Sunita Williams: हिंदुस्तानीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 9 महीने का लंबा समय बिताने के बाद आज सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आईं. उनकी सुरक्षित वापसी की समाचार से उनके गुजरात स्थित पैतृक गांव झूलासण (Jhulasan) में खुशी की लहर दौड़ गई. गांव के लोगों और उनके परिवारजनों ने इस ऐतिहासिक पल पर खुशी जाहिर की. सुनीता की चचेरी बहन फाल्गुनी पंड्या ने इस मौके को “अविस्मरणीय पल” करार दिया और कहा कि परिवार अब सुनीता के साथ छुट्टियां बिताने की योजना बना रहा है.
स्पेसएक्स ड्रैगन के जरिए सुरक्षित वापसी
सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विलमोर (Butch Wilmore) ने स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित लैंडिंग की. यह मिशन मूल रूप से कुछ दिनों का ही था, लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह 286 दिनों (लगभग 9 महीने) तक चला. इस दौरान दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में ही रहना पड़ा. 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के पहले मानव मिशन के तहत उन्हें अंतरिक्ष में भेजा गया था. लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण स्टारलाइनर को वापसी के लिए अनुपयुक्त पाया गया. इसके बाद नासा ने स्पेसएक्स-नासा क्रू-9 मिशन के तहत उन्हें वापस लाने का निर्णय लिया.
#WATCH | Being stranded at the International Space Station for 9 months, Sunita Williams is back on Earth with a smile
Today, NASA’s SpaceX Crew-9 – astronauts Nick Hague, Butch Wilmore, Sunita Williams, and Roscosmos cosmonaut Aleksandr Gorbunov returned to Earth after the… pic.twitter.com/mdZIQTG4SN
— ANI (@ANI) March 18, 2025
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सुनीता जल्द करेंगी हिंदुस्तान का दौरा
सुनीता विलियम्स की चचेरी बहन फाल्गुनी पंड्या ने पुष्टि की है कि सुनीता जल्द ही हिंदुस्तान यात्रा पर आएंगी. इस समाचार से उनके पैतृक गांव झूलासण के लोगों में खासा उत्साह है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुनीता को एक पत्र लिखकर उनकी उपलब्धियों पर बधाई दी और कहा कि “1.4 अरब हिंदुस्तानीयों को आपकी सफलता पर गर्व है.” मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि जब वह अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन से मिले थे, तब उन्होंने सुनीता विलियम्स की कुशलक्षेम के बारे में जानकारी ली थी.
सुनीता की अगली अंतरिक्ष यात्रा पर सस्पेंस
क्या सुनीता विलियम्स फिर से अंतरिक्ष में जाएंगी या मंगल ग्रह पर उतरने वाली पहली स्त्री बनेंगी? इस पर फाल्गुनी पंड्या ने कहा कि यह “सुनीता की इच्छा पर निर्भर” करेगा. उन्होंने कहा, “वह हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं.” उनके पैतृक गांव झूलासण में उत्साह का माहौल है. यहां के निवासी सुनीता की वापसी और आगामी हिंदुस्तान यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं.
गांव वालों का गर्व और सम्मान
झूलासण गांव, जो मेहसाणा जिले में स्थित है, सुनीता के पिता दीपक पांड्या का पैतृक गांव है. दीपक पांड्या 1957 में अमेरिका चले गए थे. उनके दिवंगत पिता को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा, “मुझे पूरा विश्वास है कि उनके आशीर्वाद हमेशा आपके साथ हैं.” सुनीता की मां बॉनी पंड्या भी उनकी वापसी को लेकर बेहद उत्साहित हैं.
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286 दिन अंतरिक्ष में बिताए, किया 900 घंटे का शोध
नासा के मुताबिक, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने अपने मिशन के दौरान 900 घंटे का शोध पूरा किया और 150 से अधिक प्रयोग किए. उन्होंने स्पेस स्टेशन के बाहर 62 घंटे 9 मिनट बिताए और 9 बार स्पेसवॉक किया. यह मिशन अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है.
हिंदुस्तान में सुनीता विलियम्स का इंतजार
अब दुनियाभर की निगाहें सुनीता विलियम्स की आगामी हिंदुस्तान यात्रा पर टिकी हैं. उनके पैतृक गांव में खुशी और गर्व का माहौल है. झूलासण के निवासी इस बात को लेकर बेहद उत्साहित हैं कि जल्द ही उनकी “गांव की बेटी” हिंदुस्तान आएंगी और अपने परिवार के साथ समय बिताएंगी. सुनीता विलियम्स की यह वापसी हिंदुस्तानीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है.
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