बिहार : न चाहते हुए भी बिहार के नाम पर एक शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. आईक्यूएयर कि रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सर्वाधिक 50 प्रदूषित शहरों में बिहार के 7 शहर शामिल हैं. इनमें भागलपुर, अररिया, पटना, हाजीपुर, छपरा, सहरसा और मुजफ्फरपुर का नाम शामिल है. दरअसल, आईक्यूएयर ने बिहार में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्य और केंद्र प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों और नतीजों पर स्टडी करने के बाद रिपोर्ट पब्लिश किया है.

भागलपुर सर्वाधिक 28 बार शामिल
रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार के कुल 11 शहर जनवरी, 2025 में देश के दैनिक शीर्ष-10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में कम-से-कम एक बार शामिल हुए. भागलपुर सर्वाधिक 28 बार, जबकि सहरसा (21 बार), छपरा (13 बार), राजगीर (आठ बार), अररिया (सात बार), आरा (छह बार), पटना (चार बार), किशनगंज (एक बार), पूर्णिया (एक बार), समस्तीपुर (एक बार), और मुजफ्फरपुर (एक बार) शामिल हुए.
प्रदूषण रोकने में नाकाम रही प्रशासन
पिछले एक साल में कुल 346 दिन इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता का हाल, मानक से खराब रहा है. यह शहर अब भी केंद्र प्रशासन के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम से बाहर है. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की घोषणा के पांच वर्ष पूर्ण होने पर जारी इस विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में यह पाया गया कि प्रशासन द्वारा घोषित इस कार्यक्रम के लक्ष्यों को हासिल करने में कमी रहने पर किसी भी प्रकार की सजा का प्रावधान नहीं होने से काफी लापरवाहियां हुई हैं. इसी कारण लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की तुलना में खराब है वायु गुणवत्ता
साल 2023 में इन सभी शहरों में लगभग 90 प्रतिशत दिनों की वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थय संगठन के मानकों की तुलना में खराब थी. इनमें से 11 शहरों की वायु गुणवत्ता पिछले एक वर्ष में सत्तर प्रतिशत दिन राष्ट्रीय मानकों की तुलना में खराब रही हैं. केवल सासाराम और मंगुराहा (वन्य क्षेत्र- वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) की वायु गुणवत्ता पिछले एक वर्ष के दौरान 50 प्रतिशत दिनों राष्ट्रीय मानकों के मुकाबले ठीक रहीं.
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