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Bihar Board 12th Exam: बिहार इंटर परीक्षा के पहले दिन आठ जिलों से 81 परीक्षार्थी निष्कासित, सबसे अधिक शेखपुरा से 34

Bihar Board 12th Exam: बिहार इंटर परीक्षा के पहले दिन शनिवार को आठ जिलों से 81 परीक्षार्थी निष्कासित किये गये. इस दौरान सबसे अधिक 34 परीक्षार्थी शेखपुरा और 25 परीक्षार्थी मधेपुरा से निष्कासित किये गये. इसके अलावा गोपालगंज से आठ, नवादा से सात, सारण से तीन, वैशाली से दो, पटना व मुंगेर से एक-एक परीक्षार्थियों का निष्कासन हुआ है. शेष जिलों से कोई परीक्षार्थी निष्कासित नहीं किया गया है. समिति ने कहा कदाचार मुक्त परीक्षा की झलक देखने को मिली समिति ने कहा कि पहले दिन कदाचार मुक्त परीक्षा की झलक प्रदेशभर में दिखी राज्यभर के 38 जिलों में 1677 केंद्रों पर परीक्षा ली गयी. केंद्रों पर पुलिस की चुस्ती दिखी. सीसीटीवी और वीडियोग्राफी से भी नजर रखी जा रही थी. पुलिस की सख्ती के कारण परीक्षा केंद्रों के आसपास कोई नहीं फटका. समिति द्वारा प्रत्येक जिले में चार मॉडल परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. इस प्रकार पूरे राज्य मे 152 मॉडल परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. जहां छात्राएं परीक्षा दे रही हैं. यहां पर प्रतिनियुक्त वीक्षक, पुलिस बल तथा दंडाधिकारी सहित सभी कर्मी व पदाधिकारी भी स्त्रीएं हैं. इन परीक्षा केंद्रों पर फूल, गुब्बारों, कार्पेट की व्यवस्था के साथ-साथ हेल्प डेस्क भी बनाया गया है. बायोलॉजी के सभी सवाल रहें इजी पहले दिन पहली पाली में बायोलॉजी व फिलॉसफी (आर्ट्स) तथा दूसरी पाली में इकोनॉमिक्स (आर्ट्स व कॉमर्स) की परीक्षा हुई. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कॉपियों पर परीक्षार्थियों के फोटो थे. प्रश्नपत्र 10 सेट में था. आसपास किसी भी परीक्षार्थियों का प्रश्न नंबर से मैच नहीं कर रहा था. इंटरमीडिएट परीक्षा में 12,92,313 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. इसमें 6,50,466 छात्र तथा छात्र जबकि 6,41,847 छात्राएं होंगी. पहले दिन प्रथम पाली में बायोलॉजी व फिलॉसफी (आर्ट्स) की परीक्षा हुई, जिसमें सम्मिलित होने के लिए राज्य में 5,04,657 परीक्षार्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा था. वहीं, द्वितीय पाली में इकोनॉमिक्स (आर्ट्स व कॉमर्स) की परीक्षा आयोजित की जायेगी, जिसमें सम्मिलित होने के लिए कुल 75,281 परीक्षार्थियों ने ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरा था. परीक्षा देकर निकलने वाले स्टूडेंट्स ने प्रश्न को इजी बताया. परीक्षार्थियों ने कहा कि पैटर्न से काफी फायदा मिला. प्रश्नों के ऑप्शन दोगुने होने के कारण परीक्षा काफी आसान रही. Also Read: Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बढ़ेगा तापमान, जानें आपके शहर में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज The post Bihar Board 12th Exam: बिहार इंटर परीक्षा के पहले दिन आठ जिलों से 81 परीक्षार्थी निष्कासित, सबसे अधिक शेखपुरा से 34 appeared first on Naya Vichar.

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अब सॉफ्टवेयर से ही सभी शिक्षकों का तबादला, कोई भी ट्रांसफर नहीं होगा मैनुअल

नया विचार पटना– बिहार प्रशासन ने शिक्षकों के तबादले का तरीका बदल दिया है। अब सब कुछ ऑनलाइन होगा। यह बदलाव पारदर्शिता लाने और काम जल्दी करने के लिए किया गया है। 30 जनवरी तक पहली लिस्ट आने की उम्मीद है। मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के बाद ही शिक्षकों की नई जगहों पर पोस्टिंग होगी। इसका मतलब ये हुआ कि अब शिक्षकों का तबादला पूरी तरह डिजिटल हो गया है। इससे तबादले में होने वाली गड़बड़ी और देरी से छुटकारा मिलेगा। शिक्षा विभाग ने कहा है कि अब कोई मैनुअल तबादला नहीं होगा। सॉफ्टवेयर के जरिए तबादले से पारदर्शिता आएगी और काम तेजी से होगा। इससे शिक्षकों को उनकी योग्यता के हिसाब से जगह मिलेगी। बिहार में मैनुअल नहीं होगा टीचर ट्रांसफर बिहार शिक्षा विभाग 30 जनवरी तक पहले चरण के तबादलों की सूची जारी करेगा। सभी जिलों से ऑनलाइन रिक्त पदों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। ट्रांसफर का पूरा कार्यक्रम जल्द ही जारी होगा। पूरी प्रक्रिया चार चरणों में होगी। पहला चरण जनवरी में पूरा होगा। बाकी तीन चरण फरवरी में पूरे होंगे। हर चरण की नई तारीखों का ऐलान बाद में होगा। शिक्षकों को उनके नए स्कूल की जानकारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से दी जाएगी। मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के बाद ही शिक्षकों की पोस्टिंग होगी। इस बारे में शिक्षा विभाग में एक अहम बैठक हुई। इसमें सॉफ्टवेयर में डेटा डालने और खाली पदों की जानकारी अपडेट करने पर बात हुई। बैठक के बाद नई तारीखों का ऐलान किया जाएगा। कैंसर पीड़ित 35 शिक्षकों का तबादला अभी तक 35 कैंसर पीड़ित शिक्षकों का तबादला किया जा चुका है। शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कदम तबादले में होने वाले भ्रष्टाचार और पक्षपात को रोकने के लिए उठाया गया है। सॉफ्टवेयर से सभी शिक्षकों को उनकी योग्यता और खाली पदों के हिसाब से सही जगह पर पोस्टिंग मिलेगी। फरवरी में शिक्षकों को उनके नए स्कूल के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया है कि नई प्रणाली से देरी और गड़बड़ी नहीं होगी। इससे पहले तबादले में बहुत समय लगता था और कई बार धांधली की शिकायतें भी आती थीं। नई व्यवस्था से इन समस्याओं का समाधान होगा। इससे शिक्षकों को भी राहत मिलेगी और वे अपने काम पर ध्यान दे सकेंगे। इस नए सिस्टम से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। अब साहब की चक्कर लगाने की जरूरत नहीं इस डिजिटल बदलाव से शिक्षा विभाग के कामकाज में भी तेजी आएगी। अधिकारी अब कागजी कार्रवाई में कम समय लगाएंगे और ज्यादा ध्यान नीतिगत मामलों पर दे पाएंगे। यह बदलाव शिक्षा विभाग के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। प्रशासन का मानना है कि यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति लाएगा। इस नए सिस्टम से शिक्षकों को भी फायदा होगा। उन्हें अब तबादले के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इससे उनकी समय और ऊर्जा की बचत होगी। वे अपना पूरा ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर लगा सकेंगे। यह व्यवस्था शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगी।  

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परीक्षा केंद्र की बाउंड्री फांदी तो दो साल परीक्षा से वंचित, एफआईआर भी होगी

नया विचार पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट 2025 की वार्षिक परीक्षा 1 से 15 फरवरी और मैट्रिक 2025 की वार्षिक परीक्षा 17 से 25 फरवरी तक आयोजित होगी। दोनों परीक्षा में कुल 28 लाख, 75 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा फार्म भरा है। जिसमें इंटरमीडिएट 12.90 लाख और मैट्रिक में 15.85 लाख विद्यार्थी शामिल हैं। बिहार बोर्ड ने परीक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी किया है। गेट बंद हो जाने के बाद अगर परीक्षार्थी चहारदीवारी कूद कर अंदर प्रवेश करता है तो उसे दो साल के लिए परीक्षा से निष्कासित कर दिया जाएगा। साथ ही परीक्षार्थी पर प्राथमिक दर्ज की जाएगी। चहारदीवारी कूद कर अंदर प्रवेश करना घृणित अपराध श्रेणी में माना जाएगा। यदि केंद्राधीक्षक की इसमें मिली भगत होती है उस पर परीक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले गेट पर परीक्षार्थियों की गहनता से तलाशी ली जाएगी। लड़कियों के परीक्षा केंद्र पर स्त्री कर्मी तैनात रहेंगे। प्रत्येक केंद्र पर लड़कियों की जांच स्त्री कर्मी करेगी।दो पालियों में होगी परीक्षा, आधे घंटे पहले प्रवेश करना होगा: परीक्षा दो पालियों में आयोजित होगी। प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से शुरू होगी। इससे पहले विद्यार्थियों को नौ बजे तक परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश कर जाना होगा। दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर दो बजे से शुरू होगी। दूसरी पाली के विद्यार्थियों को दोपहर डेढ़ बजे तक परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश कर जाना होगा। इसके बाद परीक्षा केंद्र का मुख्य द्वारा बंद कर दिया जाएगा। एक बेंच पर बैठेंगे दो परीक्षार्थी: परीक्षा कक्ष में प्रत्येक बेंच पर अधिकतम दो परीक्षार्थी ही बैठेंगे। एक बेंच से दूसरे बेंच के बीच पर्याप्त दूरी रखी जाएगी। इसी आधार पर परीक्षा केंद्र में बेच-डेस्क की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक 25 परीक्षार्थियों पर एक वीक्षक के अनुपात में वीक्षकों के प्रतिनियुक्ति की जाएगी। लेकिन प्रत्येक परीक्षा हाल में न्यूनतम दो वीक्षक रहेंगे। सभी वीक्षक प्रत्येक दिन प्रत्येक पाली की परीक्षा शुरू होने के पूर्व विहित घोषणा-पत्र में अंकित करेंगे कि इनके प्रभार के अंतर्गत 25 परीक्षार्थियों की जांच इनके द्वारा कर ली गई है तथा उनके पास कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है।

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इंजीनियरिंग कॉलेज की टीम टेक विजनरी ने विज्ञान मेले में चमकाया नाम

नया विचार सरायरंजन : राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2025 के तहत आयोजित विज्ञान मेले में गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, समस्तीपुर की टीम टेक विजनरी को उनके अभिनव प्रोजेक्ट “एंटी-स्लीप ग्लासेस और ऑटो ब्रेक सिस्टम” के लिए सहभागिता प्रमाण पत्र से कलेक्ट्रेट समस्तीपुर में समारोहपूर्वक सम्मानित किया गया। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और ड्राइविंग के दौरान नींद की समस्या से निपटना था। टीम ने इस प्रोजेक्ट को पेश करते हुए उसे अत्यंत प्रभावी और पेशेवर तरीके से प्रस्तुत किया। उनके विचारशील दृष्टिकोण और तकनीकी नवाचार ने जजों और दर्शकों से सराहना प्राप्त की। इस प्रोजेक्ट में एक विशेष प्रणाली का उपयोग किया गया। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ .आर एम तुगनायत ने इस उपलब्धि पर टीम को बधाई दी और उनकी रचनात्मकता, समर्पण और मेहनत की सराहना की। इस सफलता ने न केवल जीइसी समस्तीपुर की प्रतिष्ठा को बढ़ाया, बल्कि पूरे क्षेत्र में युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए एक प्रेरणा का कार्य किया।

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सुभाष चंद्र बोस जयंती पराक्रम दिवस मनाया गया 

नया विचार समस्तीपुर : गुरुवार को वीमेंस कॉलेज समस्तीपुर में इतिहास विभाग द्वारा प्रधानाचार्या प्रोफेसर डॉ सुनीता सिन्हा की अध्यक्षता में सुभाष चंद्र बोस जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई । सर्वप्रथम प्रधानाचार्या महोदया के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। साथ ही मौके पर उपस्थित सभी शिक्षकगण तथा छात्राओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानाचार्या महोदया द्वारा अपने अध्यक्षीय भाषण में यह बताया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस सत्य, त्याग तथा बलिदान की अद्भुत मिसाल थे। उनके भाषण में ऐसा ओज था, जिसने सारे हिंदुस्तानवासियों में स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक जुनून पैदा किया। उन्होंने अपने ओजस्वी भाषण से न केवल हिंदुस्तान में ही प्रभाव स्थापित किया ,बल्कि इसी के कारण उन्हें अन्य देशों का भी सहयोग प्राप्त हुआ। यही कारण था कि आजाद हिंद फौज की स्थापना विदेश में हुई, जो स्वतंत्रता संग्राम के सफर में काफी मददगार साबित हुआ। इतिहास विभाग के सभी शिक्षक श्री सुरेश साह ,डॉक्टर नेहा कुमारी जायसवाल ,डॉक्टर नीरज प्रसाद, डॉक्टर स्वाति कुमारी ने नेताजी के विषय में प्रकाश डाला।इतिहास विभाग के शिक्षक डॉक्टर सुरेश साह ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस एक आध्यात्मिक राजनेता थे। यदि वे जीवित होते तो शायद हिंदुस्तान विकसित देश के रूप में विश्व में स्थापित हो चुका होता और विश्व की नेतृत्व हिंदुस्तान केंद्रित होती।इतिहास विभाग की शिक्षिका डॉ नेहा कुमारी जायसवाल ने कहा कि बोस के प्रेरक वचनों को मौजूदा समय के लोग ही नहीं आने वाली पीढ़ियां भी अनवरत पालन करेंगी। बोस का संपूर्ण जीवन न केवल हिंदुस्तानीयों के लिए परंतु विश्व के लिए एक किताब जैसा है जिसे जितना ही पढ़ेंगे उतना ही ज्ञानवान होंगे। उन्होंने राष्ट्र के युवाओं से अपील की थी कि सफलता असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है,अतः असफलता से डरना नहीं चाहिए, पूरे हिम्मत तथा ईमानदारी तथा निडरता से उनका सामना करना चाहिए। हर कार्य करने के लिए उस कार्य के प्रति एक सनक नहीं हो तो व्यक्ति महान नहीं बनेगा अतः उस कार्य के प्रति समर्पण का होना अत्यंत आवश्यक है । प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार कर्ण ने अपने वक्तव्य में कहा कि बोस की जितनी भी व्याख्यान शब्दों में की जाए कमतर रहेगी क्योंकि ऐसे महापुरुष विरले ही आते हैं । डॉ सोनी सलोनी ने उनके विषय में बताया कि बोस के अवतरण ने इस धरती को गौरवान्वित कर दिया। वे एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने देशवासियों में स्वतंत्रता की अलख जगा दी । डॉ विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि बोस ने अपने विचारों से हिंदुस्तानीय युवाओं को काफी प्रेरित किया। उन्होंने कहा है कि जीवन में संघर्ष नहीं है तो जीवन का कोई अर्थ नहीं है।अतः बोस के प्रेरक प्रसंग को अपने जीवन में उतारना चाहिए जिससे हम पूरे जुनून के साथ अपने जीवन में सफल हो सकते हैं तथा देश के लिए कुछ कर सकते हैं। इतिहास विभाग की छात्राओं नेहा कुमारी, सुमन शर्मा, खुशबू कुमारी, रूपा कुमारी, पल्लवी, पिंकी कुमारी ,पलक कुमारी, ज्योति कुमारी ने इस आयोजन में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया। मंच का संचालन नेहा कुमारी ने किया ।अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ नेहा कुमारी जायसवाल ने किया।मौके पर डॉक्टर मधुलिका मिश्रा, डॉक्टर रिंकी कुमारी,डॉक्टर रेखा कुमारी, डॉक्टर स्मिता झा आदि शिक्षकगण उपस्थित थे।

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12 वर्ष की लगातार संतोषजनक सेवापूर्ण /अहर्ता रखने वाले शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में पदोन्नति देने की उठी मांग

नया विचार समस्तीपुर : बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ (मूल)के प्रदेश सचिव सह जिलाध्यक्ष कुमार रजनीश ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, समस्तीपुर व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) समस्तीपुर को 12 वर्ष की लगातार संतोषजनक सेवापूर्ण /अहर्ता रखने वाले शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में पदोन्नति देने के संबंध में आवेदन दिया है। उन्होंने उपर्युक्त विषयक संदर्भ में कहा है कि बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन एवं सेवा शर्त) नियमावली 2006 यथा संशोधित नियमावली 2020 के कंडिका 16 (i)एवं (ii) के आलोक में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा संवर्ग के मूल कोटि (बेसिक ग्रेड 1-5) के शिक्षक पद पर योगदान की तिथि अथवा प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त करने की तिथि (जो बाद की तिथि हो) से न्यूनतम 12 वर्ष की लगातार संतोषजनक सेवा के आधार पर विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को अगले वेतनमान (स्नातक ग्रेड)में प्रोन्नति दिए जाने का प्रावधान है। उक्त पत्र के आलोक में संघ के प्रदेश सचिव सह जिलाध्यक्ष कुमार रजनीश ने अनुरोध किया है कि उक्त अहर्ता रखने वाले शिक्षकों को विभागीय नियम के आलोक में स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति देने हेतु अपने स्तर से पत्र निर्गत करने का अनुरोध किया है।

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हंगामे के बीच BPSC 70वीं PT का रिजल्ट जारी: 21 हजार 581 कैंडिडेट पास; री-एग्जाम को लेकर 41 दिन से धरने पर हैं अभ्यर्थी

नया विचार – BPSC 70वीं री-एग्जाम की मांग को लेकर हो रहे हंगामे के बीच आयोग ने BPSC 70वीं पीटी का रिजल्ट जारी कर दिया है। परीक्षा में 21,581 अभ्यर्थी पास हुए हैं। 70वीं BPSC परीक्षा में कुल 1964 पदों पर भर्ती निकली है, जिसमें 13 दिसंबर 2024 और 4 जनवरी 2025 को करीब 3.28 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। बिहार लोक सेवा आयोग की वेबसाइट की डोमेन नेम को बदल दिया गया है। अब अभ्यर्थी https://bpsc.bihar.gov.in/ पर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। बिहार लोक सेवा आयोग ने कहा, ’13 दिसंबर 2024 को राज्य के 911 सेंटर्स और 4 जनवरी 2025 को पटना में 22 केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया गया था। रिजल्ट पहले की तरह 45 दिनों में जारी किया गया है। इस परीक्षा में कुल 3, लाख 28 हजार 990 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिनमें से कुल 21,581 अभ्यर्थी सफल हुए हैं।’ BPSC 70वीं पीटी का रिजल्ट ऐसे में जारी किया गया है, जब अभ्यर्थी री-एग्जाम की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थी पिछले 41 दिन से अपनी मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं।

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रेलवे ग्रुप डी भर्ती के आवेदन आज से

नया विचार – रेलवे की जिस भर्ती का युवाओं को बेसब्री से इंतजार था, वो निकल गई है। रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने 32000 से अधिक पदों पर लेवल-1 ग्रुप डी भर्ती 2025 का आधिकारिक विज्ञापन जारी कर दिया है। इस भर्ती के लिए उम्मीदवार हिंदुस्तानीय रेलवे की आधिकारिक indianrailways.gov.in या www.rrbapply.gov.in पर ऑनलाइन 23 जनवरी से फॉर्म अप्लाई कर सकते हैं। वहीं आवेदन करने की आखिरी तारीख 24 फरवरी 2025 है। आरआरबी की यह भर्ती निकलने के बीच अभ्यर्थी इसकी योग्यता से जुड़ी जानकारी डिटेल में जानना चाहते हैं। इस आर्टिकल में ग्रुप डी आयुसीमा, शैक्षिक योग्यता समेत पूरी जानकारी विस्तार में दी गई है। रेलवे ग्रुप डी वैकेंसी  हिंदुस्तानीय रेलवे इस साल की सबसे बड़ी भर्ती लेकर आ गया है। जयपुर, प्रयागराज, जबलपुर, भुवनेश्वर, बिलासपुर, दिल्ली, कोलकाता, गोरखपुर, मुंबई समेत यह भर्ती अलग-अलग जोन के लिए निकली है। लेवल-1 ग्रुप डी 32438 पदों पर यह वैकेंसी असिस्टेंट, प्वाइंट्समैन, असिस्टेंट ब्रिज, असिस्टेंट ट्रैक मशीन, असिस्टेंट वर्कशॉप, असिस्टेंट लोको शेड, असिस्टेंट पी वे समेत अन्य पदों के लिए हैं। आरआरबी ग्रुप डी के लिए शैक्षिक योग्यता क्या चाहिए? रेलवे ग्रुप डी की इस भर्ती में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 10वीं पास होना चाहिए। इसके अलावा अन्य किसी तरह की योग्यता नहीं मांगी गई है। इससे पहले रेलवे ग्रुप डी टेक्निकल डिपार्टमेंट के लिए 10वीं के साथ एनएएसी या आईटीआई डिप्लोमा भी मांगा जाता था। लेकिन इस बार इसे जरूरी योग्यता से हटा दिया गया है। जो अभ्यर्थी अपने 10वीं के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं, वो इसमें फॉर्म नहीं भर पाएंगे। आरआरबी ग्रुप डी के लिए आयुसीमा क्या है? रेलवे ग्रुप डी लेवल -1 की इस भर्ती में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम उम्र 36 वर्ष होनी चाहिए। उम्मीदवारों की आयुसीमा की गणना 1 जनवरी 2025 के आधार पर की जाएगी। इस आयुसीमा के तक के अभ्यर्थी इस भर्ती में आवेदन के योग्य होंगे। वहीं आरक्षित वर्गों को ऊपरी एज लिमिट में छूट दी गई है। रेलवे ग्रुप डी ओबीसी के लिए आयुसीमा  ओबीसी-नॉन क्रीमी लेयर अभ्यर्थियों को ऊपरी उम्र में 3 वर्ष की छूट दी गई है। वहीं अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति वर्ग के लिए रेलवे की इस भर्ती में 5 साल की छूट दी गई है। यानी ओबीसी अभ्यर्थियों का जन्म 2 जनवरी 1989 और एससी/एसटी अभ्यर्थियों का जन्म 02 जनवरी 1984 से पहले का नहीं होना चाहिए। इसी तरह एक्स सर्विसमैन, पीडब्ल्यूबीडी, रेलवे स्टाफ के लिए भी एज लिमिट में छूट का प्रावधान भी किया गया है। रेलवे ग्रुप डी में PET कैसे होता है? रेलवे की इस भर्ती में उम्मीदवारों का चयन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT), फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET), डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (DV) और मेडिकल एग्जामिनेशन के जरिए किया जाएगा। सीबीटी पास करने वाले अभ्यर्थियों को पीईटी टेस्ट भी पास करना होगा। पीईटी टेस्ट में पुरुष अभ्यर्थियों को 35 किलो वजन के साथ 100 मीटर की दूरी 2 मिनट में पूरी करनी होगी। वहीं स्त्री अभ्यर्थियों को 20 किलो वजन के साथ 100 मीटर 2 मिनट में चलना होगा। इसके आलाव 1000 मीटर की रनिंग भी करनी होगी। रेलवे की इस भर्ती से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए अभ्यर्थी भर्ती का आधिकारिक नोटिफिकेशन चेक कर सकते हैं।

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इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने ईस्ट सेंट्रल रेलवे मैकेनिकल वर्कशॉप का किया औद्योगिक भ्रमण 

नया विचार सरायरंजन : प्रखंड के नर घोघी स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के यांत्रिक अभियंत्रण विभाग के छात्रों ने बुधवार को ईस्ट सेंट्रल रेलवे मेकेनिकल वर्कशॉप समस्तीपुर का औद्योगिक भ्रमण किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार मंडल, सहायक प्रो. डॉ. वैशाली और सहायक प्रो. आशिष कुमार छात्रों के साथ उपस्थित थे। प्राचार्य डॉ. आर. एम. तुंगनायत ने बच्चों को कहा कि औद्योगिक भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को उद्योग में प्रचलित तकनीकी कौशल और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। कार्यशाला में छात्रों को विभिन्न यांत्रिक उपकरणों और उनके संचालन की तकनीकी जानकारी दी गई। कार्यशाला इंजीनियर द्वारा प्रशिक्षक प्रदान किया गया, जिन्होंने छात्रों को रेलवे के विभिन्न यांत्रिक कार्यों और उनकी कार्यप्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी। छात्रों ने कार्यशाला के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और विशेषज्ञों से तकनीकी पहलुओं पर प्रश्न पूछे, जिससे उन्हें अपनी पढ़ाई और भविष्य की परियोजनाओं के लिए नई दिशा मिली। इस तरह के भ्रमण से छात्रों को उद्योग के वास्तविक कार्य वातावरण को समझने का अच्छा अवसर मिलता है।

शिक्षा

देश भर में बीएड (B.Ed.) दाखिले के लिए एकीकृत प्रवेश परीक्षा, अगले वर्ष से हो सकती है लागू

नया विचार – एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) देश भर में बीएड में दाखिले के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। यह प्रस्ताव नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किया जा रहा है। वर्तमान व्यवस्था वर्तमान में बीएड की प्रवेश परीक्षा राज्यों के विश्वविद्यालयों द्वारा अलग-अलग आयोजित की जाती है। बिहार में कई वर्षों से बीएड की प्रवेश परीक्षा नियमित रूप से विश्वविद्यालय आयोजित करता रहा है। परीक्षा आयोजन: एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। समय सीमा: यह प्रणाली अगले वर्ष से लागू हो सकती है। परीक्षा कार्यक्रम: संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अलावा चार वर्षीय स्नातक और पीजी के बाद शुरू होने वाले एक वर्ष के बीएड के लिए भी प्रवेश परीक्षा होगी। यह परीक्षा अप्रैल-मई में आयोजित की जा सकती है।

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