को जलाया गया. इस दृश्य को देख कर हर किसी के आंखों से आंसु आ गए.  बूढ़े पिता ने दी मुखाग्नि  शव आने की सूचना पर सीओ आराधना कुमारी, राजस्व कर्मचारी प्रेम कुमार व थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार सहित कई पुलिस अधिकारी सुबह से ही गांव में कैंप कर रहे थे. मृतक ओमप्रकाश आर्य के पिता व रिटायर्ड शिक्षक वीर शमशेर सिंह ने एक साथ बेटा, बहू, पोती व पोता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया. पिता ने बताया कि बीते 26 जनवरी को बेटा कार से पत्नी पूर्णिमा कुमारी, पुत्री अवनी उर्फ अहान व पुत्र विनायक के साथ प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए गया था. लौटने के क्रम में कार हादसा हो गया, जिसमें सभी की मौत हो गयी. बिहार की ताजा समाचारों के लिये यहां क्लिक करें जानिए कैसे हुई घटना? जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब प्रयागराज कुंभ स्नान कर लौट रहे परिवार की कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और दूसरी लेन में जा घुसी. सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने कार को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. हादसे के दौरान कार में सवार सभी लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. इस हादसे के कारण एक्सप्रेसवे पर जाम लग गया. क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर रास्ता साफ किया गया, जिसके बाद यातायात सुचारू किया गया. इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों और सतर्कता की अहमियत को उजागर किया है. तेज रफ्तार और वाहन पर नियंत्रण खोने की वजह से ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं. ALSO READ: Bihar News: जानिए क्यों बिहार के 5 अपराधियों को एक साथ मिला आजीवन कारावास, क्या था पूरा मामला? The post Bihar News: दर्दनाक! एक ही चिता पर जले पति-पत्नी और दो शिशु, दृश्य देख फटा लोगों का कलेजा appeared first on Naya Vichar.

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महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान आज, जानें इसका महत्व

Mahakumbh Amrit snan 2025:महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 यानी मकर संक्रांति के दिन किया गया.इस दौरान साधु-संतों के साथ देशी और विदेशी श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी घाट में आस्था और श्राद्ध की डुबकी लगाई.इसके बाद भक्त अब दूसरे अमृत स्नान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.हिंदू धर्म में अमृत स्नान को बड़ा ही महत्वपूर्ण और पुण्यदायक माना जाता है.यह दिन पवित्रता और पुण्य कमाने के लिए बेहद खास मान्यता रखता है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान के दिन शुभ मुहूर्त में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.साथ ही बैकुंठ की भी प्राप्ति मिलती है. दूसरा शाही स्नान शुभ मुहूर्त महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी 2025 मौनी अमावस्या के दिन होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:35 बजे शुभारंभ होगी और 29 जनवरी की शाम 6:05 बजे समर्पण होगी.ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन किया जाएगा. इस दिन संगम घाट पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है, इसके बाद तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के दिन किया जाएगा. मौनी अमावस्या पर करें भगवान विष्णु के नामों का जप करें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सनातन धर्म में मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का बेहद अधिक महत्व है.वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:19 बजे तक रहेगा. ऐसे में इस दौरान स्नान और दान को बेहद शुभ माना गया है.अगर इस समय में स्नान नहीं कर पाएं, तो सूर्योदय से सूर्यास्त तक कभी भी स्नान और दान कर सकते हैं. अमृत स्नान का महत्व अमृत स्नान खास दिन, मुहूर्त और ग्रह-नक्षत्र के संयोग में किया जाता है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ करने जैसा पुण्य फल मिलता हैसाथ ही पितरों को तर्पण करने से पितर दोष से मुक्ति मिलती है,इसके साथ ही अमृत स्नान करने से मन की अशुद्धियां दूर होती हैं और बैकुंठ की मोक्ष प्राप्ति होती है, वहीं कुंभ में अमृत स्नान के दिन प्रथम स्नान का अधिकार नागा साधुओं को है, दरअसल, नागा साधुओं को ‘महायोद्धा साधु’ भी कहा जाता है, क्योंकि प्राचीन काल में वे धर्म और समाज की रक्षा के लिए सेना के रूप में कार्य करते थे. अमृत स्नान का नियम अमृत स्नान के दिन नागा बाबा और अन्य प्रमुख साधु-संतों के बाद ही आम श्रद्धालुओं को श्रद्धा भक्ति से स्नान करना चाहिए. अमृत स्नान के दिन संगम में डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अवश्य दें. अमृत स्नान करने के बाद गरीब और जरूरतमंदों को काला तिल,अन्न, धन, और वस्त्र का दान अवश्य करें. कुंभ स्नान के दौरान गृहस्थ लोग को गंगा में कम से कम 5 बार डुबकी लगाना चाहिए.साथ ही सूर्य मंत्रों का उच्चारण मन मे दोनों जोड़ो को करना चाहिए. अमृत स्नान के दिन महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो स्वच्छता का ध्यान रखें. गंगा जी में स्नान करते समय साबुन, शैंपू का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें. The post महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान आज, जानें इसका महत्व appeared first on Naya Vichar.

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भारतीय क्रिकेटर बनने के लिए क्या करना पड़ेगा? मासूम के सवाल पर विराट कोहली का जवाब, Video

Virat Kohli: टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने 12 साल बाद दिल्ली की रणजी टीम में वापसी की है. इस समय वे दिल्ली रणजी टीम के साथ जुड़ चुके हैं और लगातार अभ्यास में वयस्त हैं. कोहली रेलवे के खिलाफ दिल्ली के रणजी ट्रॉफी मैच में स्पोर्ट्सेंगे. यह मैच 30 जनवरी से शुरू होगा. 36 वर्षीय कोहली ने मंगलवार को टीम के साथ अपने पहले प्रशिक्षण सत्र में हिस्सा लिया. इसी अभ्यास सत्र के दौरान एक बच्चा विराट कोहली के पास आया और उनसे बातचीत करता दिख रहा है. इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.  दिल्ली की रणजी टीम के एक खिलाड़ी का बेटा कबीर टीम इंडिया के स्टार विराट से बात पूछता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने के लिए उसे क्या करना होगा. इसके बाद, कोहली ने शिशु को एक अमूल्य सलाह दी. विराट ने कहा, “बहुत मेहनत करनी पड़ती है. आपके पिता को आपको अभ्यास या प्रशिक्षण के लिए नहीं कहना चाहिए. आपको हर सुबह खुद से कहना चाहिए कि आप अभ्यास के लिए जाना चाहते हैं. अगर कोई एक घंटे अभ्यास करता है, तो आप दो घंटे अभ्यास करें। यही एकमात्र तरीका है. अगर कोई 50 रन बनाता है, तो आप 100 रन बनाओ और अगर कोई 100 रन बनाता है, तो आप 200 रन बनाओ. जो बेंचमार्क है उससे डबल बनाना है.  Virat Kohli’s interaction With A Litte Fan.👌♥️#ViratKohli #Delhi #RanjiTrophy @imVkohli pic.twitter.com/Hckh8MzVAT — virat_kohli_18_club (@KohliSensation) January 28, 2025 विराट ने 2006 में तमिलनाडु के खिलाफ इसी मैदान से अपने कैरियर की शुरुआत की थी. अपने पहले मैच में उन्होंने 10 रन बनाए थे और 2012 में अपनी घरेलू टीम के लिए आखिरी रणजी मैच में उन्होंने दोनों पारियों को मिलाकर 57 रन बनाए थे. अब एकबार फिर विराट ने वापसी की है. इससे दिल्ली की टीम के खिलाड़ियों में भी उत्साह है.   पिछले कुछ महीनों में विराट कोहली ने बल्ले से खराब प्रदर्शन किया है, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में लगातार कम स्कोर बनाए हैं. पर्थ में शुरुआती टेस्ट में शतक को छोड़कर, कोहली कोई छाप छोड़ने में विफल रहे क्योंकि वे शेष चार मैचों में कुल 100 रन भी नहीं बना सके. उन्होंने पांच मैचों में कुल 190 रन बनाए. लाल गेंद के खिलाफ लंबे संघर्ष के बाद विराट ने फॉर्म वापस पाने के लिए घरेलू क्रिकेट का रुख किया है, क्योंकि हिंदुस्तान के सामने अगले महीने चैंपियंस ट्रॉफी है और टीम काफी हद तक उनके कंधों पर भी टिकी रहेगी.  ‘टी20 में सेट होने के लिए 20-25 गेंद नहीं ले सकते’, हिंदुस्तान की हार के बाद ऑलराउंडर पर भड़के पार्थिव पटेल चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भूचाल, ICC के सीईओ ने दिया इस्तीफा, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड है जिम्मेदार! The post हिंदुस्तानीय क्रिकेटर बनने के लिए क्या करना पड़ेगा? मासूम के सवाल पर विराट कोहली का जवाब, Video appeared first on Naya Vichar.

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Waqf Amendment Bill 2024: JPC ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से किया स्वीकार, ओवैसी ने किया विरोध

Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बुधवार को बताया, “समिति ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से स्वीकार कर लिया है. सांसदों को अपनी असहमति दर्ज कराने के लिए शाम चार बजे तक का समय दिया गया है.” असदुद्दीन ओवैसी ने किया विरोध वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर जेपीसी की बैठक पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हमें कल रात 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली. 655 पन्नों की रिपोर्ट को रातों-रात पढ़ना मानवीय रूप से असंभव है. मैंने उन संशोधनों के खिलाफ असहमति रिपोर्ट दी है जो वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं हैं. मैं संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा.” कांग्रेस बोली– मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए लाए गए संशोधन वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर जेपीसी की बैठक पर कांग्रेस सांसद डॉ सैयद नसीर हुसैन कहते हैं, “कई आपत्तियां और सुझाव आए थे जिन्हें इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है. प्रशासन ने उनके अनुसार रिपोर्ट बनाई है. असंवैधानिक संशोधन लाए गए हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है. अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए संशोधन लाए गए हैं.” यह भी पढ़ें: Mahakumbh Mela Stampede: प्रयागराज में स्थिति नियंत्रण में, भगदड़ के बाद सीएम योगी का आया पहला बयान प्रशासन का इरादा वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाना : बीजेपी वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर जेपीसी की बैठक पर भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की बैठक आज संपन्न हुई. प्रशासन का इरादा वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाना था और साथ ही निहित स्वार्थों द्वारा कानून के दुरुपयोग को रोकना था, जो देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव की कीमत पर भूमि पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे. ये दोनों उद्देश्य पारित किए गए संशोधनों और अंततः जेपीसी द्वारा स्वीकार की गई रिपोर्ट से पूरे हुए हैं. हालांकि चर्चाएं गरमागरम थीं, लेकिन अंतिम रिपोर्ट एक अच्छा दस्तावेज है जो वक्फ बोर्ड के कामकाज में बहुत जरूरी जवाबदेही और पारदर्शिता लाकर मुस्लिम समुदाय को सशक्त बनाता है.” यह भी पढ़ें: Mahakumbh Stampede: राहुल गांधी ने महाकुंभ में भगदड़ के लिए VIP मूवमेंट को ठहराया जिम्मेदार, अखिलेश ने सेना बुलाने की मांग की वक्फ संशोधन विधेयक को किरेन रिजीजू ने 2024 में किया था लोकसभा में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था. विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है. The post Waqf Amendment Bill 2024: JPC ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से किया स्वीकार, ओवैसी ने किया विरोध appeared first on Naya Vichar.

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