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Cyber Fraud: ऐसे करें असली और नकली मैसेज की पहचान? जानिए साइबर फ्रॉड से बचने का आसान तरीका

Cyber Fraud: साइबर अपराधी यानी हैकर्स और फ्रॉड करने वाले लोग अलग-अलग तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं. वे अक्सर लोगों को फंसाने के लिए फर्जी मैसेज भेजते हैं, जिनमें लिखा होता है कि आपका बैंक अकाउंट बंद हो जाएगा, KYC अपडेट करें, कोई ऑफर जीत लिया है, या कोई OTP डालें. अगर आपने इन मैसेज पर भरोसा किया या कोई लिंक पर क्लिक किया, तो आपकी निजी जानकारी चोरी हो सकती है.

कैसे करें असली और नकली मैसेज की पहचान?

प्रशासन और TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने सभी कंपनियों और संस्थाओं को एक नियम बनाया है. अब जब भी किसी संस्था की तरफ से कोई मैसेज भेजा जाता है, तो उस मैसेज के अंत में एक खास अक्षर लिखा होता है. यही अक्षर उस मैसेज की पहचान बताते हैं.

ये 4 अक्षर होते हैं G, S, T, P
G = Government
इसका मतलब यह है कि मैसेज किसी प्रशासनी विभाग या संस्था की तरफ से भेजा गया है. जैसे बिजली विभाग, नगर निगम या कोई प्रशासनी योजना से जुड़ा मैसेज.

S = Service
इसका मतलब है कि यह मैसेज किसी सर्विस प्रोवाइडर से आया है जैसे बैंक, मोबाइल कंपनी, इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनी आदि.

T = Transaction
अगर यह लिखा हो, तो समझिए कि मैसेज आपके लेन-देन से जुड़ा है. जैसे कि बैंक का OTP, खाते से कटौती की जानकारी, या पेमेंट कन्फर्मेशन.

P = Promotional
इसका मतलब यह है कि यह मैसेज किसी विज्ञापन या प्रचार से जुड़ा है. जैसे कोई शॉपिंग ऑफर, डिस्काउंट, लोन ऑफर या किसी प्रोडक्ट का प्रचार.

अगर मैसेज में ये कोड नहीं हैं, तो सावधान हो जाइए!
अगर आपको कोई मैसेज आता है और उसके अंत में G, S, T या P में से कोई भी कोड नहीं है, तो वह संदिग्ध हो सकता है. ऐसे मैसेज में कोई फर्जी लिंक हो सकता है, जिस पर क्लिक करते ही आपकी जानकारी चोरी हो सकती है.

लोग सोचते हैं “कोई स्कैमर भी तो G या S डाल सकता है?” लेकिन ऐसा नहीं है. G, S, T या P जैसे कोड तभी दिए जा सकते हैं, जब वह संस्था TRAI में रजिस्टर्ड हो.
TRAI हर कंपनी को एक खास Sender ID देती है और उसके जरिए ही मैसेज भेजा जा सकता है. बिना रजिस्ट्रेशन के ये कोड किसी फर्जी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल नहीं किए जा सकते है.

कैसे रहें सुरक्षित?

हर मैसेज को ध्यान से पढ़ें
अगर किसी मैसेज में आपको कुछ अजीब लगे या कोड न हो, तो उस पर भरोसा न करें.
किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सोचें क्या यह भरोसेमंद है?
अपने बैंक की जानकारी, OTP, पासवर्ड कभी भी किसी से शेयर न करें.
अगर किसी मैसेज पर शक हो, तो तुरंत अपने बैंक या संबंधित कंपनी से संपर्क करें.
TRAI के नियमों के अनुसार भेजे गए मैसेज पर ही भरोसा करें.

प्रशासन का उद्देश्य क्या है?

हिंदुस्तान प्रशासन और TRAI ने यह कोड सिस्टम इसलिए शुरू किया है ताकि लोग साइबर फ्रॉड से सुरक्षित रह सकें. प्रशासन चाहती है कि हर नागरिक को असली और नकली मैसेज की पहचान हो, ताकि किसी की मेहनत की कमाई ठगों के हाथ न लगे.

अब जब भी आपके मोबाइल पर कोई मैसेज आए, तो उसकी अंतिम लाइन को जरूर देखें. अगर उसमें G, S, T या P लिखा है, तो वह मैसेज असली हो सकता है. लेकिन अगर ऐसा कुछ नहीं लिखा है, तो तुरंत सतर्क हो जाइए.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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