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बिहार के इस शहर में अभी से सताने लगी पानी की चिंता, एक माह में 10 फुट नीचे गिरा वाटर लेयर

बिहार : इस बार गर्मी अधिक पड़ने की आंशका है. इसके साथ ही लोगों को पेयजल की चिंता सताने लगी है. जिले के कई इलाके गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट से जूझने लगे हैं. शहर से लेकर देहात तक हाल के दिनों में जल संकट दूर करने के लिए बहुत सारी योजनाओं को पूरा किया गया है. इसके बाद भी कई जगहों पर लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ता है. शहर से लेकर देहात तक में अंडरग्राउंड वाटर लेयर समय-समय पर चेक किया जा रहा है. इसमें कोई खास बदलाव अब तक हुआ है. देहाती क्षेत्र में पिछले वर्ष वर्तमान समय में 31 फुट था, तो फिलहाल 26-26.5 फुट अंडरग्राउड वाटर लेयर है. शहर में दंडीबाग व अन्य जगहों पर फल्गु नदी के तट पर बोरिंग के सहारे पाइपलाइन के माध्यम से वाटर सप्लाइ की जाता है. इसके साथ ही शहर में गंगाजल की सप्लाइ भी हो रही है. फिलहाल फल्गु नदी का अंडरग्राउंड वाटर लेयर 25-26 है. एक माह पहले तक नदी में लेयर 15 से 17 फुट पर था.

योजनाओं में थोड़ी-बहुत कमी के चलते लोगों के घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी

शहर में हर घर नल का जल व गंगाजल योजना को पूरा किया गया है. कई इलाकों में अब तक काम को पूरा नहीं किया जा सका है. थोड़ी बहुत कमी के चलते लोगों के घरों तक पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है. बार-बार बैठक कर अधिकारी दिशा निर्देश दे रहे हैं. उसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं दिखती है. शहर में सबसे अधिक पानी की बर्बादी होती है. जगह-जगह पाइपलाइन में लीकेज की बात हर दिन सामने आती है. सूचना देने के बाद भी समय पर इसे नहीं बनाया जाता है. लोगों की भी कई जगहों पर गलती है. पाइपलाइन का कनेक्शन दिये जाने के बाद पाइप में टोटी तक नहीं लगाया है. पानी ऐसे ही बहता रहता है.

फाइल फोटो
फाइल फोटो

इन इलाकों में होती है अधिक दिक्कत

शहर में एपी कॉलोनी, बैंक कॉलोनी, कलेर, शहीद भगत सिंह कॉलोनी, सिंगरा स्थान, गेवाल बिगहा, पुलिस लाइन आदि जगहों पर पानी की किल्लत सामने आती रही है. पाइपलाइन विस्तार के बाद कुछ जगहों पर पिछले वर्ष दिक्कत नहीं हुई थी. रेलवे एक नंबर गुमटी के पास कुछ मुहल्लों में पाइपलाइन से पानी नहीं पहुंचने के चलते हंगामा हुआ था. अब आगे की स्थिति आने वाला समय ही तय करेगा. निगम की ओर से पिछले दिनों किल्लत की संभावना वाले जगह पर मिनी जलापूर्ति केंद्र लगाने की घोषणा की गयी थी. काम अब तक शुरू नहीं हो सका है. शहर में 800 चापाकल भी लगे हैं. इसमें कई जगहों पर चापाकल खराब पड़े हैं. एक समय ऐसा भी आया था कि जलसंकट के चलते एपी कॉलोनी को लोग खाली कर घर जाने लगे थे.

निगम व पीएचइडी के पास मौजूद संसाधन

निगम के पास टैंकर- 32

मिनी जलापूर्ति केंद्र ( बैट )- 384

चपाकल- 800

पीएचइडी के पास टैंकर- 46

स्थिति को संभालने के लिए हर स्तर पर तैयारी पूरी

जिले में पेयजल संकट नहीं हो इसकी तैयारी पहले से ही पूरी कर ली गयी है. प्रखंड, अनुमंडल से लेकर पंचायत स्तर पर निगरानी रखी जा रही है. बीडीओ व अन्य जनप्रतिनिधि किसी जगह से शिकायत मिलने पर तुरंत ही टीम पहुंच कर मरम्मत करती है. चापाकल बनाने व जरूरत वाले जगह पर नये चापाकल बनाने का काम भी किया जा रहा है. बहुत जरूरी होने पर टैंकर से भी पानी भेजा जायेगा. किसी को गर्मी में पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. (अभिशांत, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी)

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निगम की ओर से की जा रही तैयारी

शहर की पेयजल व्यवस्था नगर निगम के जिम्मे नहीं है. निगम क्षेत्र के लोगों के लिए हर तरह की व्यवस्था करना उनकी जिम्मेदारी है. फिलहाल बुडको की ओर से तैनात एक एजेंसी ही पेयजल व्यवस्था देख रही है. निगम के पास टैंकर से पानी देने व मिनी जलापूर्ति केंद्र (बैट) के साथ 800 चापाकल की जिम्मेदारी निगम के पास है. इन व्यवस्थाओं को पहले से ही दुरुस्त कर लिया गया है. जरूरत वाले जगहों पर नये तौर से मिनी जलापूर्ति केंद्र (बैट) लगाने की स्वीकृति निगम बोर्ड ने दे दी है.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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