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महाकुंभ में न खोएं बच्चे-बुजुर्गः बरतें 7 सावधानियां, जाने से पहले करें प्लानिंग, 5 बातों का रखें ख्याल

नया विचार – प्रयागराज में महाकुंभ, 2025 की शुरुआत हो चुकी है। हर रोज महाकुंभ में लाखों लोग स्नान करने पहुंच रहे हैं। सड़क से लेकर घाटों तक श्रद्धालुओं की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिल रही है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर अक्सर लोगों की अपने परिजनों से बिछड़ने की आशंका रहती है। महाकुंभ के पहले ही दिन शुरू के पांच घंटे में ही तकरीबन साढ़े चार हजार लोग अपने परिजनों से बिछड़ गए। इनमें ज्यादातर शिशु और बुजुर्ग थे। ऐसे में अगर आप भी परिवार के साथ महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो पहले से कुछ तैयारियां करने की जरूरत है। इससे महाकुंभ के दौरान किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और आपका परिवार सुरक्षित रहेगा। तो चलिए, आज जरूरत की समाचार में बात करेंगे कि बच्चों-बुजुर्गों के साथ महाकुंभ की यात्रा के दौरान क्या सावधानियां बरतें। साथ ही जानेंगे कि- • परिवार के साथ महाकुंभ की प्लानिंग कैसे करें? अगर महाकुंभ में कोई बिछड़ जाए तो क्या करें? सवाल- महाकुंभ में हर रोज कितने लोग अपने परिजनों से बिछड़ रहे हैं? जवाब– महाकुंभ में मकर संक्रांति के दिन • अमृत स्नान के समय सुबह 4 बजे से 9 बजे के बीच करीब 4500 लोग अपनों से बिछड़ गए। बाद में खोया-पाया केंद्र के जरिए उन लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया गया। ये महज पहले दिन के कुछ ही घंटों का आंकड़ा है। इसी तरह वहां भीड़भाड़ के चलते हर रोज सैकड़ों लोग अपने परिजनों से बिछड़ते हैं। सवाल- अगर छोटे बच्चों-बुजुर्गों के साथ महाकुंभ जा रहे हैं तो क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब– अगर महाकुंभ स्नान के लिए बच्चों-बुजुर्गों के साथ जा रहे हैं तो उनका विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। शिशु समझदार हैं तो उन्हें अपना मोबाइल नंबर और एड्रेस याद कराएं। बच्चों-बुजुर्गों को एक पर्ची में एड्रेस व मोबाइल नंबर लिखकर दें, जिससे बिछड़ने पर वह तुरंत किसी की मदद से संपर्क कर सकें। • साथ ही उन्हें डार्क कलर के कपड़े पहनाएं। इससे वह दूर से ही पहचान में आ सकेंगे। इसके अलावा कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है। सवाल- बच्चों-बुजुर्गों को साथ लेकर महाकुंभ जाते हुए क्या सावधानियां बरतें? जवाब– महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है। इसमें हर रोज दुनियाभर से लाखों-करोड़ों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। • प्रयागराज मेला प्राधिकरण के मुताबिक, 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ में तकरीबन 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। • ऐसे में इतनी बड़ी संख्या के बीच सुरक्षित रहना और महाकुंभ का पूरा आनंद लेना अपने आपमें एक चुनौती है। इसलिए बच्चों-बुजुर्गों के साथ महाकुंभ जाने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। सवाल- अगर महाकुंभ में कोई परिजन बिछड़ जाए तो क्या करें? जवाब– महाकुंभ की लाखों-करोड़ों की • भीड़ में पलक झपकते ही शिशु या बुजुर्ग बिछड़ सकते हैं। अगर आपके सामने ऐसी स्थिति आती है तो बिल्कुल घबराएं नहीं, धैर्य से काम लें। तुरंत नजदीकी खोया-पाया केंद्र पर जाएं और अपने परिजन के खोने का अनाउंसमेंट करवाएं। • प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा महाकुंभ में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र बनाए गए हैं, जो आपकी मदद करेंगे। इसके अलावा अपने नजदीकी पुलिस बूथ से संपर्क करें। • अगर ज्यादा भीड़ की वजह से आप खोया-पाया केंद्र तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो कुंभ हेल्पलाइन नंबर 1920 पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं। सवाल- महाकुंभ में जाने से पहले क्या तैयारियां करनी चाहिए? जवाब– ठंड का समय है। ऐसे में महाकुंभ जाने से पहले बहुत जरूरी है कि इसकी सही तरीके से प्लानिंग की जाए। अगर आप बस, ट्रेन या हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो इसके लिए टिकट की प्री-बुकिंग करा लें। इसके अलावा प्रयागराज में ठहरने के लिए होटल, लॉज, धर्मशाला या फिर टेंट सिटी की एडवांस बुकिंग कराएं। ताकि सर्दी के मौसम में परिवार के साथ किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। ध्यान रहे कि होटल की बुकिंग के समय सिर्फ ऑथराइज्ड वेबसाइट्स या मोबाइल नंबर्स का ही इस्तेमाल करें। कभी भी किसी व्यक्ति के जरिए सस्ते दामों में बुकिंग के चक्कर में न पड़ें। ऐसा करने से आप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा महाकुंभ में अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें। जैसे कि- • स्नान के लिए हमेशा ऑथराइज्ड घाटों पर ही जाएं। • हमेशा बच्चों-बुजुर्गों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही रहें। घाट पर सभी एक ही जगह स्नान करें। • अगर घाट पर भीड़ ज्यादा है तो बच्चों को वहां ले जाने से बचें। • स्नान के लिए घाट पर पहुंचते समय अपने सामान को सुरक्षित स्थान पर रख दें। भीड़भाड़ वाली जगह पर सामान के चोरी होने का ज्यादा खतरा रहता है। • महाकुंभ में किसी भी अजनबी पर भरोसा न करें। इसके अलावा अनऑथराइज्ड जगह पर खाना खाने से भी बचें। • अपना पहचान पत्र, होटल या लॉज का नाम और बुकिंग से जुड़ी डिटेल्स साथ रखें। महाकुंभ के दौरान किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें।

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आज पटना में जुटेंगे देशभर के विधानसभा अध्यक्षः 42 साल बाद बिहार को मिली मेजबानी, संसद और विधायिका पर होगी चर्चा

नया विचार पटना – बिहार में करीब 42 साल बाद आज यानी सोमवार को दो दिवसीय अखिल हिंदुस्तानीय पीठासीन सम्मेलन शुरू हो रहा है। कार्यक्रम विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में होगा। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में भाषण लोकसभा स्पीकर ओम बिरला देंगे। बता दें कि यह सम्मेलन 1982 के बाद बिहार में हो रहा है। तब कांग्रेस के राधा नंदन झा विधानसभा अध्यक्ष थे। इस सम्मेलन में पूरे देश के पीठासीन पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा 28 राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, 6 विधानसभा परिषद के सभापति और केंद्र शासित प्रदेशों के स्पीकर समेत करीब 300 अतिथि शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम में राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश भी मौजूद रहेंगे। विधानसभा में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के चैंबर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के बैठने की व्यवस्था की गई है। वहीं, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश के लिए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के चैंबर में व्यवस्था की गई है। लोकसभा के महासचिव डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के चैंबर में बैठेंगे तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चैंबर में राज्यसभा के महासचिव के बैठने की व्यवस्था की गई है। सम्मेलन में संसद और विधायिका (चुने हुए प्रतिनिधियों का समूह) की भूमिका पर विस्तार से चर्चा होगी। पटना के पर्यटन स्थल भी देखेंगे गेस्ट सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी अतिथि 19 जनवरी यानी रविवार की शाम से ही पटना पहुंच चुके हैं। सम्मेलन का समापन सत्र 21 जनवरी को सेंट्रल हॉल में होगा और इसके बाद सभी गेस्ट पटना के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे हरि मंदिर साहिब गुरुद्वारा, बापू टावर, सभ्यता द्वार और बिहार संग्रहालय जाएंगे। 1982 के बाद हो रहा सम्मेलन अखिल हिंदुस्तानीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन, हिंदुस्तान के विधायी निकायों की सर्वोच्च संस्था है। सम्मेलन के आयोजक लोकसभा सचिवालय होते है। पटना में यह सम्मेलन इससे पहले 1982 में हुआ था। तब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष कांग्रेस नेता राधानंदन झा थे। अभी देश के 22 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों में विधानसभा हैं। जबकि 6 राज्यों में विधानसभा और विधान परिषद दोनों हैं। सम्मेलन में लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी भी शामिल होते हैं।

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20 करोड़ दो नहीं तो…, तेजस्वी यादव के करीबी नेता को जोगा डॉन ने दी धमकी

नया विचार – पटना में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें RJD सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी नेता संजय यादव से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई. इस मामले को लेकर पटना के सचिवालय थाना में केस दर्ज किया गया है. सचिवालय थाने की पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है. RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बताया कि राज्य सभा सांसद संजय यादव को अंतर्राष्ट्रीय कुख्यात अपराधी जोगिंदर ग्योंग उर्फ़ जोगा डॉन ने विदेशी नंबर से कॉल कर धमकी दी. यह मामला नेतृत्वक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि संजय यादव राजद के एक प्रमुख नेता और तेजस्वी यादव के करीबी हैं. अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में किस प्रकार की कार्रवाई करती है और रंगदारी मांगने वालों को पकड़ने में कितनी सफलता प्राप्त होती है.  

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PK ने राज्यव्यापी बाइक रैली को दिखाई हरी झंडी, कहा- बिहार के युवाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज बनना है

राहुल गांधी को नहीं पता कि जब बिहार में जाति जनगणना हुई थी तब महागठबंधन की प्रशासन थी- प्रशांत किशोर नया विचार पटना। आज बिहार सत्याग्रह आश्रम से जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने राज्यव्यापी बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जिसका नेतृत्व जन सुराज के युवा अध्यक्ष आनंद मिश्रा कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने बाइक रैली के बारे में प्रेस से जानकारी साझा करते हुए बताया कि आनंद मिश्रा के नेतृत्व में 100 बाइकर्स पूरे बिहार में 20 हजार किलोमीटर की यात्रा करेंगे। यात्रा का उद्देश्य बिहार के युवाओं के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ उनकी आवाज बनना है। अपनी पदयात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह मैंने पूरे बिहार में पैदल यात्रा की, उसी तरह आनंद मिश्रा भी बाइक यात्रा कर बिहार के युवाओं से जुड़ेंगे। इसके साथ ही आनंद मिश्रा ने भी प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि यह पूरी यात्रा प्रशांत जी के मार्गदर्शन में हो रही है। उन्होंने जो पैदल पदयात्रा कर बीज बोया है, उसे मैं बाइक यात्रा करके सींचूंगा। प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि जब बिहार में जाति जनगणना हुई थी, तब बिहार में महागठबंधन की प्रशासन थी। जब वह कहते हैं कि बिहार में अत्याचार हो रहे हैं, तो उन्हें इसकी जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए क्योंकि बिहार और देश में लंबे समय तक कांग्रेस की ही प्रशासन रही है। अगर कांग्रेस सिख दंगों के लिए माफी मांग सकती है तो उन्हें बिहार में जंगलराज के दौरान किए गए अत्याचारों के लिए भी माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उस समय बिहार में उनकी पार्टी के समर्थन से प्रशासन चल रही थी।

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राबड़ी आवास में पशुपति पारस और लालू यादव की मुलाकात, RLJP को लेकर अटकलें तेज

नया विचार पटना– बिहार में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। चुनाव से पहले बिहार में सियासी पारा गर्म है। अभी कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मकर संक्रांति के मौके पर आरएलजेपी के प्रमुख पशुपति पारस के आवास जाकर उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद आरएलजेपी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, पशुपति पारस इससे पहले कई बार यह कहते आए हैं कि वो एनडीए का हिस्सा हैं। हालांकि, समय-समय पर उनकी नाराजगी भी सामने आती रही है। अब रविवार को अचानक पशुपति पारस पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंच गए। कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि राबड़ी आवास में लालू प्रसाद यादव और पशुपित पारस की एक बार फिर मुलाकात हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई है। इसके बाद पशुपति पारस वहां से निकल गए। पशुपति पारस के साथ राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज भी इस मुलाकात में शामिल थे। अब इस मुलाकात के बाद आरएलजेपी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। करीब एक हफ्ते में ही लालू और पशुपति पारस की इस दूसरी मुलाकात को लेकर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही पशुपति पारस कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। इस बात की भी अटकलें तेज हैं कि आरएलजेपी बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन का हिस्सा बन सकता है। इससे पहले भी जब चूड़ा-दही पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पशुपति पारस की मुलाकात हुई थी तब उस वक्त भी इसकी काफी चर्चा हो रही थी। पशुपति पारस मोदी प्रशासन के दूसरे टर्म में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि राजद पशुपति पारस को अपने साथ इसलिए लाना चाहती है ताकि भूमिहार और दलित वोट बैंक को साधा जा सके। कुछ नेतृत्वक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पशुपति पारस की पार्टी आरएलजेपी महागठबंधन का हिस्सा बनती है तो वो जमुई, हाजीपुर, बेगूसराय, वैशाली, मुंगर और खगड़िया जिले की कुछ विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। कहा जा रहा है कि इससे अगड़ी और दलितों के वोटों में बिखराव होगा जिसका फायदा कहीं ना कहीं महागठबंधन को मिल सकता है।

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पटना में फिटजी के निदेशक पर धोखाधड़ी का केस, फीस लेकर पढ़ाई बंद करने का आरोप; बैंक…

नया विचार पटना– देश के एक नामी कोचिंग संस्थान पर छात्रों से धोखाधड़ी का आरोप लगा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की राजधानी पटना में FIITJEE Coaching Centre पर आरोप लगा है कि उसने छात्रों से पैसे लेने के बाद अपने सेंटर बंद कर दिए हैं। यह पूरा मामला अब थाने में पहुंच चुका है। कोचिंग संस्थान के निदेशक पर केस भी दर्ज किया गया है। आरोप है कि फिटजी संस्थान ने कई छात्रों से लाखों रुपये की फीस वसूली और फिर पटना के विभिन्न कोचिंग केंद्रों में पढ़ाई बंद हो गई है। इसे लेकर नाराज छात्रों ने पटना के कोतवाली थाने में अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। थाने में फिटजी के निदेशक डीके गोयल, CFO मनीष आनंद, सेंटर हेड राजीव बब्बर और आर के ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इधर मामला दर्ज होने के बाद पुलिस इसकी जांच में जुट गई है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि फिटजी कोचिंग संस्थान के करीब 20 बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ अन्य बैंक खातों को भी सीज कराने में पुलिस जुटी हुई है। कोतवाली थाने के डीएसपी कुष्ण मुरारी ने मीडिया से बातचीत में बताया, ‘अप्रैल महीने में शुरू होने वाले एक कोर्स को लेकर कुछ छात्रों ने एडमिशन करवाया और उसका पूरा पैसा भी पेमेंट कर दिया था। इसी को लेकर आरोप लगाया गया कि पटना में जो फिटजी के सेंटर हैं उन सभी सेंटरों को बंद कर लोग भाग रहे हैं। हमने उनसे पूछा कि आपको कैसे जानकारी मिली कि वो सेंटर बंद कर यहां से जा रहे हैं तो उन्होंने बताया कि उनके शिक्षकों ने उन्हें यह बात बताई है। टीचर भी यहां छोड़ कर दूसरे कोचिंग संस्थानों में ज्वाइन कर रहे हैं।’

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बिहार में नाव पलटने से बड़ा हादसा, 3 शव मिले; 4 लापता, 18 लोग थे सवार

नया विचार – बिहार में नाव पलटने से बड़ा हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि कटिहार जिले में यह नाव पलटी है। हादसे के बाद अब तक तीन शव बरामद किए गए हैं। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि 4 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। कई लोगों के लापता होने की भी बात सामने आई है। दरअसल कटिहार के गोलाघाट से सकरी गली (झारखंड) जा रही एक डेंगी नाव के गंगा नदी के बीच धारा में पलट जाने से एक छोटे शिशु समेत तीन लोगों की मौत हो गई है। चार लोगों का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। जबकि चार लोग के लापता होने की सूचना है। ग्रामीणों की माने तो नाव पर 18 के करीब लोग सवार थे। जो रविवार की सुबह 8.30 बजे के आसपास गोलाघाट से नाव से सकरी गली के लिए निकले थे। गंगा की बीच धारा में आते ही लोगों से भरी नाव पलट गई। नाव डूबते ही 11 लोगों ने तैर कर अपनी जान बचा ली और बच्चा सहित सात लोग नदी में लापता हो गए हैं। स्थानीय गोताखोर की मदद से नदी में लापता सात लोगों में एक बच्चा सहित तीन लोगों का शव बाहर निकाला गया है। घटना की सूचना मिलते ही बीडीओ दुर्गश कुमार, सीओ स्नेहा कुमारी तथा थानाध्यक्ष कुंदन कुमार गोलाघाट घटना स्थल पहुंच कर अन्य लापता लोगों की खोजबीन में जुटे हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि एक छोटी नाव पर 18 लोग सवार होकर झारखंड के सकरीगली जा रहे थे। जिसमें 11 लोग तैर कर नदी से बाहर हो गए हैं। अन्य सात लोगों में एक बच्चा सहित तीन लोगों का शव नदी से बाहर निकाल लिया गया है। अन्य चार की खोज जारी है।

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रोहतास के बालू घाट के दफ्तर में 5 लाख की लूट, CCTV में कैद हुई वारदात

नया विचार – बिहार के रोहतास जिले के नासरीगंज इलाके में शनिवार की देर रात अपराधियों ने बालू घाट के दफ्तर में लूटपाट की. रात करीब 1:30 बजे 10 से 12 की संख्या में आये हथियारबंद अपराधियों ने सोन नदी के किनारे स्थित क्लस्टर- 3 बालू घाट के दफ्तर में यह लूटपाट की है. अपराधियों ने पहले दफ्तर के अंदर मौजूद लोगों को डराया-धमकाया. उनके साथ मारपीट की. इसके बाद बक्से में रखे नकद पांच लाख रुपये लूटकर फरार हो गए. लूटपाट की पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है. घटना की जानकारी मिलने पर रोहतास पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थाल का निरीक्षण किया. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चल रही जांच जिला एसपी रोशन कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. अपराधियों की पहचान कर ली गई है. जल्द ही उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वैसे लूटपाट की घटना के बाद बालू घाटों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. नासरीगंज के इस क्षेत्र में पहले भी अपराधी गतिविधियां सामने आती रही हैं. बालू व्यापार में बढ़ते आर्थिक लेनदेन के कारण यह इलाका अपराधियों के निशाने पर है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की है. स्थानीय व्यापारियों में दहशत इस लूटपाट के बाद नासरीगंज के बालू घाट क्षेत्र में दहशत का माहौल है. स्थानीय व्यापारियों और कर्मचारियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि लोगों के बीच डर का माहौल भी पैदा करती हैं. हालांकि पुलिस ने आश्वासन दिया है कि अपराधियों को पकड़ने और न्याय दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे. साथ ही बालू घाटों की सुरक्षा व्यवस्था को भी और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जाएगा.

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गोपालगंज में सुबह-सुबह पुलिस इनकाउंटर, शूटर अभिषेक यादव को लगी गोली

नया विचार – गोपालगंज में सुबह-सुबह पुलिस इनकाउंटर हुआ है. रविवार की सुबह हुए इस इनकाउंटर में शूटर अभिषेक यादव पुलिस की गोली से घायल हुआ है. इनकाउंटर उचकागांव थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव के पास हुई है. घायल कुख्यात अपराधी को पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अभिषेक यादव पर आरोप है कि इसने उचकागांव थाना क्षेत्र के झीरवा पंचायत के पूर्व मुखिया व शिक्षक अरविंद यादव की बीते 10 जनवरी को घर से स्कूल जाते समय हत्या कर दी गयी थी. पैर में गोली लगी और वह भाग नहीं सका पूर्व मुखिया हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को सूचना मिली कि हत्याकांड के मुख्य शूटर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए वृंदावन गांव में पहुंचा है. पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की और सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन शूटर ने अपनी पिस्टल से पुलिस पर ही फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें कुख्यात अपराधी और शूटर अभिषेक यादव को पैर में गोली लगी और वह भाग नहीं सका. जिसके बाद पुलिस उसे घायल अवस्था में इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करा दी है. एसपी अवधेश दीक्षित ने सदर अस्पताल में पहुंचकर घायल अपराधी से पूछताछ की है. एक पिस्तौल और गोली भी बरामद गोपालगंज पुलिस पूर्व मुखिया हत्याकांड में जल्द बड़ा खुलासा करने की बात कहते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी. एसपी ने कहा कि मुठभेड़ में गिरफ्तार हुआ अपराधी अभिषेक यादव पर कई अपराधिक मामले पहले से दर्ज है और उसने रेकी करने के बाद पूर्व मुखिया अरविंद यादव की गोली मारकर हत्या की थी. पुलिस नहीं अपराधी के पास से एक पिस्तौल और गोली भी बरामद किया है. गोपालगंज में हुई इस कार्रवाई के बाद अपराधियों में हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस ने इस कार्रवाई से साफ तौर पर अपराधियों को मैसेज दिया है कि छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं. इसके पहले भी चौकीदार झमेंद्र राय हत्याकांड में गिरफ्तार करने गई, पुलिस के साथ अपराधियों ने मुठभेड़ किया था, जिसमें जवाबी कार्रवाई में अपराधी घायल हुए थे.

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चाबी लाओ चाबी.., जब तेजस्वी को बगल में बैठा तेजप्रताप ने संभाली स्टेरिंग; सारथी वाले सवा…

नया विचार पटना– बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल के नेता और तेजस्वी यादव का पार्टी में कद बढ़ा है। शनिवार को पटना में हुई राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी संविधान में संशोधन का प्रस्ताव पेश कर पार्टी के सारे फैसले लेने के लिए लालू प्रसाद के साथ तेजस्वी प्रसाद यादव को भी अधिकृत कर दिया गया। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि अब राजद में तेजस्वी युग की शुरुआत हो चुकी है। इन सब के बीच तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव का एक वीडियो सामने आया है जो काफी चर्चा में है। दरअसल यह वीडियो है तेज प्रताप यादव के कार चलाने का। इस वीडियो में तेज प्रताप यादव की बगल वाली सीट पर तेजस्वी यादव बैठे नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में तेज प्रताप यादव ड्राइविंग सीट पर बैठ कर स्टेरिंग संभाल रहे हैं और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव उनकी ड्राइविंग का आनंद ले रहे हैं। वीडियो में नजर आ रहा है कि जब तेजस्वी यादव कार में ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठे थे तब ही तेज प्रताप यादव ने खुद आकर कार में ड्राइविंग सीट संभाल ली। लेकिन जैसे ही तेज प्रताप यादव ने कार को आगे बढ़ाने की कोशिश की तो उन्होंने दखा कि कार की चाबी उसमें मौजूद नहीं है। इसके बाद दोनों ही भाइयों ने पीछे मुड़कर चाबी के लिए आवाज दी और कहा, चाबी दो.. चाबी। तेज प्रताप यादव ने कहा, चाबी मांगिए ना चाबी। इसी बीच एक पत्रकार ने सवाल किया, ‘लंबे समय के बाद एक फिर तेज प्रताप जी सारथी की भूमिका में? इसपर तेजस्वी यादव ने तुरंत जवाब दिया, ‘आप लोग सिर्फ घीसा- पीटा सवाल पूछते हैं। हालांकि, इसके कुछ समय बाद कार की चाबी तेज प्रताप यादव को दी गई। इसके बाद तेज प्रताप यादव ने स्टेरिंग संभाला और धीरे-धीरे उनकी कार आगे बढ़ गई। इस दौरान तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के समर्थन में वहां नारे भी लगाए गए। तेज प्रताप यादव ने कही थी यह बात आपको याद दिला दें कि पटना की एक रैली में तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव को अर्जुन बताते हुए खुद को सारथी बताया था। उस रैली में तेज प्रताप यादव ने कहा था, ‘जो लोग हमारे अर्जुन और मुझे जेल भेजने की तैयारी कर रहे हैं, अगर वो माई के लाल हैं तो हम दोनों भाइयों को गिरफ्तार करके दिखाएं। हम तो डंके की चोट पर रथ पर चढ़ेंगे और खुद तेजस्वी के रथ का सारथी भी बनेंगे।’

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