Bihar News: गोपालगंज में केसीसी लोन के नाम पर भूमिहीन किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी की निगरानी से जांच कराने की मांग तेज हो गई है. बैकुंठपुर के पूर्व विधायक व जदयू के प्रदेश प्रवक्ता मंजीत कुमार सिंह ने शनिवार को डीएम प्रशांत कुमार सीएच व सदर एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार को लिखित शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने इस धोखाधड़ी की निष्पक्ष जांच कराने व दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
पूर्व विधायक ने निगरानी से जांच कराने की मांग की
पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि वर्ष 2008 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने धोखाधड़ी कर किसानों के नाम पर फर्जी एलपीसी व जमीन की रसीद का प्रयोग कर केसीसी की राशि निकाल ली थी. इस राशि के बाद अब इन भूमिहीन किसानों को नोटिस भेजकर राशि जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है. मंजीत कुमार सिंह ने डीएम व एसडीएम से किसानों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने व इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच राज्य प्रशासन के निगरानी विभाग से कराने की मांग की है.
एसडीएम ने सीओ से मांगी रिपोर्ट
एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है. एसडीएम ने सिधवलिया सीओ से रिपोर्ट मांगी है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जिन किसानों के नाम पर केसीसी की राशि निकाली गई है, वे वास्तव में भूमिहीन हैं या नहीं. साथ ही सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक से भी रिपोर्ट मांगी गई है.
जांच की मांग तेज
बता दें कि सिधवलिया प्रखंड के काशी टेंगराही, मोहम्मदपुर और कुशहर पंचायत के दर्जनों भूमिहीन किसानों के नाम पर किसान क्रेडिट कार्ड के तहत बैंक से फर्जी तरीके से पैसे निकालकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है. इस मामले में अब जांच की मांग तेज हो गई है.
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क्या है मामला
- अनिल तिवारी ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक करवाती शाखा से वर्ष 2008 में 25 हजार का केसीसी लोन लिया था. वर्ष 2014 में इसे जमा किया. तत्कालीन प्रबंधक ने पासबुक पर क्लोज लिख दिया. इसके बाद अनिल कुमार तिवारी निश्चिंत हो गए. अब उन्हें लीगल नोटिस भेजकर 1.63 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया गया है. यह मामला जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां सुनवाई के लिए लंबित है.
- राजन कुमार ने 2003 में बथना कुट्टी ग्रामीण बैंक से 18,000 रुपये का केसीसी लोन लिया था. 2009 में जब वह लोन जमा करने गया तो ब्रांच मैनेजर ने बताया कि उसका लोन खेती के लिए है. यूपीए प्रशासन ने इसे माफ कर दिया है. यह कर्जमाफी योजना में शामिल है. कुछ दिनों बाद उसे नो ड्यूज मिलेगा. वह कुछ दिनों तक नो ड्यूज के लिए गया. उसे भरोसा दिया गया कि बाद में मिल जाएगा. 2025 में उसे 1.04 लाख रुपये का नोटिस मिला. अब पूरा परिवार टेंशन में है.
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