अनुज शर्मा/ Bihar News: पटना. आर्थिक अपराध इकाई और साइबर सेल ने प्रदेश के सभी थानों को चौकसी बढ़ाने, 24 घंटे निगरानी रखने, नियमित बैकअप लेने और आईटी ऑडिट सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही, अधिकारियों को अनधिकृत सोशल मीडिया गतिविधियों से बचने और कोई भी संवेदनशील सूचना साझा न करने की सख्त सलाह दी गई है. केंद्र प्रशासन और सीइआरटी- इन (हिंदुस्तानीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम) की रिपोर्ट के अनुसार मई की शुरुआत से देश की कई महत्वपूर्ण डिजिटल प्रणालियों को डीडीओएस (डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस) हमलों और फिशिंग अभियानों का सामना करना पड़ा है.
साइबर अपराधी सक्रिय
इन हमलों का मकसद प्रशासनी नेटवर्क, ऊर्जा आपूर्ति, डेटा केंद्रों, वित्तीय सेवाओं और नगर निकायों की डिजिटल संरचना को बाधित करना है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान समर्थित हैक्टिविस्ट समूह, एपीटी -36, रिपर सेक, अनोन सेक, कीमाउस , सिलहट गैंग और मिस्टर हम्ज़ा आदि डिजिटल सिस्टम को निशाना बनाने में सक्रिय रहे हैं. सभी जिलों को साइबर सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. प्रशासनी दस्तावेज़, पहचान पत्र या आंतरिक बैठकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा न करें.
विशेष ईमेल पते और हॉटलाइन सक्रिय
अनजान ईमेल, लिंक या क्यूआरकोड कोड पर क्लिक करने से बचने के साथ केवल अधिकृत प्लेटफॉर्म पर ही संचार करने की सलाह दी गयी है. साइबर सेल को फर्जी वेबसाइटों, नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल और फिशिंग गतिविधियों की सतत निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी संदिग्ध सामग्री या साइबर गतिविधि की जानकारी तुरंत राज्य साइबर सुरक्षा प्रकोष्ठ को देने को कहा गया है। इसके लिए विशेष ईमेल पते और हॉटलाइन सक्रिय कर दिए गए हैं.
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