नया विचार – प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वरूपरानी अस्पताल में मौजूद रिपोर्टर के मुताबिक, 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। मेला प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान को रद्द कर दिया है।
ग्राउंड जीरो पर मौजूद के रिपोर्टर्स के मुताबिक, अफवाह के चलते यह भगदड़ मची। कुछ स्त्रीएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। समाचार मिलते ही 50 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंच गई हैं।
घायलों को अलग-अलग अस्पताल में भिजवाया जा रहा है। NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया है। संगम नोज इलाके को आम लोगों के लिए सील कर दिया गया है। यहां सिर्फ साधुओं को स्नान के लिए जाने की इजाजत है।
मीडिया रिपोर्ट्स में अब मौके पर हालात सामान्य बताए जा रहे हैं। एंबुलेंस को भी घटनास्थल से लौटा दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रयागराज में लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है। सीमा वाले सभी जिलों में अधिकारियों को श्रद्धालुओं को रोकने के लिए मुस्तैद कर दिया गया है।
महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज में मौजूद होने का अनुमान है। श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला अब भी जारी है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की संभावना है।
इससे ठीक, एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।