Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है. अपने जीवनकाल के दौरान उन्होंने कई तरह की बातें बताई जिन्हें आगे चलकर चाणक्य नीति के नाम से जाना जाने लगा. उनकी जो नीतियां थी वे आज के समय में भी मानवजाति को सही रास्ता दिखाने का काम करती हैं और साथ ही जीवन में कोई बड़ी गलती करने से भी रोकती है. अपनी इन्हीं नीतियों में आचार्य चाणक्य ने स्त्रीओं के खाना बनाते समय की जाने वाली कुछ गलतियों का भी जिक्र किया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर कोई भी स्त्री खाना बनाते समय इन गलतियों को बार-बार दोहराती है तो इसका सीधा असर घर की खुशियों और तरक्की पर पड़ता है. आपके घर की खुशियों पर और तरक्की पर किसी तरह का बुरा असर न पड़े इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें हर स्त्री को खाना बनाते समय दोहराने से बचना चाहिए. तो चलिए इनके बारे में जानते हैं विस्तार से.
खाना बनाते समय स्त्रीएं न करें एक दूसरे से बात
आचार्य चाणक्य के अनुसार एक स्त्री को कभी भी खाना बनाते समय एक दूसरे से बातें नहीं करनी चाहिए और न ही कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे उसका ध्यान भटके. जब खाना बनाते समय दिमाग भटका हुआ रहता है तो इसका असर भोजन के स्वाद पर पड़ता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब भी आप खाना बनाएं तो आपका पूरा ध्यान उसी में होना चाहिए.
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बिना नहाये कभी भी न बनाएं खाना
चाणक्य नीति में यह साफ तौर पर बताया गया है की जब आप किचन में घुसें या फिर खाना बनाएं तो इस समय आपका शरीर और कपड़े पूरी तरह से साफ होने चाहिए. अगर आप बिना नहाये खाना बनाती हैं तो उसे शुद्ध नहीं माना जाता है. जब आप इस तरह की चीजों का सेवन करते हैं तो आपकी तबियत बिगड़ सकती है और साथ ही आप मेंटली भी परेशान हो सकते हैं. आपकी यह गलती पूरे घर में निगेटिव एनर्जी को फैलाने का काम करती है जिससे तरक्की होना रुक जाता है.
गुस्से में या फिर बेमन खाना बनाने की गलती
कई बार ऐसा होता है कि घर में लड़ाई-झगड़े होते हैं या फिर बहस हो जाती है जिससे स्त्रीएं दुखी और परेशान हो जाती हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार इस हालात में भी एक स्त्री को कभी भोजन नहीं बनाना चाहिए. जब आप गुस्से में या फिर दुखी होकर खाना बनाती हैं तो इसका असर भोजन पर पड़ता है और वह भोजन परिवार के सदस्यों में चिड़चिड़ाहट की भावना पैदा कर सकता है. अगर इस तरह के भोजन को खा लिया जाए तो पूरे परिवार में लड़ाई-झगड़े और आपसी क्लेश बढ़ जाते हैं. इसके अलावा आप चाहे कोई भी काम कर रहे हों आपका उसमें मन भी नहीं लगता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जब आप खाना बना रही हैं तो आपका मन शांत होना चाहिए और साथ ही आपको खुश भी रहना चाहिए.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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