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Chitragupt Puja 2025: चित्रगुप्त पूजा के दिन पढ़ाई कर ली तो क्या होगा?

Chitragupt Puja 2025: हिंदू धर्म में 33 देवताओं का उल्लेख मिलता है, जिनमें भगवान चित्रगुप्त का विशेष स्थान है. उन्हें देवताओं का लेखाकार माना जाता है, जो हर इंसान के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. मृत्यु के बाद वे तय करते हैं कि किसे स्वर्ग या नरक का फल मिलना चाहिए. भगवान चित्रगुप्त को यमराज के सहायक और आकाशीय लेखपाल कहा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार उनका जन्म भगवान ब्रह्मा के चित्त (मन) से हुआ था, इसलिए उन्हें “चित्रगुप्त” नाम मिला. कब मनाया जाता है चित्रगुप्त पूजा माना जाता है कि चित्रगुप्त जी की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि बढ़ती है, जबकि अज्ञानता और गरीबी दूर होती है. उनकी पूजा खासतौर पर भाई दूज के दिन की जाती है, जो कायस्थ समुदाय के लिए बहुत महत्व रखता है. साल 2025 में भगवान चित्रगुप्त की पूजा भाई दूज के दिन मनाई जाएगी, जो दिवाली के दो दिनों बाद पड़ती है. चित्रगुप्त पूजा का महत्व यह दिन भगवान चित्रगुप्त को समर्पित होता है. माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त यमराज के सचिव हैं और सभी लोगों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. उन्हें कलम-दवात और लेखन का देवता भी कहा जाता है. इसलिए इस दिन कलम, दवात और कागज की पूजा की जाती है. क्यों नहीं करते इस दिन पढ़ाई या लिखाई चित्रगुप्त पूजा के दिन लोग अपनी किताबें, पेन, कॉपियां और हिसाब-किताब की बही पूजा के लिए रखते हैं. विद्यार्थी और व्यापारी दोनों ही इस दिन कलम-दवात की विशेष पूजा करते हैं, ताकि उन्हें ज्ञान, सफलता और समृद्धि मिले. परंपरा के अनुसार, इस दिन पढ़ाई या कोई लिखने का काम नहीं किया जाता. माना जाता है कि जब कलम और किताबें पूजा में रखी जाती हैं, तो वे भी विश्राम की अवस्था में होती हैं. इसलिए उस दिन उनका उपयोग न करना ही शुभ माना जाता है. ये भी पढ़ें: कायस्थों के आराध्य देव चित्रगुप्त महाराज की आदिकाल से होती है उपासना चित्रगुप्त पूजा के दिन पढ़ाई कर ली तो क्या होगा? अब सवाल यह है कि अगर कोई इस दिन पढ़ाई कर ले तो क्या कोई नुकसान होगा? धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो ऐसा करना अशुभ नहीं है, लेकिन यह परंपरा के खिलाफ माना जाता है. इसका मतलब यह नहीं कि कोई बुरा फल मिलेगा, बल्कि यह समझा जाता है कि आपने उस दिन के महत्व का सम्मान पूरी तरह नहीं किया. चित्रगुप्त पूजा का असली संदेश चित्रगुप्त पूजा का असली उद्देश्य ज्ञान, लेखन और कर्म के प्रति आदर जताना है. अगर कोई भूल से इस दिन पढ़ाई कर ले, तो कोई बुरा असर नहीं होता. फिर भी, बेहतर यह है कि इस दिन किताबों और कलम की पूजा करें, उन्हें विश्राम दें और अगले दिन नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ पढ़ाई शुरू करें. यही इस दिन की सच्ची भावना है. चित्रगुप्त पूजा कब है? चित्रगुप्त पूजा हर साल कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाई जाती है. वर्ष 2025 में यह 23 अक्टूबर को है. चित्रगुप्त पूजा में क्या लिखा जाता है? इस दिन लोग अपने नाम और कर्मों का लेखा-जोखा कलम और कागज पर लिखते हैं. कलम-दवात की पूजा क्यों होती है? कलम-दवात की पूजा भगवान चित्रगुप्त को समर्पित लेखा-जोखा और ज्ञान के प्रतीक के रूप में की जाती है. चित्रगुप्त पूजा के लिए क्या सामग्री चाहिए? पूजा के लिए कलम, स्याही, किताबें, कॉपियां और पत्ता या पवित्र थाल आवश्यक होती हैं. भगवान चित्रगुप्त कौन हैं? भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहायक और मानव कर्मों के दिव्य लेखाकार देवता हैं. The post Chitragupt Puja 2025: चित्रगुप्त पूजा के दिन पढ़ाई कर ली तो क्या होगा? appeared first on Naya Vichar.

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Superhit Bhojpuri Chhath Geet: शारदा सिन्हा से लेकर पवन सिंह तक, इन सुपरहिट छठ गीतों के बिना अधूरा है यह महापर्व, देखें लिस्ट

Superhit Bhojpuri Chhath Geet: दिवाली का त्योहार खत्म होते ही छठ पूजा की तैयारियां शुरू होने लगी है. यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि लोक आस्था और भक्ति का पर्व है, जिसमें सूर्य देव और छठी मईया की पूजा की जाती है. इस साल छठ पूजा 25 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 28 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा. चारों दिन घर और घाट पर भक्ति और उत्साह का माहौल देखने को मिलेगा. हालांकि कुछ खास छठ गीतों के बिना यह उत्सव अधूरा सा लगता है. शारदा सिन्हा से लेकर पवन सिंह जैसे सिंगर्स ने छठ में ऐसे गीत रिलीज किए है, जो हर साल इस पर्व की शोभा बढ़ा देते है. नए गीत रिलीज होने के बाद भी इनका क्रेज खत्म नहीं होता है. इसी बीच आज हम आपके लिए उन पॉपुलर गीतों की लिस्ट लाए है, जो कई सालों से दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है. पहिले-पहिले हम कईनी छठी मइया दिवंगत गायिका शारदा सिन्हा के इस गीत को हर छठ पूजा पर सबसे पहले सुना जाता है. यह गाना छठ की शुरुआत से ही भक्तों के मन को भक्ति से भर देता है. 8 साल पहले रिलीज हुए इस गाने को अब तक 67 मिलियन से ज्यादा बार सुना जा चुका है.  कांच ही बांस के बहंगिया 4 साल पहले इस गीत को अनुराधा पौडवाल ने अपनी मधुर आवाज में गाया है और इसका संगीत निर्देशन सुरेंद्र कोहली ने किया है. करीब 90 मिलियन से ज्यादा व्यूज बटोर चुका यह गाना छठ के महापर्व पर हर घाट पर गूंजता है और उत्सव को और खास बनाता है. जोड़े-जोड़े फलवा भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह का यह गाना हर साल छठ पर्व के समय ट्रेंड करता है. 2 साल पहले आए इस गानों को अब तक 121 मिलियन व्यूज मिल चुके है. यह गीत छठ की खुशियों और उत्साह को दिखाने के लिए एकदम परफेक्ट है. बबुआ जे रहिते त माई माई कहिते यह 3 साल पहले रिलीज हुआ पवन सिंह का एक और इमोशनल छठ गीत है, जिसे 1.1 मिलियन व्यूज मिले है. इस गीत में भक्त अपनी संतान के लिए छठी मईया से प्रार्थना करते हैं. इस गीत को सुनकर हर कोई भावुक हो जाता है. छठी मईया करिहा दुलार सिंगर अक्षरा सिंह का यह गीत साल 2023 में रिलीज हुआ था और तब से हर साल छठ पूजा में खूब बजाया जाता है. यह गीत भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम है, जो अब तक 6 मिलियन से ज्यादा व्यूज बटोर चुका है.  ये भी पढ़ें: Bhojpuri Chhath Geet: दिवाली के बाद रिलीज हुआ माही श्रीवास्तव का भक्ति और श्रद्धा से सजा नया छठ गीत ‘पनिया में कांपतारी कनिया’ ये भी पढ़ें: Bhojpuri Chhath Geet: ‘उगी ए सूरज देव’ ने बढ़ाई छठ की रौनक, रिलीज हुआ गोल्डी यादव और माही श्रीवास्तव का नया गीत The post Superhit Bhojpuri Chhath Geet: शारदा सिन्हा से लेकर पवन सिंह तक, इन सुपरहिट छठ गीतों के बिना अधूरा है यह महापर्व, देखें लिस्ट appeared first on Naya Vichar.

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बिहार का पड़ोसी जिला जो 3 राज्यों और 2 देशों से घिरा है, जानते ही Google Map में खोजने लगेंगे नाम

General Knowledge: प्रतियोगिता परीक्षाओं में करेंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज सेक्शन में भूगोल के सवाल जरूर होते हैं. ऐसे में जीके के ट्रिकी सवालों (General Knowledge Tricky Questions) की तैयारी के लिए यहां एक मजेदार टॉपिक के बारे में विस्तार से जानेंगे. हिंदुस्तान में एक अनोखा जिला ऐसा है जिसकी सीमाएं 2 देशों और 3 राज्यों से घिरी हुई हैं. खास बात ये है कि यह जिला बिहार का पड़ोसी है और अपने खूबसूरत नजारों के लिए मशहूर है. General Knowledge on Geography: 3 राज्यों और 2 देशों से घिरा जिला पश्चिम बंगाल में महानंदा नदी के तट पर स्थित दार्जिलिंग जिला अपनी खूबसूरत नजरों के लिए मशहूर है. यह हिंदुस्तान के टॉप टूरिस्ट प्लेस में से एक है. यहां दूर-दूर से लोग छुट्टियां मनाने आते हैं. इस जिले की समाएं बहुत रोचक हैं. आप Google Map में भी इसकी सीमाओं को विस्तार से देख सकते हैं. दो देशों से लगती हैं सीमाएं दार्जिलिंग जिला दो देशों से अपनी सीमाएं साझा करता है. दक्षिणी हिस्से में दार्जिलिंग की सीमा बांग्लादेश से लगती है, जबकि उत्तर-पश्चिम दिशा में यह नेपाल के साथ अपनी सीमा साझा करता है. नेपाल से इसकी करीब 100 किलोमीटर लंबी साझा सीमा है, जिससे यह क्षेत्र सामरिक और सांस्कृतिक रूप से भी काफी अहम बन जाता है. उत्तर में सिक्किम दक्षिण में पश्चिम बंगाल दार्जिलिंग के उत्तर में सिक्किम राज्य की सीमा लगती है. यहां यह सिक्किम के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों से जुड़ा हुआ है. दूसरी ओर, दक्षिण-पूर्व दिशा में दार्जिलिंग की सीमा पश्चिम बंगाल के ही दूसरे हिस्सों से मिलती है, क्योंकि यह जिला खुद भी पश्चिम बंगाल राज्य का एक अहम भाग है. बिहार का पड़ोसी दार्जिलिंग जिला बिहार राज्य से भी जुड़ा हुआ है. बिहार का किशनगंज जिला इसके साथ लंबी सीमा साझा करता है. दोनों इलाकों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध भी मजबूत हैं. ऐसे में दार्जिलिंग उन चुनिंदा जिलों में शामिल करती हैं जो दो पड़ोसी देशों और कई राज्यों से जुड़े हुए हैं. यह भी पढ़ें: हिंदुस्तान का इकलौता राज्य जहां हैं सिर्फ 2 जिले, खूबसूरत नजारों के लिए मशहूर दार्जिलिंग का दूसरा नाम क्या है? दार्जिलिंग को पहले “दोर्जे-लिंग” कहा जाता था, जिसका मतलब होता है “वज्र का स्थान”. यह नाम लेप्चा जनजाति के लोगों ने रखा था, जो इस इलाके के मूल निवासी थे. बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान इसका नाम दार्जिलिंग रखा गया और यह हिल स्टेशन के रूप में प्रसिद्ध हुआ. दार्जिलिंग की सबसे फेमस चीज क्या है? दार्जिलिंग अपनी खूबसूरत वादियों, सूर्योदय के मनमोहक नजारों और कंचनजंगा पर्वत के दृश्य के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. खासतौर पर टाइगर हिल का सूर्योदय देखने हजारों पर्यटक हर साल यहां आते हैं. यह जगह अपने प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के लिए मशहूर है. दार्जिलिंग का मुख्य व्यवसाय क्या है? दार्जिलिंग की वित्तीय स्थिति मुख्य रूप से चाय बागानों, खेती, बागवानी और वनों पर निर्भर करती है. यहां की चाय विश्वभर में अपनी खास खुशबू और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई तक फैले चाय बागान इस इलाके की पहचान बन चुके हैं और स्थानीय लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत हैं. दार्जिलिंग घूमने में कितना समय लगता है? दार्जिलिंग की सैर के लिए आमतौर पर 3 से 4 दिन काफी होते हैं, जिनमें आप प्रमुख दर्शनीय स्थल देख सकते हैं. अगर आप आराम से घूमना चाहते हैं या पास के इलाकों जैसे मिरिक या कालिम्पोंग भी देखना चाहते हैं, तो 5 दिन का ट्रिप प्लान करना सबसे अच्छा रहेगा. The post बिहार का पड़ोसी जिला जो 3 राज्यों और 2 देशों से घिरा है, जानते ही Google Map में खोजने लगेंगे नाम appeared first on Naya Vichar.

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शनिवारवाड़ा में 3 महिलाओं के नमाज पढ़ने से मचा बवाल, कभी मराठों के गौरव का प्रतीक किला था

Table of Contents क्या है शनिवारवाड़ा? बाजीराव प्रथम ने कब कराया था शनिवारवाड़ा का निर्माण क्या शनिवारवाड़ा और मस्तानी महल एक ही है? कैसे हुई थी मस्तानी और पेशवा बाजीराव की शादी? शनिवारवाड़ा क्यों प्रसिद्ध है? शनिवारवाड़ा में किसकी हत्या हुई थी? शनिवारवाड़ा कैसे नष्ट हुआ? क्या बाजीराव और मस्तानी की प्रेमकथा सत्य है? क्या बाजीराव क्षत्रिय थे? Shaniwarwada row: पुणे स्थित शनिवारवाड़ा एक प्राचीन किला है, जिसके परिसर में तीन मुस्लिम स्त्रीओं द्वारा नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी पर यह आरोप लगा है कि वो प्रदेश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत और तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. दरअसल जब नमाज का वीडियो सामने आया तो मेधा कुलकर्णी के साथ बीजेपी और हिंदू संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने रविवार को किले में प्रदर्शन किया और कहा कि इस किले में किसी को नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. शनिवारवाड़ा विवाद ने यहां तूल पकड़ लिया है और नेतृत्व शुरू है. आखिर शनिवारवाड़ा क्या है? इसकी खासियत क्या है? बाजीराव प्रथम कौन थे? इन तमाम बातों की जानकारी हम आपको इस आलेख में देते हैं.intro क्या है शनिवारवाड़ा? पेशवा बाजीराव प्रथम का शनिवारवाड़ा शनिवारवाड़ा दरअसल पेशवा बाजीराव प्रथम द्वारा बनवाया गया किला है, जिसे मराठा साम्राज्य का गौरव माना जाता है. यह पेशवा बाजीराव का अधिकारिक निवास स्थान था और वे यहीं से अपने तमाम प्रशासनिक कार्य किया करते थे. शनिवारवाड़ा इसका निर्माण इसलिए पड़ा क्योंकि इसका उद्‌घाटन शनिवार को हुआ था और वाड़ा का अर्थ होता है बड़ा घर. यह एक बेहद खूबसूरत और सुरक्षित पांच मंजिला इमारत थी, जिसमें पेशवा बाजीराव प्रथम रहते थे. वे मराठों के सबसे प्रसिद्ध पेशवा थे और उनका कार्यकाल बहुत ही गौरवशाली रहा है. पेशवा का अर्थ होता है प्रधानमंत्री. बाजीराव प्रथम छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रधानमंत्री थे. उनका जन्म 1700 में हुआ था और महज 40 वर्ष की उम्र में यानी 1740 में उनका निधन हो गया था. वे 1720 से 1740 तक छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रधानमंत्री रहे थे. शनिवारवाड़ा को मराठों की नेतृत्व, संस्कृति और उनकी परंपराओं से जोड़कर देखा जाता है. यह किला मराठा पेशवाओं की कई गाथाओं का साक्षी रहा है. बाजीराव प्रथम ने कब कराया था शनिवारवाड़ा का निर्माण पेशवा बाजीराव प्रथम ने 1736 में कराया था. महाराष्ट्र प्रशासन की वेबसाइट पर यह जानकारी है,लेकिन कई जगहों पर यह बताया गया है कि इसका निर्माण 1732 में हुआ था. शनिवार वाड़ा, पेशवाओं का एक 13 मंजिला महल है, जिसका निर्माण सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया गया था. मुख्य प्रवेश द्वार को ‘दिल्ली दरवाजा’ के नाम से जाना जाता है और अन्य द्वारों के नाम गणेश, मस्तानी, जम्भल, खिड़की हैं. शनिवार वाड़ा के सामने घोड़े पर सवार बाजीराव प्रथम की मूर्ति स्थापित है. इसके अलावा अंदर कई भव्य महल भी है. यह महल पेशवा शक्ति का केंद्र था और 1828 में यहां आग लग गई जिसके बाद यह महल नष्ट हो गया अब सिर्फ खंडहर ही शेष है जो मराठों के गौरव का प्रतीक है. क्या शनिवारवाड़ा और मस्तानी महल एक ही है? शनिवारवाड़ा और मस्तानी महल ऐसा कहा जाता है कि पेशवा बाजीराव प्रथम की एक मुस्लिम प्रेमिका थी, जिसका नाम मस्तानी था. उसके नाम पर शनिवारवाड़ा में एक दरवाजा भी है. हालांकि शनिवारवाड़ा और मस्तानी महल एक नहीं थे, बल्कि ये दो अलग-अलग इमारतें थी. बाजीराव पेशवा की पत्नी काशीबाई मस्तानी को पसंद नहीं करती थी, इसलिए मस्तानी को शनिवारवाड़ा में जगह नहीं मिली. बाजीराव ने मस्तानी के लिए पुणे से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पाबल गांव में एक महल बनवाया था. शनिवारवाड़े से उसका कोई संबंध नहीं था. कैसे हुई थी मस्तानी और पेशवा बाजीराव की शादी? पेशवा बाजीराव और मस्तानी की शादी को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है, कुछ लोग यह मानते हैं कि उनकी शादी हुई थी जबकि कुछ यह कहते हैं कि उनके बीच बस प्रेम संबंध था शादी नहीं हुई थी. इनके संबंधों को बहुत ही ग्लोरिफाई करके फिल्मों और कथाओं में बताया जाता है. लेकिन इनका एक बेटा भी था, जिसे शमशेर बहादुर (कृष्णराव) कहा जाता है. इससे एक बात तो साफ है कि मस्तानी नाम की एक स्त्री बाजीराव के जीवन थी, जिसका बाजीराव के साथ संबंध था. मस्तानी बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल और रूहानी बेगम की बेटी थी, इस वजह से मराठों ने मस्तानी को स्वीकार नहीं किया था. जब उनके बेटे कृष्णराव का संस्कार ब्राह्मणों ने करने से मना कर दिया था, तब कृष्णराव का नाम शमशेर बहादुर रख दिया गया था. छत्रसाल ने मस्तानी से बाजीराव का विवाह इसलिए कराया था, क्योंकि बाजीराव ने उनकी मदद की थी. विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें शनिवारवाड़ा क्यों प्रसिद्ध है? मराठा पेशवाओं के गौरव के रूप में यह किला प्रसिद्ध है. शनिवारवाड़ा में किसकी हत्या हुई थी? शनिवारवाड़ा में बाजीराव के पोते नारायणराव की हत्या हुई थी. शनिवारवाड़ा कैसे नष्ट हुआ? 1828 में लगी आग में शनिवारवाड़ा नष्ट हुआ. आशंका जताई जाती है कि अंग्रेजों ने यह आग लगाई थी. क्या बाजीराव और मस्तानी की प्रेमकथा सत्य है? बाजीराव और मस्तानी का संबंध ऐतिहासिक तो है ही साथ ही इसमें कई काल्पनिक बातें भी जुड़ी हुईं हैं. हां यह सच है कि दोनों के बीच संबंध थे और उनका एक बेटा शमशेर बहादुर था. क्या बाजीराव क्षत्रिय थे? नहीं, वे ब्राह्मण कुल के थे. ये भी पढ़ें : Mughal Harem Stories : मुगलों के हरम में रात होते ही छा जाता था अंधेरा, प्रेम से रातें होती थीं रोशन The post शनिवारवाड़ा में 3 स्त्रीओं के नमाज पढ़ने से मचा बवाल, कभी मराठों के गौरव का प्रतीक किला था appeared first on Naya Vichar.

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Leftover Diwali Food Recipes Ideas: दिवाली के बचे पकवानों से तैयार करें टेस्टी डिश, ट्राई करें ये रेसिपी आइडियाज

Leftover Diwali Food Recipe Ideas: दिवाली के त्योहार पर कई तरह की रेसिपी को बनाया जाता है. कई बार खाना ज्यादा बन जाता है और बच जाता है और दिवाली के बाद फ्रिज में तरह-तरह के बचे हुए पकवान को कई लोग रख देते हैं. अक्सर लोग बचे हुए खाने को फेंक देते हैं. बचे हुए खाने को फेंकने के बजाय आप नई चीजों को बना सकते हैं. तो आइए जानते हैं इस आर्टिकल से दिवाली के बचे हुए खाने से आप क्या बना सकते हैं? बचे हुए चावल से क्या बनाएं? Rice cutlet ( ai image) अगर रात का चावल बच गया है तो आप इससे कटलेट बना सकते हैं. आप एक बर्तन में चावल को लें. इसमें उबले आलू को मैश कर के डाल दें. इसमें आप कटा हुआ प्याज, हरी मिर्च और अदरक-लहसुन के पेस्ट को डालें. इसमें बेसन, नमक और धनिया पाउडर को डालें. सभी चीजों को अच्छे से मिला लें. हाथों में तेल लगा लें और मिश्रण से आप गोल आकार के कटलेट को तैयार कर लें. तवे पर तेल डालकर आप इसे दोनों साइड से क्रिस्पी होने तक पका लें.  बची हुई दाल से क्या बनाएं? Dal paratha ( ai image) आप बची हुई दाल से पराठा तैयार कर सकते हैं. आप दाल को गाढ़ा कर लें. अब एक बर्तन में आटा लें. इसमें आप दाल को डाल दें. अब आप बारीक कटा प्याज और कटी हुई हरी मिर्च को डालें. सभी चीजों को अच्छे से मिक्स कर लें. अब आप आटा को गूंथ लें. आटे से लोई बना लें और लोई को हाथ से दबा लें और बेलन से गोल बेल लें. तवे पर तेल लगाकर दोनों साइड से इसे पका लें.  बची हुई रोटी से क्या बनाएं? Roti pizza ( ai image) अगर रोटी बच गई है तो आप इससे पिज्जा को तैयार कर सकते हैं. बची हुई रोटी पर पिज्जा सॉस लगाएं, इसमें आप कटी हुई सब्जी जैसे शिमला मिर्च, प्याज, टमाटर और चीज को डालें. ऊपर से आप चिली फ्लेक्स को डालें. तवे पर ढककर पकाएं जब तक चीज पिघल न जाए. बची हुई मिठाई से क्या बनाएं? Kulfi ( ai image) आपके पास अगर दिवाली पर मिठाई में पेड़ा या बर्फी बचा हुआ है तो आप इससे कुल्फी बना सकते हैं. आप मिठाई को छोटे टुकड़ों में तोड़ लें और दूध के साथ मिक्स कर के मिक्सी में पीस लें. इस मिश्रण को निकाल लें. अब एक बर्तन में दूध को गर्म करें और इसमें आप तैयार मिश्रण को डालें. इसे गाढ़ा करें और ऊपर से कटे हुए ड्राई फ्रूट को डाल दें. इसे आप कुल्फी के सांचे में डालें और फ्रिज में रख दें. जब ये जम जाए तो इसे सर्व करें.  यह भी पढ़ें- Chana Dal Cutlet: संडे को बनाना है स्पेशल, तो स्नैक्स में तैयार करें टेस्टी चना दाल कटलेट  यह भी पढ़ें- Paneer Cheese Toast: वीकेंड पर फैमिली के लिए करें कुछ स्पेशल, बनाएं पनीर चीज टोस्ट रेसिपी  The post Leftover Diwali Food Recipes Ideas: दिवाली के बचे पकवानों से तैयार करें टेस्टी डिश, ट्राई करें ये रेसिपी आइडियाज appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Elections 2025: पप्पू यादव का सीएम नीतीश को खुला ऑफर, कहा- चुनाव के बाद भी है स्वागत, कांग्रेस ही उन्हें देगी सम्मान

Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव के बीच गहमागहमी तेज हो गई है. इस बीच पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला ऑफर दिया. उन्होंने कहा, वह आना चाहते हैं तो चुनाव के बाद भी उनका स्वागत है. कांग्रेस ही उनका सम्मान करेगी और स्वागत भी करेगी. पप्पू यादव से जब पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे. इस पर उन्होंने कहा, बिल्कुल नहीं. अकेला पप्पू यादव एनडीए पर भारी इस दौरान पप्पू यादव से महागठबंधन के एकजुट नहीं होने को लेकर सवाल किया गया. जिस पर उन्होंने कहा, अकेला पप्पू यादव एनडीए पर भारी है. आप घबराइये नहीं. बिहार की पूरी जनता एक साथ है और एनडीए को वोट नहीं देना चाहती बल्कि महागठबंधन को वोट देगी. पप्पू यादव ने यह भी जानकारी दी कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बिहार में चुनावी सभा छठ के बाद होगा. एनडीए को लेकर उठाया सवाल पत्रकारों से बातचीत के दौरान एनडीए से जुड़े सवाल पर पप्पू यादव ने कहा, चिराग पासवान का स्पोर्ट्स क्या चल रहा है सो बताइए. सिर्फ महागठबंधन से सवाल मत पूछिए. भाजपा के नेताओं से सवाल पूछे. उन लोगों में एकजुटता कहां है. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाह रहे हैं, सबसे बड़ा सवाल बिहार में अभी यही है. कांग्रेस की दी थी ये नसीहत मालूम हो, महागठबंधन में एकजुटता को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में एनडीए के नेता महागठबंधन पर हमलावर बने हुए हैं. इस बीच पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही बड़ा ऑफर दे दिया है. इससे पहले भी पप्पू यादव का बयान आया था. जिसमें उन्होंने कांग्रेस को नसीहत दी थी. इसके साथ ही उन्होंने तमाम परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कांग्रेस को अभी ही बड़ा फैसला लेने की बात कही थी. हालांकि, अब उन्होंने महागठबंधन में सब कुछ सही होने की बात कही. Also Read: Bihar Elections 2025: ज्योति सिंह ने हलफनामे में पति पवन सिंह के नाम की जगह क्या लिखा? ग्रैंड विटारा कार और लाखों की संपत्ति की मालकिन The post Bihar Elections 2025: पप्पू यादव का सीएम नीतीश को खुला ऑफर, कहा- चुनाव के बाद भी है स्वागत, कांग्रेस ही उन्हें देगी सम्मान appeared first on Naya Vichar.

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WhatsApp ला रहा नया फीचर! अब Unknown नंबर से नहीं आएंगे परेशान करने वाले मैसेज

WhatsApp New Feature: अगर आप भी WhatsApp पर रोजाना Unknown नंबर से आने वाले ऑफर, डिस्काउंट या बिजनेस मैसेज से परेशान हैं, तो अब राहत की समाचार है. WhatsApp एक नया फीचर टेस्ट कर रहा है जो यूजर्स को इन अनचाहे मैसेज से बचाने वाला है. क्या है WhatsApp का नया Anti-Spam फीचर? Meta के स्वामित्व वाला WhatsApp अब ऐसा सिस्टम लाने जा रहा है जिसमें बिजनेस अकाउंट्स को सीमित मैसेज भेजने की अनुमति होगी. यानी अगर कोई कंपनी लगातार बिना रिप्लाई के मैसेज भेजती है, तो उसे यूजर को मैसेज भेजने से रोका जा सकता है. यह फीचर फिलहाल कुछ देशों में टेस्ट हो रहा है. WhatsApp का मकसद है कि बिजनेस अकाउंट्स पर लगाम लगायी जाए, जो बिना जरूरत के यूजर्स को बार-बार मैसेज भेजते हैं. WhatsApp New Feature: कैसे काम करेगा यह सिस्टम? अगर कोई बिजनेस यूजर को लगातार मैसेज भेजता है और यूजर उनकी चैट का जवाब नहीं देता, तो WhatsApp सिस्टम अपने आप उस बिजनेस को चेतावनी देगा. अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो ऐसे अकाउंट्स को मैसेज भेजने से ब्लॉक कर दिया जाएगा. यह कदम उसी तरह का है जैसा कि WhatsApp ने कुछ साल पहले Forward Message Limit फीचर के साथ किया था ताकि फेक न्यूज और स्पैम कम किये जा सकें. WhatsApp Status में भी बड़ा बदलाव सिर्फ स्पैम रोकने तक ही नहीं, WhatsApp अपने Status Update फीचर को भी बदलने की तैयारी में है. अब इसमें Instagram जैसी Question फीचर टेस्ट हो रही है. साथ ही, यूजर्स को Status में विज्ञापन (ads) भी दिखाई दे सकते हैं. Meta AI का नया रोल MetaAI अब WhatsApp में और गहराई से इंटीग्रेट किया जा रहा है, हालांकि end-to-end encryption पहले की तरह सुरक्षित रहेगा. इन अपडेट्स के साथ WhatsApp एक स्मार्ट और यूजर-फ्रेंडली ऐप बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. WhatsApp अब करेगा मैसेज पर लिमिट, स्पैम भेजने वालों की खैर नहीं WhatsApp पर जरूरी मैसेज या चैट डिलीट हो गई? बस फॉलो करें ये प्रोसेस और मिनटों में करें रिकवर The post WhatsApp ला रहा नया फीचर! अब Unknown नंबर से नहीं आएंगे परेशान करने वाले मैसेज appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Election 2025: जहानाबाद में नामांकन के बाद गिरफ्तार प्रत्याशी को आया आर्ट अटैक, पटना रेफर 

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन के अंतिम दिन यानी सोमवार को एआईएमआईएम गठबंधन की आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी एवं नगर परिषद जहानाबाद के पूर्व उपाध्यक्ष मो. कलामउद्दीन को पुलिस ने नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद थाने में उनकी तबीयत अचानक बहुत ज्यादा खराब गई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया है. थाने में दर्ज हत्या के प्रयास का केस सदर अस्पताल से उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. इस घटना के बाद समर्थकों में काफी आक्रोश फैल गया और नेतृत्वक गलियारे में यह गिरफ्तारी चर्चा का विषय बनी हुई है. जानकारी मिली है कि मो. कलामउद्दीन काको थाना इलाके में दर्ज हत्या के प्रयास के एक पुराने मामले में आरोपित हैं और काको थाना में उनके खिलाफ केस दर्ज हैं. पीएमसीएच में चल रहा इलाज इस गिरफ्तारी की पुष्टि थानाध्यक्ष राहुल कुमार ने की है. गिरफ्तारी की समाचार मिलते ही उनके समर्थक आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे. गिरफ्तारी के बाद कलामुद्दीन को सदर थाना लाया गया. थाने में उसे अचानक हार्ट अटैक आने के बाद आनन-फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. वहां से चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें गिरफ्तारी को साजिश बता रहे समथर्क नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह गिरफ्तारी नेतृत्वक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. हालांकि पुलिस की तरफ से अभी इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई है. समर्थकों ने इस गिरफ्तारी को साजिश बताते हुए जमकर हंगामा किया है. बता दें बिहार में 6 और 11 नवंबर को विधानसभा चुनाव होना है. इसका परणाम 14 नवंबर को घोषित होगाा. इसे भी पढ़ें: Bihar Election 2025: बिहार के इस जिले में दुरुस्त होगा मोबाइल नेटवर्क, बूथों पर नहीं होगी परेशानी The post Bihar Election 2025: जहानाबाद में नामांकन के बाद गिरफ्तार प्रत्याशी को आया आर्ट अटैक, पटना रेफर  appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Election 2025: मतदान से पहले ही LJP(R) के लिए गुड न्यूज, इस सीट पर महागठबंधन के प्रत्याशी समेत 5 का नामांकन रद्द

Bihar Election 2025: मोतिहारी से सटे सुगौली विधानसभा क्षेत्र में नामांकन समीक्षा के दौरान बड़ा नेतृत्वक घटनाक्रम सामने आया है. सोमवार को कागजात की जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर पांच प्रत्याशियों का नामांकन रद्द कर दिया गया है. इनमें सबसे बड़ा नाम महागठबंधन के वीआईपी प्रत्याशी एवं राजद विधायक शशि भूषण सिंह का है, जिनका नामांकन रद्द होने से नेतृत्वक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं. शशि भूषण सिंह समेत 5 का नामांकन रद्द सदर एसडीओ सह निर्वाचन पदाधिकारी श्वेता हिंदुस्तानी ने बताया कि कुछ उम्मीदवारों के शपथ पत्र खाली थे, तो कुछ के प्रस्तावकों की संख्या अधूरी पाई गई. इन तकनीकी खामियों के चलते कार्रवाई की गई है. रद्द किए गए प्रत्याशियों में शशि भूषण सिंह के अलावा सदरे आलम, ओमप्रकाश, कृष्ण मोहन झा और गयासुद्दीन शामिल हैं. लोजपा प्रत्याशी राजेश कुमार के लिए आसान हुआ मुकाबला शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द होने से एनडीए समर्थक लोजपा प्रत्याशी राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता के लिए मुकाबला आसान माना जा रहा है. हालांकि, नेतृत्वक पंडितों का कहना है कि बिहार की नेतृत्व में समीकरण कभी भी बदल सकते हैं. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वीआईपी पार्टी आगे किसका समर्थन करती है. महागठबंधन में निराशा का माहौल सुगौली सीट पर नामांकन रद्द होने के बाद पूरे जिले में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है. महागठबंधन खेमे में निराशा का माहौल है, वहीं एनडीए के नेताओं में उत्साह नजर आ रहा है. चुनावी रणभूमि में यह घटनाक्रम आगामी मतदान से पहले एक नया मोड़ लेकर आया है. Also Read: Bihar Election 2025: तेजस्वी-राहुल में मामला सेट, कुटुंबा में RJD तो लालगंज में कांग्रेस ने पीछे किए उम्मीदवार The post Bihar Election 2025: मतदान से पहले ही LJP(R) के लिए गुड न्यूज, इस सीट पर महागठबंधन के प्रत्याशी समेत 5 का नामांकन रद्द appeared first on Naya Vichar.

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Bhai Dooj Rangoli Designs: भाई दूज पर रंगों से सजाएं घर का आंगन, ट्राई करें ये यूनिक रंगोली डिजाइन आइडियाज 

Bhai Dooj Rangoli Designs: दीपावली के अगले ही दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. यह त्योहार भाई बहन के अनमोल रिश्ते को समर्पित है जहां बहनें अपने भाइयों को टिका कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. दिवाली की तरह ही भाई दूज पर भी घरों को फूलों और रंगोली से सजाया जाता है. इस दिन घर की सजावट में रंगोली का बहुत महत्व है. ऐसे में अगर इस भाई दूज आप भी घर के दरवाजों और मेन गेट पर रंगोली बनाने की सोच रहे हैं तो यहां दिए गए डिजाइन आप ट्राई कर सकते हैं. यह ब्यूटीफल और थीम बेस्ड रंगोली डिजाइन देखने में बेहद आकर्षक लगते हैं और त्योहार पर घर की रौनक बढ़ाएंगे.  भाई दूज रंगोली डिजाइन | Bhai Dooj Rangoli Design भाई दूज के खास मौके पर आप घर के मेन हॉल में इस डिजाइन की रंगोली बनाकर तैयार कर सकते हैं. इसके बीच में बना फ्लावर डिजाइन इसे और भी आकर्षक दिखाता है. Bhai dooj rangoli designs, (ai image) भाई दूज थीम रंगोली डिजाइन | Bhai Dooj Theme Rangoli Design भाई दूज पर आप स्पेशल रंगोली बनाना चाहते हैं तो भाई दूज के थीम वाली रंगोली बना सकते हैं. इस डिजाइन में बनी भाई बहन की फोटो इसे और भी खास बनाता है. आखिर में रंगोली को चारो तरफ फूलों की पंखुड़ियों से सजाएं और दीये रख दें. Bhai dooj rangoli designs, (ai image) स्मॉल रंगोली डिजाइन | Small Rangoli Design For Bhai Dooj अगर आप कम समय में सुंदर और आकर्षक डिजाइन बनाना चाहते हैं तो यह डिजाइन ट्राई कर सकते हैं. इसे कम मेहनत में जल्दी बनाकर तैयार कर सकते हैं, Bhai dooj rangoli designs, (ai image) भाई दूज स्पेशल रंगोली डिजाइन | Bhai Dooj Special Rangoli Design अगर आप कुछ स्पेशल थीम रंगोली बनाने की सोच रहे हैं तो फूलों और पत्तियों की डिजाइन वाली यह रंगोली बेस्ट है. इसके बीच में बना कलश और पूजा का थीम इसे बेहद खास बनाता है. Bhai dooj rangoli designs, (ai image) फ्लावर रंगोली डिजाइन | Floral Rangoli Design For Bhai Dooj Bhai dooj rangoli designs,( ai image) मोर वाली रंगोली डिजाइन | Peacocok Rangoli Design For Bhai Dooj किसी भी मौके पर यह मोर थीम वाली डिजाइन बेहद आकर्षक लगता है. कमल के फूल और मोर पंख से बनी आउटलाइन वाली डिजाइन इसे काफी यूनिक बनाता है. भाई दूज के मौके पर आप इसे घर के पूजा रूम के बाहर बना सकते हैं. Bhai dooj rangoli designs, (ai image) यह भी पढ़ें: Homemade Rangoli Colours For Diwali: बिना मार्केट जाए, घर पर ही तैयार करें दिवाली के लिए होममेड रंगोली कलर यह भी पढ़ें: Bhai Dooj Special Mehndi Design: भाई-बहन के रिश्ते का प्यार बढ़ाएं, देखें भाई दूज स्पेशल ब्यूटीफुल मेहंदी डिजाइन The post Bhai Dooj Rangoli Designs: भाई दूज पर रंगों से सजाएं घर का आंगन, ट्राई करें ये यूनिक रंगोली डिजाइन आइडियाज  appeared first on Naya Vichar.

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