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Bhool Chuk Maaf Box Office Day 12: हिट या फ्लॉप? ‘भूल चुक माफ’ की 12 दिन की कमाई से खुला राज, जानें टोटल कलेक्शन

Bhool Chuk Maaf Box Office Day 12: राजकुमार राव और वामिका गब्बी की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म भूल चुक माफ की स्पीड अब बॉक्स ऑफिस पर धीमी हो गई है. फिल्म को मिक्स्ड रिव्यूज मिले थे और फिल्म की शुरुआत बॉक्स ऑफिस पर स्लो रही थी. हालांकि इसके बाद मूवी ने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी और अब तक इसने 50 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया. आइए आपको 12वें दिन के कलेक्शन के बारे में बताते हैं. भूल चुक माफ की रफ्तार हुई धीमी मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म भूल चुक माफ राजकुमार राव की तीसर सबसे बड़ी कमाई करने वाली मूवी बन गई है. वामिका गब्बी की पिछली रिलीज हुई फिल्म बेबी जॉन बॉक्स ऑफिस पर पिट गई थी. ऐसे में उनकी ये हालिया रिलीज मूवी अच्छा प्रदर्शन कर रही है. इसने बेबी जॉन के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को भी पीछे छोड़ दिया है. इंडस्ट्री ट्रैकर Sacnilk के मुताबिक, 12वें दिन मूवी ने अबतक 0.03 करोड़ रुपये की कमाई कर ली. अब तक टोटल कमाई मूवी ने 61.28 करोड़ रुपये कर लिया है. भूल चुक माफ का कलेक्शन Bhool Chuk Maaf Collection Day 1- 7 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 2- 9 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 3- 11.25 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 4- 4.52 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 5- 4.79 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 6- 3.25 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 7- 3.38 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 8- 3.24 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 9- 5.15 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 10- 6.47करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 11- 2.3 करोड़ रुपयेBhool Chuk Maaf Collection Day 11- 0.03 करोड़ रुपये टोटल कमाई- 61.28 करोड़ रुपये यह भी पढ़ें– Coolie Cast Fees: कुली’ के लिए रजनीकांत ने वसूली रिकॉर्डतोड़ फीस, फिल्म ‘कुली’ का बजट चौंकाने वाला, जानें डिटेल्स The post Bhool Chuk Maaf Box Office Day 12: हिट या फ्लॉप? ‘भूल चुक माफ’ की 12 दिन की कमाई से खुला राज, जानें टोटल कलेक्शन appeared first on Naya Vichar.

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RIMS में 4 साल से एमआरआई मशीन खराब, हेल्थ मैप में भी नहीं हो रही जांच, मरीज परेशान

RIMS: झारखंड के सबसे बड़े प्रशासनी अस्पताल रिम्स के पास अपनी एमआरआई मशीन नहीं है. करीब चार सालों से मरीजों की जांच निजी सेंटर में हो रही है. मशीन की खरीदारी के लिए निकाली जा रही निविदा में लगातार सिंगल टेंडर के कारण देर हो रही थी. इसके बाद शासी परिषद में यह सहमति बनी कि देश के बड़े संस्थानों ने जिस कंपनी से मशीन की खरीदारी की है, उससे मशीन मंगायी जाये. मशीन की डिलीवरी में हो रही देरी बता दें कि इस प्रक्रिया के तहत एक कंपनी को मशीन का ऑर्डर दिया गया है. लेकिन अब खरीदारी से संबंधित तरह-तरह के कागजात ट्रेजरी द्वारा मांगे जा रहे हैं. रिम्स ट्रेजरी के प्रश्नों और उससे जुड़े दस्तावेज को उपलब्ध करा रहा है. ऐसे में कंपनी के बैंक खाते में पैसा नहीं जाने के कारण मशीन की डिलीवरी नहीं हो पा रही है. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें हेल्थ मैप भी नहीं कर रहा जांच वहीं, रिम्स परिसर में प्रशासन की अधिकृत एजेंसी हेल्थ मैप भी मरीजों की जांच नहीं कर रही है. जानकारी के अनुसार, एजेंसी का काफी पैसा रिम्स के पास फंसा है, जिसकी ऑडिट जांच होनी है. ऐसे में हेल्थ मैप भी प्रशासन की योजना से जुड़े मरीजों को निःशुल्क जांच नहीं कर रहा है. 2021 से खराब है MRI मशीन मालूम हो कि रिम्स की एमआरआई मशीन 2021 से खराब है, जिससे मरीजों की जांच बंद है. कुछ दिनों तक हेल्थ मैप में जांच हो रही थी, लेकिन वह भी करीब दो साल से बंद है. सूत्रों ने बताया कि न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, हड्डी और सर्जरी ओपीडी में परामर्श लेने आये मरीजों को डॉक्टर जांच का परामर्श देते हैं, लेकिन केवल समर्थवान मरीज ही जांच करा पाते हैं. इसे भी पढ़ें झारखंड का वो गांव, जहां से अंग्रेजों ने भगवान बिरसा मुंडा को किया गिरफ्तार वार्ड में भर्ती मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी रिम्स के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों को इससे सबसे ज्यादा परेशानी होती है. क्योंकि मरीज को रिम्स से बाहर लेकर जाना में काफी परेशानी होती है. इसके अलावा ओपीडी में आये गंभीर मरीजों को भी जांच कराने में दिक्कत होती है. हालांकि, मरीजों की सहूलियत के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ मैप को जांच शुरू करने का निर्देश दिया था. लेकिन रिम्स द्वारा पैसा नहीं देने के कारण फिलहाल जांच बंद है. इसे भी पढ़ें 19 जून को होगा रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे शुभारंभ Jharkhand Bandh: सिरमटोली रैंप विवाद में 4 जून को झारखंड बंद का ऐलान, आज निकलेगा मशाल जुलूस झारखंड के मजदूर की मलेशिया में संदेहास्पद मौत, परिवार ने प्रशासन से लगाई शव वापस लाने की गुहार The post RIMS में 4 साल से एमआरआई मशीन खराब, हेल्थ मैप में भी नहीं हो रही जांच, मरीज परेशान appeared first on Naya Vichar.

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Patna Traffic Police: बिहार में कार के सनरूफ रखें बंद, बाहर निकाला सिर तो कट जाएगा चालान

Patna Traffic Police: पटना. कार के सनरूफ से सिर बाहर निकालकर मस्ती करना अब भारी पड़ सकता है. ऐसा करने पर संबंधित कार के मालिक को पटना यातायात पुलिस समन भेजेगी. एमवी एक्ट की धारा-177 और 184 के तहत समन की कार्रवाई होगी. इसके अलावा जुर्माना भी हो सकता है. सीसीटीवी कैमरों के जरिये भी पुलिस ऐसी गाड़ियों पर नजर रख रही है. यातायात पुलिस ने सोशल मीडिया पर सनरूफ वाली गाड़ी के साथ एक उदाहरण भी दिया है कि किस तरह ऐसा करने पर हादसे हो सकते हैं. सनरूफ से सिर बाहर निकालना खतरनाक सनरूफ से एक ढाई किलो के पुतले को बाहर निकालकर यह दिखाया गया है कि एकाएक ब्रेक लगने पर कैसे लोग बाहर गिर सकते हैं. आमतौर से ये भी देखा जाता है कि बच्चों को लोग सनरूफ से सिर बाहर निकालने की अनुमति देते हैं. ऐसे में अगर आपात स्थिति आई और एकाएक ब्रेक लगाना पड़ा तो हादसा हो सकता है. खाली सड़कों जैसे जेपी गंगा पथ और अटल पथ पर अक्सर युवक कारों के सनरूफ से सिर बाहर निकालकर घूमते दिखते हैं. खाली सड़कों पर सिर सनरूफ के बाहर कर घूमते हैं लोग सनरूफ से सिर बाहर निकाले लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर अपलोड की जाती है. सनरूफ के बाहर सिर निकालकर युवक कई बार स्टंट करते भी दिखते हैं. एएसपी ट्रैफिक, आलोक कुमार ने कहा कि सनरूफ से बाहर सिर निकालकर किसी तरह का जानलेवा या खतरनाक स्टंट करने पर समन की कार्रवाई की जाएगी. यातायात के सभी पुलिसकर्मियों को ऐसा करनेवाले गाड़ी चालकों के ऊपर नजर रखने को कहा गया है. Also Read: बिहार में टीचरों को अब छुट्टी के लिए देना होगा ऑनलाइन आवेदन, ले सकती हैं दो साल तक का लंबा अवकाश The post Patna Traffic Police: बिहार में कार के सनरूफ रखें बंद, बाहर निकाला सिर तो कट जाएगा चालान appeared first on Naya Vichar.

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EV रेस में विदेशी कंपनियों की एंट्री! मर्सिडीज-स्कोडा का भारत में अरबों का दांव

Mercedes Skoda VolksWagen| EV | Make In India: हिंदुस्तान में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए स्कोडा-फॉक्सवैगन और मर्सिडीज-बेंज ने बड़े निवेश की योजना बनाई है. प्रशासन की नई EV नीति के तहत ये कंपनियां हिंदुस्तान में स्थानीय उत्पादन शुरू करने की तैयारी में हैं. क्या है प्रशासन की नई EV नीति? विदेशी कंपनियों को हिंदुस्तान में EV निर्माण के लिए प्रोत्साहन 8,000 इलेक्ट्रिक कारों के आयात पर 15% की रियायती कस्टम ड्यूटी कम से कम ₹4,150 करोड़ का निवेश अनिवार्य स्थानीय उत्पादन तीन साल के भीतर शुरू करना होगा. स्कोडा-फॉक्सवैगन और मर्सिडीज की योजना स्कोडा-फॉक्सवैगन हिंदुस्तान में EV निर्माण इकाई स्थापित करने पर विचार कर रही है. मर्सिडीज-बेंज भी हिंदुस्तान में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है. Hyundai और Kia भी इस योजना में रुचि दिखा रही हैं. Tesla फिलहाल हिंदुस्तान में केवल शोरूम खोलने की योजना बना रही है, लेकिन स्थानीय उत्पादन में रुचि नहीं दिखा रही. हिंदुस्तान में EV बाजार का भविष्य प्रशासन का लक्ष्य 2030 तक कुल कार बिक्री में 30% हिस्सेदारी EVs की करने का है. टाटा मोटर्स और महिंद्रा पहले से ही हिंदुस्तान में EV निर्माण में अग्रणी हैं, और अब वैश्विक कंपनियों का निवेश इस क्षेत्र को और मजबूत करेगा. यह भी पढ़ें: Tata के इस इलेक्ट्रिक कार की रेंज 500 Km, अगले महीने होने जा रही है लॉन्च यह भी पढ़ें: New Carens Clavis को खरीदने के पहले जान लें इसके माइलेज के बारे में The post EV रेस में विदेशी कंपनियों की एंट्री! मर्सिडीज-स्कोडा का हिंदुस्तान में अरबों का दांव appeared first on Naya Vichar.

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Patna News: पटना के कंगन घाट पर पहली बार 12 दिवसीय गंगा महोत्सव का आयोजन, विदेश से आयेंगे कलाकार

Patna News: राजधानी पटना के लोगों के लिए बेहद खास समाचार है. पटनासिटी के कंगन घाट पर 12 दिवसीय गंगा महोत्सव का आयोजन होने वाला है, जिसे लेकर लोगों के बीच उत्साह देखा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक. यह 5 जून से शुरू होगा जो कि 16 जून तक चलेगा. वहीं, यह कार्यक्रम सनातनी गंगा फाउंडेशन और IDPTS के संयुक्त तत्वाधान में यह कार्यक्रम होगा. वहीं, कार्यक्रम को लेकर खास तैयारियां भी की जा रही है. दरअसल, कार्यक्रम स्थल पर मां गंगा की 41 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण जोर-शोर से किया जा रहा है. विदेश से आयेंगे कलाकार खास बात गंगा महोत्सव को लेकर यह भी कही जा रही है कि, इस दौरान विदेश से कलाकार पहुंचेंगे. कंबोडिया और श्रीलंका से कलाकार पहुंचेंगे. समाचार की माने तो, कंबोडिया से 8 युवक-युवतियों का एक ग्रुप पहुंचेगा जो कि, एक विशेष गंगा आरती प्रस्तुत करेंगे. बता दें कि, इस आरती में कथक, ओडिशी, भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम, कथकली, मणिपुरी, कुचिपुड़ी और सत्रीय नृत्य में 100 नृत्यांगनाए, 11 ऋषि कुमारी एवं 1000 स्त्रीएं एक साथ मां गंगा की आरती उतारेंगी. गंगा महोत्सव का ये है उद्देश्य इतना ही नहीं, महाहिंदुस्तान के भीष्म पितामह और शक्तिमान का का रोल निभाने वाले मुकेश खन्ना भा इस गंगा महोत्सव में शिरकत करेंगे. वहीं, गंगा महोत्सव को लेकर फाउंडेशन के मुख्य संयोजक की और से इस खास कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भी बताया गया है. दरअसल, गंगा सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करना है. इसके लिए गंगोत्री से गंगाजल रथ पटना लाया गया है. गंगोत्री से निकले शुद्ध जल और पटना के गंगाजल की गुणवत्ता में अंतर को समझने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है. Also Read: यूट्यूबर मनीष कश्यप की पिटाई मामले में एक्शन, PMCH के डॉक्टरों पर केस दर्ज The post Patna News: पटना के कंगन घाट पर पहली बार 12 दिवसीय गंगा महोत्सव का आयोजन, विदेश से आयेंगे कलाकार appeared first on Naya Vichar.

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Train Cancelled: खराब मौसम की वजह से रद्द हुई कई ट्रेनें, घर से निकलने से पहले देखें ये लिस्ट

Train Cancelled: समस्तीपुर में रविवार देर शाम आए भयंकर आंधी-तूफान ने पंडौल-जयनगर रेलखंड को बुरी तरह प्रभावित कर दिया. ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) तारों पर पेड़ गिरने से इस प्रमुख रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया. पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल ने यात्रियों की सुरक्षा और संचालन व्यवस्था को देखते हुए कई ट्रेनों को रद्द, आंशिक रूप से समाप्त या प्रारंभ करने का निर्णय लिया है. रद्द की गई ट्रेनें रेल मंडल ने जिन ट्रेनों को रद्द किया है, उनमें गाड़ी संख्या 55517 (दरभंगा-जयनगर), 55514 (जयनगर-समस्तीपुर) और 75210 (जयनगर-समस्तीपुर) शामिल हैं. अगर आप यात्रा की योजना बनाते हैं तो इन परिवर्तनों को ध्यान में रखें. ऐसे चलेंगी ट्रेनें 1 जून को समस्तीपुर-जयनगर (55513) सकरी, पटना-जयनगर (15528) दरभंगा, पटना-जयनगर (15550) सकरी और रक्सौल-जयनगर (75216) दरभंगा पर समाप्त होंगी.2 जून को जयनगर से चलने वाली ट्रेनें जैसे 15527 (जयनगर-पटना), 15284 (जयनगर-मुंबई), 15549 (जयनगर-पटना), और 75215 (जयनगर-रक्सौल) क्रमशः सकरी और दरभंगा स्टेशनों से प्रारंभ होंगी. यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति जांच लें समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे यात्रा से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति की पुष्टि अवश्य करें. रेलवे की तकनीकी टीम ओएचई लाइन को दुरुस्त करने में युद्धस्तर पर लगी हुई है. जल्द ही स्थिति सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है. यात्रियों से सहयोग और धैर्य बनाए रखने की अपील की गई है. ALSO READ: Bihar News: मौलवी को हुआ प्यार, स्त्री टीचर ने किया इनकार तो बाप का कराया मर्डर, गिरफ्तार The post Train Cancelled: खराब मौसम की वजह से रद्द हुई कई ट्रेनें, घर से निकलने से पहले देखें ये लिस्ट appeared first on Naya Vichar.

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Chanakya Niti: अगर ये 3 बातें नहीं मानीं, तो पैसा कभी नहीं टिकेगा

Chanakya Niti: चाणक्य प्राचीन हिंदुस्तान के महान ज्ञानी, राजनयिक और अर्थशास्त्री थे. उनकी नीतियां आज भी उतनी ही प्रभावशाली और मार्गदर्शक हैं जितनी सदियों पहले थीं. खासकर धन (पैसे) को लेकर उनके विचार बहुत गहरे और व्यावहारिक हैं. चाणक्य मानते थे कि अगर कुछ खास बातों का ध्यान न रखा जाए तो पैसा कभी नहीं टिकता, चाहे कितनी भी कमाई क्यों न हो. आज के समय में जब लोग पैसा कमाने की होड़ में लगे हैं, तब उससे ज्यादा जरूरी है, पैसा संभालना और समझदारी से खर्च करना. इस आर्टिकल में हम चाणक्य द्वारा बताई गई तीन ऐसी जरूरी बातों को जानेंगे, जिनका पालन न किया जाए तो धन जल्द ही हाथ से फिसल जाता है. Chanakya Niti: आय से अधिक खर्च न करें चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपनी आमदनी से ज्यादा खर्च करता है, उसका पैसा कभी नहीं टिकता. फालतू खर्च करने की आदत धीरे-धीरे इंसान को कर्ज में डुबा देती है. जितनी कमाई हो, उससे थोड़ा कम ही खर्च करना समझदारी है. बचत करना जरूरी है ताकि मुश्किल समय में काम आए. पैसा तभी टिकता है जब हम सोच-समझकर खर्च करें. ये भी पढ़ें: Chanakya Niti: जिंदगी में बड़ा बनने के लिए ये 2 काम करना बंद करो ये भी पढ़ें: Chanakya Niti: सफलता या बर्बादी? चाणक्य की एक नीति तय करेगी आपका भविष्य Chanakya Niti: पैसे का दिखावा न करें चाणक्य के अनुसार, जो लोग पैसा दिखाने के लिए खर्च करते हैं, उनका धन जल्दी खत्म हो जाता है. दिखावे की जिंदगी बहुत महंगी होती है, और ये हमें अंदर से खोखला कर देती है. दूसरों को खुश करने के चक्कर में खुद की बचत और जरूरतें नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए. असली अमीरी सादगी में होती है, न कि दिखावे में. चुपचाप मेहनत करें और समझदारी से पैसा संभालें. Chanakya Niti: धन का सही उपयोग करें चाणक्य मानते थे कि पैसा तभी टिकता है जब उसका सही उपयोग किया जाए. बेवजह की चीजों में पैसा लगाना नुकसानदेह होता है. पैसा शिक्षा, व्यवसाय, या किसी अच्छे कार्य में लगाना ज्यादा फायदेमंद होता है. अगर हम धन को सही दिशा में लगाते हैं तो वह और बढ़ता है. गलत जगह पैसा लगाने से न सिर्फ धन जाता है, बल्कि पछतावा भी मिलता है. ये भी पढ़ें: Chanakya Niti: सफलता या बर्बादी? चाणक्य की एक नीति तय करेगी आपका भविष्य ये भी पढ़ें: Chanakya Niti: चाणक्य ने कहा था, इन 3 लोगों से रिश्ते संभालकर रखो, वरना पछताना पड़ेगा Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार इसकी पुष्टि नहीं करता है. The post Chanakya Niti: अगर ये 3 बातें नहीं मानीं, तो पैसा कभी नहीं टिकेगा appeared first on Naya Vichar.

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जयंती विशेष : हिंदी गद्य के निर्माता और उन्नायक थे बालकृष्ण भट्ट

उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के लोकनाथ मोहल्ले (पहले सराय मीर खां) को उसकी इस उपलब्धि का सहज श्रेय प्राप्त है कि उसने देश को राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन व महामना मदनमोहन मालवीय जैसे दो-दो अप्रतिम हिंदीसेवी दिये. इन दोनों विभूतियों को न केवल हिंदी जगत में व्यापक मान्यता प्राप्त हुई, बल्कि समय के साथ देश ने उनको अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘हिंदुस्तान रत्न’ से भी विभूषित किया. पर जाने क्यों, 1844 में तीन जून को इसी मोहल्ले में जन्मे ऐतिहासिक हिंदुस्तानेंदु मंडल के प्रमुख सदस्य और उद्भट हिंदीसेवी बालकृष्ण भट्ट इतने सौभाग्यशाली नहीं सिद्ध हुए. अपना सारा जीवन हिंदी और हिंदी समाज के लिए होम करने के बाद भी 1914 में 20 जुलाई को उनके इस संसार से जाने के कुछ ही दशकों बाद उन्हें बरबस विस्मृति के गर्त में धकेल दिया गया. इस सीमा तक कि उनकी जन्मस्थली में भी उनकी स्मृतियों के संरक्षण के लिए उठने वाली आवाजें अनसुनी रह जाती हैं. हालांकि, न उनकी सेवाएं इतनी कमतर थीं, न सृजन. उनके समय में दूरगामी सोच वाले उनके निबंधों की तूती तो बोलती ही थी, ‘नूतन ब्रह्मचारी’, ‘सौ अजान और एक सुजान’ तथा ‘रहस्यकथा’ जैसे उपन्यास भी खूब लोकप्रिय हुए थे. उन्होंने ‘दमयंती स्वयंवर’, ‘बाल विवाह’, ‘चंद्रसेन’ और ‘रेल का विकट स्पोर्ट्स’ जैसे नाटकों की रचना की थी, तो ‘वेणीसंहार’, ‘मृच्छकटिक’ और ‘पद्मावती’ का हिंदी में अनुवाद भी किया था. इतना ही नहीं, उन्होंने हिंदी की तत्कालीन पत्रकारिता को भी कुछ कम समृद्ध नहीं किया. सच पूछिए, तो वे पत्रकारिता सहित हिंदी के समूचे गद्य साहित्य के निर्माता व उन्नायक थे. उनका सर्वस्व स्वतंत्रता संघर्ष के लिए न्योछावर था और उनके द्वारा संपादित मासिक ‘हिंदी प्रदीप’ अपने पाठकों में राष्ट्रीयता का जो भाव भरता था, उससे उसके समकालीन दूसरे राष्ट्रवादी पत्र ईर्ष्या किया करते थे. सितंबर, 1877 में ‘हिंदी प्रदीप’ का प्रवेशांक प्रकाशित हुआ और जल्द ही वह लोकप्रिय हो गया. ‘सरस्वती’ के दो-दो संपादक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी व पं देवीदत्त शुक्ल इस पत्र के मुखर प्रशंसक थे. पं देवीदत्त शुक्ल की निगाह में पं बालकृष्ण भट्ट हिंदी के लाभ-लोभ से मुक्त ऐसे स्वाभिमानी साहित्यकार व संपादक थे, जो समय के साथ स्वदेश व स्व-संस्कृति के प्रेम में पूरी तरह पग गये थे. हिंदुस्तानेंदु हरिश्चंद्र की एक पद्य रचना इस पत्र के मुखपृष्ठ पर निरंतर प्रकाशित हुआ करती थी, जबकि खुद भट्ट के कोई 300 निबंध प्रकाशित हुए थे. इन निबंधों की विषयवस्तु और शैली दोनों में ही भरपूर वैविध्य था. अपने निबंधों में उनका चरित्र निर्माण, आत्मशुद्धि, स्त्री शिक्षा, देशोद्धार और कर्तव्य परायणता आदि पर विशेष जोर होता था, जबकि पुरुष वर्चस्ववादी व स्त्री विरोधी समाज व्यवस्था उनके निशाने पर होती थी. ‘हिंदी प्रदीप’ के अप्रैल, 1909 के अंक में माधव शुक्ल की ‘बम क्या है’ शीर्षक कविता प्रकाशित हुई, तो नाराज गोरी सत्ता ने झुंझलाकर उस पर तीन हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. भट्ट जी यह जुर्माना नहीं भर पाये और ‘हिंदी प्रदीप’ की सांसें घुट गयीं. फिर किसी भी तरह उसका पुनर्जीवन संभव नहीं हुआ. पर जब तक वह जिंदा रहा, उसके संपादन में उन्हें सामाजिक, नेतृत्वक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक व नैतिक किसी भी विषय या नाटक, निबंध, उपन्यास, कहानी व कविता आदि किसी भी विधा की रचना से परहेज नहीं रहा. कोई सर्जक उनको किसी भी विधा में ‘घोर अंधकार में डूबे हिंदुस्तानवर्ष’ के त्राण के प्रयत्नों को बल देता दिखाई देता, तो वे उसके पुरस्कर्ता बनने में कतई देर नहीं करते. वे खुद नेतृत्वक व सामाजिक परिवर्तन से जुड़े विषयों पर लिखते तो उनकी शैली कबीराना हो जाती और प्राय: तिलमिलाकर रख देती. इस सिलसिले में सबसे अच्छी बात यह कि वे प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के अंधनिंदक नहीं थे और इनके औदात्य का उद्घाटन करने वाले पहलुओं को भी उजागर किया करते थे. सांप्रदायिक व धार्मिक एकता के वे इस सीमा तक समर्थक थे कि किसी भी धर्म में कोई अच्छी बात दिखती तो मुक्तकंठ से उसकी प्रशंसा करते थे. इसके विपरीत, जो भी धर्म, संप्रदाय, जाति, समूह या जमावड़ा देश और मनुष्य की एकजुटता के उद्घोष में बाधा डालता, वह उन्हें ग्राह्य नहीं था. दूसरे पहलू पर जाएं, तो उनका त्याग इस सीमा तक असीम था कि वे पितरों का ‘श्राद्ध’ करने जब गया गये, तो अपने कुल के विधान के अनुसार उनसे तीन वर मांगे- पहला, पैतृक संपत्ति से हमें एक भी पैसा न मिले, दूसरा, हमारी संतानों का चरित्र निर्मल रहे और तीसरा, एक पुत्र संस्कृत का विद्वान हो.(ये लेखक के निजी विचार हैं.) The post जयंती विशेष : हिंदी गद्य के निर्माता और उन्नायक थे बालकृष्ण भट्ट appeared first on Naya Vichar.

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अयोध्या में दिल दहला देने वाली हत्या, 6 टुकड़ों में मिला युवक का शव

Ayodhya News: अयोध्या के बीकापुर कोतवाली क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका और बीएसएफ की तैयारी कर रहा युवक दिनेश कुमार वर्मा की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई. हैरानी की बात यह है कि शव के छह टुकड़े घर से महज 250 मीटर दूर, कोतवाली के पास ही मिले हैं. मृतक रात को अपने घर के बाहर छप्पर के नीचे चारपाई पर सो रहा था. परिवार के ही भाई पर लगाया हत्या का आरोप घटना की जानकारी मिलते ही रात करीब ढाई बजे पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. दिनेश के परिवार ने इस हत्या का आरोप परिवार के ही दूसरे बेटे पर लगाया है. उनका कहना है कि उसने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर दिनेश की हत्या की. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है. यह भी पढ़ें- 77 साल बाद पाकिस्तानियों को मिलेगा जमीनी हक, योगी प्रशासन ने शुरू की तैयारी यह भी पढ़ें- 3 जून को जारी हुई LPG गैस की नई लिस्ट, जानें अपने जिले का रेट पढ़ाई पूरी कर BSF की तैयारी में जुटा था युवक मृतक दिनेश कुमार वर्मा ने अपनी स्कूली शिक्षा कथा हिंदुस्तानी इंटर कॉलेज और शिक्षा दीक्षा खजुरहट से पूरी की थी. इसके बाद महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज से बी.ई. की पढ़ाई पूरी कर वह बीएसएफ में भर्ती की तैयारी कर रहा था. परिवार में माता-पिता, दो बहनें और दो भाई हैं. वह भाइयों में सबसे छोटा था. पान की दुकान से चलता था परिवार दिनेश के पिता राजकुमार वर्मा बीकापुर बाजार में एक पान की गुमटी चलाते हैं और परिवार की पूरी जीविका इसी पर निर्भर थी. बेटे की दर्दनाक मौत से पूरा परिवार सदमे में है. मां और बहनों की हालत रो-रोकर बेहाल है. यह भी पढ़ें- यूपी पुलिस और PAC में मिलेगा 20 फीसदी आरक्षण, योगी कैबिनेट की बैठक में आज लगेगी मोहर पुलिस को जमीन विवाद की आशंका घटना को लेकर सीओ पीयूष कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. प्रारंभिक जांच में मामला पारिवारिक जमीन विवाद का लग रहा है. हालांकि, पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. The post अयोध्या में दिल दहला देने वाली हत्या, 6 टुकड़ों में मिला युवक का शव appeared first on Naya Vichar.

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डिजिटल लेन-देन में वृद्धि

रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, विगत मई महीने में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआइ के जरिये लेन-देन में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो डिजिटल लेन-देन में हो रही बढ़ोतरी के बारे में बताती है. आंकड़े के मुताबिक, बीते महीने यूपीआइ से लेन-देन संख्या के हिसाब से 18.68 अरब और मूल्य के हिसाब से 25.14 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अप्रैल, 2016 में डिजिटल भुगतान व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक का सर्वाधिक है. जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 23.95 लाख करोड़ रुपये का था. अगर मई, 2024 से तुलना करें, तो मई, 2025 में यूपीआइ से लेन-देन में संख्या के हिसाब से 33 प्रतिशत की, जबकि मूल्य के लिहाज से 23 फीसदी की वृद्धि हुई. सच्चाई यह है कि 2016 में शुरू होने के बाद से ही यूपीआइ के इस्तेमाल में लगातार तेजी आयी है. नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को तो बढ़ावा मिला ही, स्मार्टफोन के इस्तेमाल में वृद्धि तथा गूगल पे, फोन पे, पेटीएम जैसे निजी एप्स की शुरुआत ने यूपीआइ को और लोकप्रिय बनाया. हालांकि अब इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी हो रही है. फोन पे और गूगल पे जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने यूपीआइ की बाजार हिस्सेदारी पर कुछ कब्जा किया है. यूपीआइ को और बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है, ताकि छोटे डिजिटल लेन-देन का खर्च कम हो सके. यूपीआइ अब सिंगापुर, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, फ्रांस, भूटान और नेपाल जैसे देशों में भी अपनी पहुंच बढ़ा रहा है. इससे हिंदुस्तानीय पर्यटक, छात्र और व्यावसायिक यात्री अपने घरेलू यूपीआइ एप के जरिये भुगतान कर सकते हैं. केंद्रीय बैंक का कहना है कि वह 2028-29 तक बीस और देशों में यूपीआइ का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है. पिछले कुछ महीनों में यूपीआइ में कुछ तकनीकी समस्याएं भी आयीं. जैसे, अप्रैल में सर्वर पर ज्यादा दबाव के कारण एक दिन पेमेंट और फंड ट्रांसफर में परेशानी आयी थी. गौर करने की बात है कि मई में डिजिटल पेमेंट के दूसरे प्लेटफॉर्मों पर भी लेन-देन में वृद्धि हुई. अलबत्ता एक विचित्र विरोधाभास यह है कि डिजिटल लेन-देने में वृद्धि के साथ नकदी में लेन-देन भी बढ़ रहा है. खासकर पांच सौ रुपये का नोट नकदी का प्रमुख रूप बन गया है, जो मात्रा के हिसाब से सभी बैंक नोटों का 41 प्रतिशत और कुल मूल्य का 86 प्रतिशत है, जबकि प्रशासन कम मूल्य वाले नोटों का प्रचलन बढ़ाने की कोशिश में है. The post डिजिटल लेन-देन में वृद्धि appeared first on Naya Vichar.

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