Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा, जिन्हें प्रेम और करुणा का मूर्त रूप माना जाता है, उनके उपदेश आज भी लाखों लोगों के जीवन को दिशा देते हैं. उनकी बातें सरल होती थीं, पर उनके पीछे छिपे अर्थ गहरे और जीवन बदल देने वाले होते थे. ऐसा ही एक गूढ़ उपदेश उन्होंने आसक्ति (Attachment) पर दिया, जो जीवन और मृत्यु, त्याग और मोक्ष के बीच की समझ को खोलता है.
Neem Karoli Baba Quotes: नीम करौली बाबा का प्रसिद्ध उद्धरण
“यदि घड़ा कच्चा है तो उसके टूटने पर मिट्टी को फिर से काम में लिया जा सकता है, लेकिन यदि घड़ा पक्का है तो टूटने पर वह फेंक दिया जाता है.”
– नीम करौली बाबा
Neem Karoli Baba Teachings: बाबा की यह सीख क्या कहती है?

इस रूपक में “कच्चा घड़ा” एक ऐसे मनुष्य का प्रतीक है जो अभी भी विनम्र, सरल और अहंकार से मुक्त है. ऐसा व्यक्ति जीवन में जितनी भी बार टूटे, यानी संकटों से गुजरे, वह फिर से बन सकता है, फिर से नया जीवन पा सकता है. क्योंकि उसमें बदलाव और आत्मपरिवर्तन की संभावना है.
वहीं “पक्का घड़ा” उस व्यक्ति की तरह है जो अपने अहंकार, आसक्ति और अपनी धारणाओं में पक चुका है. उसके जीवन में लचीलापन नहीं है. जब ऐसा व्यक्ति टूटता है, यानी जब जीवन में कोई बड़ा बदलाव आता है, तो वह सहजता से उसे स्वीकार नहीं कर पाता और बिखर जाता है.Neem Karoli Baba teachings in Hindi
Neem Karoli Baba on Attachment: लगाव है मनुष्य की चिंताओ की जड़
नीम करौली बाबा मानते थे कि दुनिया की चीजों से गहरा लगाव ही दुख का मूल कारण है. जब हम चीजों, लोगों, भावनाओं या विचारों से जुड़ जाते हैं, तो हम उनमें स्थायित्व की खोज करने लगते हैं – जो कि माया है. संसार में कुछ भी स्थायी नहीं है, और यही समझ ही हमें मुक्त करती है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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