जिला स्तरीय शुल्क समिति की बैठक गुरुवार को समाहरणालय में हुई. अध्यक्षता उपायुक्त माधवी मिश्रा ने की. कहा : जिले के कोई भी निजी स्कूल विशेष दुकान से बच्चों के लिए किताब, ड्रेस, जूते, बैग आदि खरीदने का दबाव अभिभावकों पर नहीं बना सकते. स्कूल कैंपस में किताबें नहीं बेच सकते. किताबों की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की जांच करना आवश्यक है. कुछ निजी स्कूलों द्वारा बगैर एमआरपी की किताबें की बिक्री करना नियमों का घोर उल्लंघन है. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को दो सप्ताह में सभी निजी स्कूलों में नियमों का पालन कराने और व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया. कहा कि इसके बाद भी नियमों का उल्लंघन करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा की जायेगी. उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ना अभिभावकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. निजी स्कूलों द्वारा विभिन्न तरह की फीस लेने, नियम विरुद्ध अप्रत्याशित रूप से फीस में बढ़ोतरी करने से अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ने के साथ साथ बच्चों पर भी मानसिक दबाव बढ़ता है.
जान बूझकर गलती करने वाले निजी स्कूलों के विरुद्ध होगी कार्रवाई :
उपायुक्त ने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने भी निजी स्कूलों की मनमानी से संबंधित शिकायतें की हैं. उन्होंने कहा कि किताबों की एमआरपी की सत्यता जानने के लिए ऑनलाइन जांच करें. गलती से की गयी गलती को सुधारने के लिए निजी विद्यालयों को समय दिया जा सकता है, लेकिन जानबूझकर ऐसा करने वाले और किताब, ड्रेस, जूते, स्कूल बैग खरीदने में अपना एकाधिकार रखने वाले निजी स्कूलों के विरुद्ध जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा. उपायुक्त ने स्कूल बैग के वजन की औचक जांच करने का भी निर्देश दिया है. बैठक में सांसद धनबाद ढुलू महतो, विधायक राज सिन्हा, विधायक टुंडी के प्रतिनिधि जगदीश प्रसाद चौधरी, विधायक झरिया के प्रतिनिधि केडी पांडेय, जिला परिवहन पदाधिकारी दिवाकर सी द्विवेदी, जिला शिक्षा पदाधिकारी अभिषेक झा, जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य सुमंत कुमार मिश्रा, डीपीएस की प्राचार्या सरिता सिन्हा व संतोष कुमार सिंह समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.
सांसद व विधायक ने की निजी स्कूल की शिकायत :
जिला स्तरीय शुल्क समिति की बैठक में धनबाद सांसद ढुलू महतो ने स्कूल बसों की जांच करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि कई निजी स्कूल रिजेक्टेड बस चलाते हैं. उन्होंने बस, वैन व ऑटो ड्राइवर, स्कूल के गार्ड का चरित्र प्रमाण पत्र की जांच करने का भी अनुरोध किया. वहीं धनबाद विधायक राज सिन्हा ने निजी स्कूलों में बीपीएल एडमिशन में नियमों का पालन नहीं करने, विशेष मुद्रक की ऊंची कीमत पर किताब खरीदने के लिए दबाव बनाने की जानकारी दी.
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