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बिहार यूथ फेडरेशन के रक्तदान शिविर में 43 रक्तवीरों ने किया रक्तदान

नया विचार न्यूज़ समस्तीपुर। बिहार यूथ फेडरेशन के तत्वावधान में रविवार को मुसरीघरारी पटोरी रोड स्थित बजाज एजेंसी के परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसका विधिवत उद्घाटन डॉक्टर स्वापिनल प्रियदर्शी एवं युवा समाजसेवी मोहम्मद नौशाद ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया।इस अवसर पर उन्होंने बिहार यूथ फेडरेशन के इस पुनीत कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन निरंतर रक्तदान के क्षेत्र में कार्य कर रहा है जिसके इस संगठन से जुड़े सभी सदस्य बधाई के पात्र है।उन्होंने ने कहा कि लोग रक्तदान को लेकर फैली भ्रांतियों के कारण रक्तदान करने से कतराते हैं जबकि इससे कोई हानि नहीं होता बल्कि कई प्रकार के लाभ होते हैं। अत: हम सभी को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो शिक्षित लोग हैं वो इसके प्रति जागरूक और सजग हैं लेकिन जो शिक्षित नहीं हैं वो इससे कतराते हैं। ऐसे लोगों में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। 18 से अधिक आयु के लोग जिनका वजन 50 किलोग्राम से अधिक है वह रक्तदान कर सकते हैं। नियमित अंतराल यानी तीन महीने बाद रक्तदान करते रहने से हमारे शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है और रक्तदाता को हृदयाघात की संभावना नहीं रहती। नियमित रक्तदान करने से कैंसर सहित अन्य बीमारियाें का खतरा भी कम हो जाता है। रक्तदान से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हमारे शरीर का वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, मलेरिया, एचबीएसएजी, एचसीवी, वीडीआरएल आदि की जांचें हो जाती हैं।वही सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद नौशाद ने कहा कि रक्तदान करने से शरीर में किसी तरह की कमजोरी नहीं आती है। जबकि इससे शरीर और स्वस्थ बनता है। डोनेट करने के बाद 24 घंटे में वापस शरीर में उतना ही ब्लड बन जाता है। बशर्ते आप खान-पान सही रखें। ब्लड डोनेट करते समय आपके शरीर के पांच तरह की जांच भी होती हैै, वह भी बिल्कुल मुफ्त। इसके अलावा यह किसी की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण है। हर स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 3 माह के अंतराल में एक बार रक्तदान जरूर करना चाहिए। इसी तरह यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष मोहम्मद तमन्ना खान ने कहा कि आज का युवा पीढ़ी में रक्तदान को लेकर काफी भ्रांतियां हैं जिसे दूर करने का प्रयास यह संस्था निरंतर कर रहा है।उन्होंने कहा कि एक यूनिट में 350 मिलीग्राम खून लिया जाता है, जिसकी कमी शरीर में 24 घंटे में पूरी हो जाती है। एक यूनिट ब्लड से एक यूनिट पैक्ड रेड ब्लड, एक-एक यूनिट प्लाज्मा और प्लेटलेट्स बनाया जाता है। 18 से 60 वर्ष के स्वस्थ रक्तदाता, 45 किग्रा से कम से कम वजन व हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम ब्लड होने पर रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान के बीच तीन माह का अंतराल होना चाहिए। उन्होंने बताया कि थैलेसिमिया एप्लास्टिक एनीमिया, कैंसर पीड़ित मरीजों को निरंतर ब्लड की जरूरत होती है, ऐसे में लोग स्वैच्छिक रक्तदान जरूर करें और लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करें।शिविर में मोहम्मद नौशाद,रंजन कुमार, मोहम्मद समीर, दीपक कुमार, दानिश कमाल,नीरज कुमार गुप्ता, अनामुल हक, शुभम झा,अब्दुल कादिर और रंजीत पासवान समेत 43 लोगों ने रक्तदान किया। इस मौके पर फेडरेशन के अध्यक्ष मोहम्मद तमन्ना खान के अलावा पप्पू खान, रूबैद, गुफरान, मो नौशाद, फूल हसन, मो नसीरुद्दीन, मो नसीम, मिर्ज़ा फरहाद, नसीम अब्दुल्लाह, शाकिर रजा आदि लोग उपस्थित थे।

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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